विशेषण एक विकारी शब्द है। विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को कहते है। यह शब्द संज्ञा या सर्वनाम की गुण, दोष, परिणाम और संख्या के आधार पर विशेषता बताता है। यह संज्ञा और सर्वनाम के महत्व को बढ़ा देता है।
उदाहरण-“राधा सुंदर है।” ( इसमें राधा की विशेषता सुंदर विशेषण के द्वारा बताई गई है।)
– “मोहन अच्छा गाता है।”
इस वाक्य में अच्छा विशेषण शब्द से मोहन के गाने की विशेषता बताई गई है, इसलिए इस वाक्य में ‘अच्छा’ विशेषण है।
विशेषण में वाक्य के दो भाग होते हैं।
पहला संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले को विशेषण कहते है तथा दूसरा वाक्य में जिस शब्द की विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहते है।
जैसे–: “सफेद हाथी’ ( इसमें सफेद विशेषण है और हाथी विशेष्य है क्योंकि हाथी की विशेषता बताई गई है।)
– “राकेश एक लंबा लड़का है।”
इस वाक्य में राकेश को विशेषता बताई गई है, इसलिए राकेश विशेष्य है और लंबा उसकी विशेषता है।
विशेषण के चार भेद होते है
1.गुणवाचक विशेषण
2.संख्यावाचक विशेषण
3.परिमाणवाचक विशेषण
4.सार्वनामिक विशेषण
1.गुणवाचक विशेषण
जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रंग, रूप, अवस्था, स्थिति, गंध, स्वाद, दिशा, स्वभाव आदि के बारे में पता चलें उसे गुणवाचक सर्वनाम कहते है।
जैसे- “वह भला इंसान है।’
इसमें “इंसान” की स्वभाव का बोध होता है, इसलिए यह गुणवाचक विशेषण है।
-“राधा ने सभी से बडी नम्रता से बात की।’
इसमें राधा के गुण के बारे में ज्ञान होता है, इसलिए यह गुणवाचक विशेषण है।
2.संख्यावाचक विशेषण
जिन शब्दों के द्वारा संज्ञा या सर्वनाम के संख्या संबंधी विशेषता का बोध होता है। उसे संख्यावाचक विशेषण कहते है।
उदाहरण: “कक्षा में तीस बच्चे है।”
इसमें बच्चो के संख्या (तीस) का बोध हो रहा है, इसलिए यह संख्यावाचक विशेषण है।
‘मैदान में कुछ खिलाड़ी खेल रहे है।’
यहाँ पर खिलाड़ियों की संख्या (कुछ) का बोध हो रहा है, इसलिए यह संख्यावाचक विशेषण है।
संख्यावाचक विशेषण के दो भेद है
1)निश्चित संख्यावाचक विशेषण
2) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
1)निश्चित संख्यावाचक विशेषण
निश्चित संख्या वाचक विशेषण में संख्याओं का निश्चित ज्ञान होता है। संख्याओं का सटीक ज्ञान होता है। इसमें वाक्य में संख्या दी गई होती है।
जैसे-“मोहन दस दिन से स्कूल नहीं आ रहा है।”
यहाँ मोहन के स्कूल न आने के सटीक दिनों (दस) की जानकारी मिल रही है। इसलिए यह निश्चित संख्यावाचक विशेषण है।
-“मेरे पास तीन हजार पैसे है।”
इस वाक्य में पैसे की संख्या तीन हजार से निश्चित हो गई है, इसलिए इस वाक्य में निश्चित संख्यावाचक विशेषण है।
2) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण में संख्याओं का निश्चित ज्ञान नही होता है। इसमें कुछ, थोड़ा आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इसमें वाक्य में कोई निश्चित संख्या नही दी होती है।
जैसे-“मोहन कुछ दिनों से स्कूल नहीं आ रहा है।”
इस वाक्य में मोहन के स्कूल आने के दिन निश्चित नहीं है, इसलिए इस वाक्य में अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण है।
-“मेरे पास हजार दो हजार पैसे है।”
इसमें पैसे की निश्चित संख्या नही दी गई है। इसलिए यह अनिश्चितसंख्या वाचक विशेषण है।
3.परिमाणवाचक विशेषण
वे शब्द जो विशेष्य की मात्रा का बोध करवाते है। उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते है। मात्रा का बोध नाप, माप, और तौल के रूप में होता है। इसका विशेष्य द्रव्यवाचक संज्ञा होती है। इसमें माप, तौल की इकाई दी जाती है।
उदाहरण-“पीने के लिए थोड़ा पानी दीजिए।”
इसमें पानी के मात्रा( थोड़ा) का बोध कराया गया है, इसलिए यह परिमाणवाचक विशेषण है। इसमें विशेष्य पानी है।
-“एक लीटर तेल दीजिए।”
इसमें तेल की मात्रा का बोध करवाया गया है, इसलिए यह परिमाणवाचक विशेषण है। इसमें विशेष्य तेल है।
परिमाणवाचक विशेषण के भेद
1)निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
2)अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
1)निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
जो शब्द की पदार्थ और वस्तु की निश्चित मात्रा का बोध कराता है, उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते है।
जैसे: दो मीटर कपङा
पाँच लीटर तेल
एक क्विंटल चावल आदि।
उदाहरण- “उसने एक गिलास पानी पिया।’
इस वाक्य में एक गिलास से पानी की मात्रा निश्चित की गई है, इसलिए इस वाक्य में निश्चित परिमाणवाचक विशेषण है।
2)अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
जो शब्द किसी पदार्थ या वस्तु की निश्चित मात्रा का बोध नहीं कराता है, उसे अनिश्चितवाचक परिमाणवाचक विशेषण कहते है।
जैसे- सारा कपङा, कुछ लीटर तेल, थोड़े चावल
उदाहरण: “उसने थोड़ा सा पानी पिया।”
इस वाक्य में थोड़े पानी की बात की है, जिससे उसकी निश्चित मात्रा का बोध नहीं होता है, इसलिए इस वाक्य में अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण है।
4. संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण
वे विशेषण शब्द जो संज्ञा शब्द की ओर संकेत के माध्यम से विशेषता प्रकट करते है, संकेतवाचक विशेषण कहलाता है। चूँकि ये सर्वनाम शब्द होते हैं जो विशेषण की तरह प्रयुक्त होते हैं अतः इन्हें सार्वनामिक विशेषण भी कहते है।
उदाहरण: यह लड़की बुद्धिमान है।
इसमें यह के द्वारा संकेत कर लड़की की विशेषता बताई है। इसलिए यह संकेतवाचक विशेषण है।
– मैं उस पेड़ के पास खड़ा था।
इस वाक्य में पेड़ की तरफ संकेत कर के बात कही गई है, इसलिए इस वाक्य में संकेतवाचक विशेषण है।
अधिकतर पूछें गए प्रश्न
1)विशेषण कितने प्रकार है?
उत्तर: विशेषण चार प्रकार के होते हैं। यह सभी गुण, संख्या, परिमाण और संकेत के द्वारा संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते है।
1.गुणवाचक विशेषण
2.संख्यावाचक विशेषण
3.परिमाणवाचक विशेषण
4.सार्वनामिक / सांकेतिक विशेषण
2) दिए गए वाक्य में कौन सा विशेषण है।
“मोहन वहाँ खड़ा है।”
उत्तर: मोहन वहाँ खड़ा है में संकेतवाचक विशेषण है, क्योंकि इसमें वहाँ शब्द के द्वारा मोहन के खड़े होने की तरफ संकेत किया गया है और उसकी विशेषता बताई गई है।
3) संख्यावाचक और परिमाणवाचक विशेषण में क्या अंतर है?
उत्तर: संख्यावाचक विशेषण में वस्तु या व्यक्ति के संख्या की गणना की जाती है यह गणना निश्चित और अनिश्चित दोनो हो सकती है तथा परिमाणवाचक विशेषण में पदार्थ का नाप-तौल किया जाता है। इसमें भी नाप-तोल निश्चित और अनिश्चित दोनों हो सकता है।
4)“खीर मीठी है।” वाक्य में कौन सा विशेषण है?
उत्तर: खीर मीठी है में गुणवाचक विशेषण है। क्योंकि इसमें खीर के गुण (मीठी) का बोध हो रहा है।
5) संख्यावाचक विशेषण के कितने भेद है?
उत्तर: संख्यावाचक विशेषण के दो भेद है।
1)निश्चित संख्यावाचक विशेषण
2) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
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