भाषा शब्द संस्कृत के भाष धातु से बना है जिसका अर्थ है कहना या बोलना। इस प्रकार भाषा वह है जिसे बोला या कहा जाए। भाषा संप्रेषण का एक अच्छा माध्यम है। जिससे रोज मर्रा का जीवन आसान होता है। आज संप्रेषण के माध्यम से ही इंसान का जीवन संभव हो सका है। संप्रेषण भाषा के बिना संभव नहीं है।
भाषा किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भाषा वह साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों को लिखकर, बोलकर, पढ़कर, सुनकर और संकेतों के द्वारा दूसरों तक पहुंचता है और दूसरों के विचारों को समझता है।
भाषा को लिखने बोलने के आधार पर कुछ भागों में बांटा गया है। संप्रेषण को किस तरह से किया जा सकता है और यह कितना महत्वपूर्ण है इस सभी के बारे में बताया गया है। भाषा तीन प्रकार की होती है।
- लिखित भाषा
- मौखिक भाषा
- सांकेतिक भाषा
1)लिखित भाषा –: भाषा का वह रूप जिसके द्वारा व्यक्ति अपने विचारों को लिखने के माध्यम से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाता है, उसे लिखित भाषा कहते हैं। लिखित भाषा के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान लिखकर किया जाता है। विचारों को अभिव्यक्ति लिखकर की जाती है। लिखकर अपने विचारों को प्रकट करने का एकबच्चा उदाहरण पुस्तकें हैं, जो विद्यालयों में पाठ्यक्रम के रूप में लगाई जाती है। पुस्तकों के माध्यम से वहां लिखित रूप में संप्रेषण होता है।
2)मौखिक भाषा –: भाषा का वह रूप जिसके द्वारा व्यक्ति अपने विचारों की अभिव्यक्ति बोलकर करता है, उसे मौखिक भाषा कहते हैं। इसमें वक्ता प्रभावी ढंग से अपनी बातों और विचारों को सबके सामने रखता है। इसमें विचारों का आदान प्रदान बोलकर किया जाता है।मौखिक भाषा का एक अच्छा उदहारण किसी सभा को संबोधित करना है। जिससे वक्ता सभी श्रोताओं के पास अपने विचारों को बोलकर पहुंचाता है। यह भी मौखिक संप्रेषण का एक उदाहरण है।
3)सांकेतिक भाषा– भाषा का वह रूप जिसमें व्यक्ति अपनी बातों को संकेतों के द्वारा दूसरे व्यक्ति के समक्ष रखता है, उसे सांकेतिक भाषा कहते है। यह संकेत लिखित और मौखिक भी हो सकते है। इशारा करना भी एक प्रकार से संकेत है। इसलिए इसमें विचारों का आदान प्रदान सांकेतिक रूप से किया जाता है। सांकेतिक भाषा अधिकतर नेत्र हीन व्यक्तियों के लिए प्रयोग की जाती है। अधिकतर इस भाषा का प्रयोग किसी देश के जवानों द्वारा भी किया जाता है।
हिंदी में मानक भाषा का भी प्रयोग किया जाता है। यह भाषा का स्थिर और सुनिश्चित रूप होता है। यह भाषा शिक्षित वर्ग को भाषा होती है। इस भाषा में समाचार पत्र, पुस्तकें, और खत आदि का प्रकाशन किया जाता है। इसमें व्याकरण की प्रक्रिया निश्चित होती है। इसका प्रयोग भाषा के नियमों का ध्यान रखते हुए किया जाता है। हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी, फ्रेंच, ग्रीक, संस्कृत आदि भाषाएं भी मानक भाषा के रूप में प्रयोग की जाती है
भाषा को किस तरह बोला जाता है तथा कैसे उसका प्रयोग किया जाता है। इसके आधार पर भाषा के पांच भेद है।
- लिपि
- ध्वनि
- वर्ण
- शब्द
- वाक्य
1)लिपि –: लिपि में बिना भाषा का लिखित रूप संभव नहीं है। मौखिक भाषा को लिखित भाषा में प्रयोग करने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है, उसे लिपि कहते है। हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है। जिसमे हिंदी भाषा को लिखा जाता है।
2.ध्वनि –: हमारे मुख से निकलने वाली प्रत्येक आवाज ध्वनि होती हैं। यह ध्वनि स्वतंत्र होती है। यह ध्वनियां मौखिक भाषा में प्रयोग होते हैं।
3. वर्ण –: भाषा की इकाई होती है। यह वह छोटी से छोटी ध्वनि जिसके टुकड़े नहीं किए जा सकते हैं, उसे वर्ण कहते हैं। वर्ण मूल ध्वनि होती है। इसे भाषाबकी लघुतम इकाई भी कहा जाता है।
4.शब्द –: वर्णों का वह समूह जिसके जुड़ने पर कोई अर्थ निकलता है, उसे शब्द कहते है। वर्णों के समूह को जिसका अर्थ निकले उसे शब्द कहते हैं।
5.वाक्य –: शब्दों का वह समूह जिसका अर्थ निकलता हो उसे वाक्य कहते है। वाक्य एक पूरे अर्थ को अच्छे से स्पष्ट करता है।
इस प्रकार भाषा के भेदों के कारण भाषा की रचना में सहायता मिलती हैं। जिससे भाषा के रूप में कोई बदलाव न आए।
अधिकतर पूछे गए प्रश्न
1)भाषा से आप क्या समझते है?
उत्तर:भाषा शब्द संस्कृत के भाष धातु से बना है जिसका अर्थ है कहना या बोलना। इस प्रकार भाषा वह है जिसे बोला या कहा जाए।भाषा संप्रेषण का एक अच्छा माध्यम है। जिससे रोज मर्रा का जीवन आसान होता है। आज संप्रेषण के माध्यम से ही इंसान का जीवन संभव हो सका है। संप्रेषण भाषा के बिना संभव नहीं है।
भाषा किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भाषा वह साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों को लिखकर, बोलकर, पढ़कर, सुनकर और संकेतों के द्वारा दूसरों तक पहुंचता है और दूसरों के विचारों को समझता है।
2)भाषा के कितने प्रकार है?
उत्तर:भाषा को लिखने बोलने के आधार पर कुछ भागों में बांटा गया है। भाषा तीन प्रकार की होती है।
लिखित भाषा
मौखिक भाषा
सांकेतिक भाषा
3)मानक भाषा से आप क्या समझते है?
उत्तर: हिंदी में मानक भाषा का भी प्रयोग किया जाता है। यह भाषा का स्थिर और सुनिश्चित रूप होता है। यह भाषा शिक्षित वर्ग को भाषा होती है। इस भाषा में समाचार पत्र, पुस्तकें, और खत आदि का प्रकाशन किया जाता है। इसमें व्याकरण की प्रक्रिया निश्चित होती है। इसका प्रयोग भाषा के नियमों का ध्यान रखते हुए किया जाता है। हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी, फ्रेंच, ग्रीक, संस्कृत आदि भाषाएं भी मानक भाषा के रूप में प्रयोग की जाती है
4)भाषा के लिखित रूप से आप क्या समझते है?
उत्तर: भाषा का वह रूप जिसके द्वारा व्यक्ति अपने विचारों को लिखने के माध्यम से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाता है, उसे लिखित भाषा कहते हैं। लिखित भाषा के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान लिखकर किया जाता है। विचारों को अभिव्यक्ति लिखकर की जाती है।
5)लिपि से आप क्या समझते है?
उत्तर:लिपि में बिना भाषा का लिखित रूप संभव नहीं है। मौखिक भाषा को लिखित भाषा में प्रयोग करने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है, उसे लिपि कहते है। हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है। जिसमे हिंदी भाषा को लिखा जाता है।
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