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  शब्द-भंडार

दो या दो से अधिक वर्ण मिलकर शब्द का निर्माण करते हैं, और शब्द मिलकर एक भाषा का निर्माण करते हैं। शब्द को हम भाषा की प्राणवायु भी कह सकते हैं, क्योंकि बिना शब्दों के भाषा का कोई अस्तित्व नहीं है।  हिंदी साहित्य या हिंदी भाषा में शब्दों का ऐसा समूह जिसमें पर्यायवाची, विलोम, एकार्थी, […]

पर्यायवाची शब्द

एक शब्द का समान अर्थ देने वाले शब्द को पर्यायवाची शब्द कहते है। यह शब्द समान अर्थ होने के कारण दूसरे शब्द का भी स्थान ले लेते है। पर्यायवाची शब्द को अंग्रेजी में synonym कहते है। एक शब्द का समान अर्थ देने के कारण पर्यायवाची शब्द को समानार्थी शब्द भी कहते है। हिंदी में तत्सम […]

तत्सम और तद्भव शब्द

तत्सम शब्द तत्सम शब्द दो शब्दों तत् + सम् से मिलकर बना है। जिसका मतलब होता है ज्यो का त्यों अर्थात जो जैसा है वैसा ही।  तत्सम शब्द संस्कृत के शब्दों को कहा जाता है। ये वे शब्द है जो संस्कृत से बिना किसी बदलाव और परिवर्तन के हिंदी व्याकरण में प्रयोग किए जाते हैं। […]

छंद

छंद शब्द नियम विशेष के आधार पर गति– लय – युक्त रचना होती है। इसमें वर्ण तथा मात्राओं का विशेष प्रतिबंध रहता है। इस प्रकार पद्य या छंद ऐसी शब्द योजना है, जिसमें मात्राओं तथा वर्णों का नियमित क्रम होता है और विराम, गति या प्रवाह आदि को व्यवस्था होती है। छंद लय को बताने […]

अव्यय

अव्यय उन शब्दों को कहा जाता है, जिनमें लिंग, वचन, कारक, संज्ञा, सर्वनाम के कारण कोई भी बदलाव या परिवर्तन नहीं होता है। उनमें कोई भी विकार उत्पन्न नहीं होता है, इसलिए उनके अविकारी शब्द भी कहा जाता है। जैसे: कब, कहाँ, क्यों, कैसे, किसने, उधर, ऊपर, इधर, अरे, तथा, और, लेकिन, क्योंकि, परंतु, केवल, […]

वचन

वचन का शाब्दिक अर्थ है बोली। लेकिन हिंदी में व्याकरण की दृष्टि में वाचक का अर्थ संख्या  से लिया गया है। इसलिए वचन को परिभाषित करते हुए कहा जा सकता है को संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध होता है,उसे वचन कहते है। वचन के भेद (vachan ke kitne […]

निपात

जब किसी भी बात पर अधिक बल दिया जाता है या उस बात पर अतिरिक्त जोर देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उसे निपात कहते है। वाक्य को अतिरिक्त भावार्थ प्रदान करने के लिए निपातों का प्रयोग निश्चित शब्द, शब्द-समुदाय या पूरे वाक्य में होता है। निपात को अवधारक भी कहा […]

The Frog and the Nightingale Poem by Vikram Seth

Introduction  This poem explains how a frog takes advantage of a nightingale to make money. It demonstrates how the frog’s poor instruction led to the nightingale’s death. The frog and the nightingale’s story is a lesson in humility and respect. The frog learned that it is important to be humble and to respect the talents […]

Virtually True – An Overview

Introduction This is a virtual reality (or “science fiction”) narrative. The protagonist of the tale spent a lot of money on a gaming PC, VR goggles, and a collection of pricey video games. “Computers, video games, virtual reality, three-dimensional modeling”, etc. are all discussed in “Virtually True.” All of this is woven into the Sebastian […]

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