वाक्य में प्रयोग किए गए शब्दों को पद कहा जाता है| इन्हीं पदों का व्याकारणिक परिचय देना पद परिचय कहलाता है। वाक्य में आए पदों का परिचय विभिन्न आधारों पर दिया जाता है।दिया जाता है। प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते है 1. संज्ञा शब्द का पद परिचय वाक्य में संज्ञा […]
काव्य को सुनने या पढ़ने में उसमें वर्णित वस्तु या विषय का शब्द चित्र में बनता है। इससे मन को अलौकिक आनंद प्राप्त होता है। इस आनंद और इसकी अनुभूति को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता, केवल अनुभव किया जा सकता है, यही काव्य में रस कहलाता है। किसी विनोदपूर्ण कविता को सुनकर […]
मुहावरे मुहावरा ऐसा शब्द समूह होता है, जो अपने शब्द में निहित अर्थ को न देकर उससे भिन्न लेकिन रूढ़ अर्थ देता है। वह अपना विलक्षण अर्थ प्रकट करता है। मुहावरा लोक मानस की स्वाभाविक अभिव्यक्ति होता है। इसमें दुरुहुता नहीं होती है। यह अपने लोक परंपरागत अर्थ में ही सार्थक है। “मुहावरा” अरबी भाषा […]
वाक्य विचार की परिभाषा वह शब्द समूह जिससे पूरी बात समझ में आ जाए, ‘वाक्य’ कहलाता है।विचार को पूर्णता से प्रकट करने वाली एक क्रिया से युक्त पद-समूह को ‘वाक्य’ कहते हैं। जिससे वक्ता या लेखक का पूर्ण अभिप्राय श्रोता या पाठक को समझ में आ जाए, उसे वाक्य कहते हैं। जैसे- “विजय खेल रहा […]
विशेषण एक विकारी शब्द है। विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को कहते है। यह शब्द संज्ञा या सर्वनाम की गुण, दोष, परिणाम और संख्या के आधार पर विशेषता बताता है। यह संज्ञा और सर्वनाम के महत्व को बढ़ा देता है। उदाहरण-“राधा सुंदर है।” ( इसमें राधा की विशेषता सुंदर विशेषण के […]
जो शब्द जैसे होते है तथा जिनमें कोई परिवर्तन नहीं होता। जो शब्द लिंग, वचन, कारक, पुरूष और काल के कारण नहीं बदलते, वे अविकारी शब्द कहलाते हैं| अविकारी शब्द के भेद- (Avikari Shabd ke Bhed) 1.क्रिया विशेषण 2.सम्बन्ध बोधक 3.समुच्चय बोधक 4.विस्मयादि बोधक अविकारी शब्दों की पहचान कैसे करें 1. क्रियाविशेषण: वे शब्द जो […]
क्रिया का अर्थ होता है कार्य करना। भाषा के वाक्य को पूरा करने के लिए क्रिया का होना जरूरी है। किसी भी वाक्य को पूरा करने के लिए क्रिया का होना जरूरी है। क्रिया किसी भी कार्य को होने या करने के बारे में दर्शाती है। क्रिया को करने वाला कर्ता कहलाता है। क्रिया एक […]
सर्वनाम का अर्थ है– सब का नाम। जिस प्रकार संज्ञा में केवल किसी विशेष का ही नाम प्रयोग होता है उसी प्रकार सर्वनाम में संज्ञा के स्थान प्रयुक्त सर्वनाम सभी के लिए प्रयोग होता है। किसी विशेष के लिए नहीं होता। उदाहरण: “हम सभी स्कूल जा रहे हैं।” इस वाक्य में “हम” सभी के लिए […]
संज्ञा एक ऐसा शब्द है जो एक विशिष्ट वस्तु या वस्तुओं के समूह के नाम के रूप में कार्य करता है।जैसे- जीवित प्राणी, स्थान, कार्य, गुण, अस्तित्व की स्थिति या विचार। संज्ञा की परिभाषा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण, जाति, भाव, क्रिया, द्रव्य आदि का ज्ञान कराने वाले शब्द या नाम को संज्ञा कहा जाता […]