कहा जाता है कि एक सुघड़, सुशील और सुशिक्षित स्त्री दो कुलों का उद्धार करती है। विवाह से पहले वह अपने मातृकुल को सुधारती है और विवाह के बाद अपने पतिकुल को। उनके इस महत्त्व को प्रत्येक देश–काल में स्वीकार किया जाता रहा है, किन्तु यह विडम्बना ही है कि उनके अस्तित्व और शिक्षा पर […]
राष्ट्र को विकसित बनाने में युवाओं की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भागीदारी हो सकती है। आगामी 25 वर्षो में भारत को विकसित देशों की श्रेणी में शामिल करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। प्रधानमंत्री का भाषण आजादी के अमृत काल में युवाओं के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करेगा। जिस तरह से इंजन को चालू करने […]
धर्म शब्द संस्कृत भाषा के ‘धृ’ से बना है जिसका अर्थ है किसी वस्तु को धारण करना अथवा उस वस्तु के अस्तित्व को बनाये रखना। धर्म का सामान्य अर्थ कर्तव्य है। इसीलिए व्यक्ति के जीवन से संबंधित अनेक आचरणों की एक संहिता है जो उसके कर्तव्यों और व्यवहारों को नियंत्रित और निर्देशित करती है। डेविस […]
राष्ट्रीय पक्षी का अर्थ है एक ऐसा पक्षी जो हमारे देश का प्रतीक है। भारत में कई सारे सुंदर-सुंदर पक्षी पाए जाते हैं। भारत में तक़रीबन 1,200 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। बात सिर्फ राष्ट्र पक्षी की करें तो भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर को माना जाता है। 26 जनवरी 1963 को […]
“समय”, यह शब्द लिखने में जितना ही छोटा और बोलने में जितना ही आसान है इसकी परिभाषा उतनी ही कठिन है। ऐसा कहा जाता है कि समय एक भिखारी को राजा और एक राजा को भिखारी बना सकता है। समय में बहुत बल होता है। इतनी ताकत होती है कि इसके आगे कुछ भी टिक […]
हमारे देश में अनेक प्रकार के फूल उगाये जाते है। कई फूल बहुत सुन्दर और महकदार होते है।जिसमे एक नाम राष्ट्रीय पुष्प कमल का भी आता है।सभी राष्ट्र की अपनी एक अलग राष्ट्र फूल होती। राष्ट्र फूल का भी बहुत महत्व होती हैं।भारत राष्ट्र कमल के फूल को राष्ट्र फूल माना गया हैं। कमल फूल […]
“राष्ट्र ध्वज” , यह शब्द एक स्वतंत्र राज्य के लिए बहुत ही बड़ा शब्द है। इस शब्द का अर्थ बहुत ही महत्वपूर्ण भी माना जाता है। राष्ट्रध्वज उस राष्ट्र की स्वतंत्रता का प्रतीक होता है। हर एक स्वतंत्र राष्ट्र का अपना एक राष्ट्रध्वज होता है जिसे तिरंगा कहते हैं। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में, तीन रंग […]
अनुच्छेद को अंग्रेजी भाषा में पैराग्राफ कहा जाता है। अनुच्छेद के द्वारा एक विचार को शब्दों में व्यक्त किया जाता है। यह अनुच्छेद एक विषय से जुड़ा हुआ होता है। इसमें किसी विषय से संबंधित सीमित शब्दों में अपने विचारों को व्यक्त किया जाता है। अनुच्छेद में केवल विषय से संबंधित बातें ही लिखी जाती […]
हिंदी के किसी भी वाक्य में लिंग, वचन, कारक, संज्ञा, सर्वनाम , विशेषण, पुनरुक्ति और पदक्रम आदि से संबंधित गलतियों या अशुद्धियों को दूर कर शुद्ध वाक्य बनाना अशुद्ध वाक्यों का संशोधन कहलाता है। इन सभी की अशुद्धियों के कारण एक वाक्य का पुरान अर्थ नही निकल पाता है। इसके अर्थ में अनर्थ हो जाता […]