प्राचीन भारत से ही भारतीय समाज में लड़कों को लड़कियों से अधिक महत्व दिया जाता है। एक घर में जहाँ पर लड़का होने की खुशी मनाई जाती थी वहीं दूसरी तरफ लड़की होने का दुख भी उतना ही मनाया जाता था। पितृसत्ता समाज की विचारधारा के अनुसार लड़के को वंश बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता था। उनके कारण ही परिवार का कुल आगे बढ़ता था। 

समाज में लड़की को केवल एक बोझ के रूप में माना जाता था। उसके जन्म होते ही उसके परिवार को उसके शादी में दहेज की चिंता सताने लगती थी। 

लड़के को पढ़ने के सभी साधन उपलब्ध कराए जाते थे जभी लकड़ी को घर से बाहर ही नहीं जाने दिया जाता था। उनके खाने-पीने में भी भेदभाव किया जाता था। लड़कियों को केवल घर के काम ही सिखाए जाते थे। चूल्हा चौका उसे अच्छे से सिखाया जाता था। ताकि उसकी शादी के बाद उसको कोई परेशानी न आए और अपनी शादी को बचाए रखे। लड़कियों की शादी करने उनके माता – पिता का एकमात्र लक्ष्य होता था।

पहले लड़के भी लड़कियों को खुद से कमजोर समझते थे। उनकी मन में भी लड़कियों के प्रति सम्मान को भावना नहीं थी। वे खुद को लड़कियों से उच्च समझते थे।

लड़का लड़की एक समान

लेकिन आधुनिक भारत की तस्वीर बदल रही है। आज के समाज में लड़का और लड़की के प्रति लोगों को विचारधारा में बदलाव आ रहा है। उन्हें लड़के के साथ साथ लड़कियों की महत्ता भी समझ में आ गई है। उनका नजरिया बदलने लगा है।

  1. लड़का और लड़की के जन्म पर समान खुशियाँ मनाना।
  2. लड़के और लड़की को समान शिक्षा देना।
  3. लड़के और लड़कियों को नौकरी के समान अवसर देना।
  4. लड़के और लड़की को एक समान समझना।

1)लड़के और लड़कियों के जन्म पर खुशियाँ मनाना

आज बेटे और बेटी के जन्म पर एक जैसी खुशियां मनाई जाती है। बेटी का लोग अपने घर की लक्ष्मी के रूप में स्वागत करते है। लड़के और लड़की के जन्म पर एक जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। लड़की के जन्म लेने से किसी को कोई दुख नहीं होता है।

2)लड़के और लड़की को समान शिक्षा

लड़का और लकड़ी दोनों को ही पढ़ने के समान अवसर प्रदान किए जाते है। दोनों को ही घर से बाहर जाने दिया जाता है।

आज के समय में लड़के भी लड़कियों को अपने समान समझते है। वे उनके साथ उनके काम में भी हाथ बँटाते है। लड़कियों और लड़कों को अपनी आजादी और आधिकारों के बारे में जानकारी दी जाती है।

3)नौकरी के समान अवसर प्रदान करना

आज के भारत में लड़के और लड़कियाँ केवल अपने ही देश में नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी भारत का नाम रोशन कर रहे है। आज लड़कियाँ लड़कों की तरह सेना, आर्मी में भर्ती होती है। वे प्रत्येक विभाग में अपना योगदान देती है, यहाँ तक कि राजनीति में भी शामिल होती है। यह सभी दोनों को समान अवसर प्रदान करने के कारण ही संभव हो पाया है।

4) लड़के और लड़की को एक समान समझना

आज लड़के और लड़की को एक समान समझा जाता है। समाज में एक जैसा व्यवहार उनके साथ किया जाता है। घर में भी लड़कों की सलाह के साथ साथ लड़कियों की भी सलाह ली जाती है।

हम यह तो नहीं कह सकते है की आज संपूर्ण भारत में लड़के और लड़कियों को समान समझा जाता है।लेकिन उनकी सोच थोड़ी जरूर बदली है। पहले को स्थिति से बेहतर विचार जरूर है। लड़की और लड़कों को समान विकास करना हमारे देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों को बराबर अधिकार देने से ही हम अपनी, अपने समाज की ओर अपने देश की सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक स्थिति में बदलाव ला सकते है और इसमें बदलाव आ भी रहे है। 

लड़कों की तरह लड़कियाँ भी राजनीति में बढ़ चढ़ कर भाग लेती है और अपने विचारों को जनता के सामने रखती है। उसी प्रकार लड़कों को भी बाहर के कामों के साथ साथ घर के कामों की भी जानकारी होती है। उनकी विचारधारा में इस प्रकार बदलाव आ गया है की अब वे समझने लगे है की लड़कियाँ और औरतें सिर्फ घर तक ही सीमित नहीं होती है।

अधिकतर पूछे गए प्रश्न

1.प्राचीन भारतीय समाज में लड़कियों की स्थिति कैसी थी?

उत्तर: प्राचीन भारत से ही भारतीय समाज में लड़कों को लड़कियों से अधिक महत्व दिया जाता है। एक घर में जहाँ पर लड़का होने की खुशी मनाई जाती थी वहीं दूसरी तरफ लड़की होने का दुख भी उतना ही मनाया जाता था। पितृसत्ता समाज की विचारधारा के अनुसार लड़के को वंश बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता था। उनके कारण ही परिवार का कुल आगे बढ़ता था। 

2.आज के समाज में लड़कियों की स्थिति कैसे है।

उत्तर: आधुनिक भारत की तस्वीर बदल रही है। आज के समाज में लड़का और लड़की के प्रति लोगों को विचारधारा में बदलाव आ रहा है। उन्हें लड़के के साथ साथ लड़कियों की महत्ता भी समझ में आ गई है। उनका नजरिया बदलने लगा है।

3.आज लड़के और लड़कियां किस प्रकार समाज में अपना योगदान दे रहे है।

उत्तर:आज के भारत में लड़के और लड़कियां केवल अपने ही देश में नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी भारत का नाम रोशन कर रहे है। आज लड़कियाँ लड़कों की तरह सेना, आर्मी में भर्ती होती है। वे प्रत्येक विभाग में अपना योगदान देती है, यहाँ तक कि राजनीति में भी शामिल होती है। यह सभी दोनों को समान अवसर प्रदान करने के कारण ही संभव हो पाया है।

4.आधुनिक भारत में लड़के और लड़कियों की स्थिति में क्या बदलाव आया है?

उत्तर:आधुनिक भारत की तस्वीर बदल रही है। आज के समाज में लड़का और लड़की के प्रति लोगों को विचारधारा में बदलाव आ रहा है।उन्हें लड़के के साथ साथ लड़कियों की महत्ता भी समझ में आ गई है। उनका नजरिया बदलने लगा है।

    1)लड़का और लड़की के जन्म पर समान खुशियाँ मनाना।

   2)लड़के और लड़की को समान शिक्षा देना।

   3)लड़के और लड़कियों को नौकरी के समान अवसर देना।

  4)लड़के और लड़की को एक समान समझना।

5.आज आप लड़के और लड़कियों की समान शिक्षा के बारे में क्या समझते है?

उत्तर:लड़का और लकड़ी दोनों को ही पढ़ने के समान अवसर प्रदान किए जाते है। दोनों को ही घर से बाहर जाने दिया जाता है।

आज के समय में लड़के भी लड़कियों को अपने समान समझते है। वे उनके साथ उनके काम में भी हाथ बँटाते है। लड़कियों और लड़कों को अपनी आजादी और आधिकारों के बारे में जानकारी दी जाती है।

Category : Hindi
Tags : चूल्हा चौका , नौकरी के समान अवसर , प्राचीन भारतीय समाज , लड़का लड़की एक समान

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