1.नागराजन ने अलबम के मुख्य पृष्ठ. पर क्या लिखा और क्यों ? इसका असर कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ?

उत्तर-

नागराजन के अलबम के मुख्य पृष्ठ पर लिखा था-ए. एम. नागराजन और नीचे की पंक्तियों में लिखा था—‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है, रहेगा।’ ऐसा इसलिए लिखा था ताकि उसे कोई चुराने की कोशिश न करे। यह अलबम हमेशा-हमेशा के लिए नागराजन के पास रहे। कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर इसका यह असर हुआ कि उन्होंने इसे अपने अलबम और कॉपी में उतार लिया।


2.नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की दशा क्या हुई?

उत्तर-

नागराजन का अलबम हिट हो जाने के बाद राजप्पा मन ही मन कुढ़ने लगा और अपने फालतू टिकटों के बदले नागराजन से कुछ अच्छे टिकट लेने की सोचने लगा ताकि उसका अलबम और अच्छा हो जाए, लेकिन उसने मौका देखकर नागराजन का अलबम चोरी कर लिया।


3.अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था?

उत्तर-

अलबम चुराते समय राजप्पा का दिल बहुत तेज़ी से धड़क रहा था। वह बहुत घबरा रहा था कहीं कोई देख न ले। घर जाकर भी उसको ऐसा लग रहा था जैसे उसका सारा शरीर जल रहा हो। उसने रात में खाना भी नहीं खाया। उसका चेहरा भयानक हो गया था। घर के लोग उसे देखकर चिंतित हो गए थे। रात में उसे ठीक से नींद भी नहीं आई। अलबम को तकिए के नीचे रखकर ही वह सो गया।


4.राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया?

उत्तर-

राजप्पा ने सोचा कि नागराजन के पिता पुलिस में शिकायत करेंगे और पुलिस आकर उसे पकड़ लेगी। ‘अप्पू’ ने राजप्पा को बहुत डरा दिया था। जब राजप्पा की माँ ने किवाड़ खटखटाया तो राजप्पा ने समझा कि पुलिस आ गई है। उसने हड़बड़ाहट में वह अलबम अंगीठी में डाल दिया जिससे पुलिस को अलबम का पता न चले।


5.लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?

उत्तर-

जिस प्रकार मधुमक्खी सारा दिन दूर-दूर घूम-घूमकर फूलों से मकरंद चूसती है और शहद की एक-एक बूंद इकट्ठा करती है, उसी प्रकार राजप्पा भी सारा दिन मेहनत करके दूर-दूर से, एक-एक टिकट इकट्ठा करके लाता था। इस प्रकार राजप्पा का टिकटों का संग्रह मधुमक्खी द्वारा विभिन्न फूलों से रस लेने के समान था। इसी समानता के कारण लेखक ने उसकी तुलना मधुमक्खी से की है।


6.टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े दूसरी चीजें भी जमा करते हैं। सिक्के उनमें से एक हैं। तुम कुछ अन्य चीजों के बारे में सोचो जिन्हें जमा किया जा सकता है। उनके नाम लिखो।

उत्तर-

टिकटों और सिक्कों के अतिरिक्त पेंटिंग्स, बैग, जूते, या कुछ अनमोल कलाकृतियाँ जमा की जा सकती हैं।


7.टिकट-अलबम का शौक रखने के राजप्पा और नागराजन के तरीके में क्या फ़र्क है? तुम अपने शौक के लिए कौन सा तरीका अपनाओगे?

उत्तर-

राजप्पा ने टिकट एकत्र करने में जी-जान लगा दिया था। उसे टिकट इकट्ठा करने की धुन थी। बड़ी मेहनत से उसने अपना अलबम तैयार किया था। परंतु नागराजन को बैठे-बिठाए सुंदर-सा अलबम मिल गया। उसके मामाजी ने सिंगापुर से उसके लिए टिकट अलबम भेज दिया था। उसे टिकट जुटाने में कोई परेशानी नहीं हुई। यदि मुझे टिकट अलबम बनाना हो, तो मैं राजप्पा का तरीका अपनाऊँगा क्योंकि अपनी मेहनत से कुछ बनाने और बिना मेहनत के पा लेने में फर्क होता है।


8.इकट्ठा किए हुए टिकटों का अलग-अलग तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है, जैसे-देश के आधार पर। ऐसे और आधार सोचकर लिखो।

उत्तर-

टिकटों का वर्गीकरण निम्न आधार पर किया जा सकता है-पशु-पक्षियों के आधार पर, महापुरुषों के आधार पर, सामाजिक समस्याओं के आधार पर, ऐतिहासिक घटनाक्रम के आधार पर, स्वतंत्रता संग्राम के आधार पर, इत्यादि।


9.कई लोग चीजें इकट्ठी करते हैं और ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाते हैं। इसके पीछे उनकी क्या प्रेरणा होती होगी। सोचो और अपने दोस्तों से इस पर बातचीत करो।

उत्तर-

चीजें इकट्ठा करने का शौक जब चरम सीमा तक पहुँच जाता है और वह दुनिया के बाकी लोगों को पीछे छोड़ देता है, तब नाम गिनीज बुक में दर्ज होता है। अकसर प्रसिद्ध पाने की लालसा में लोग इस तरह के काम करते हैं।


10.राजप्पा अलबम के जलाए जाने की बात नागराजन को क्यों नहीं कह पाता है? अगर वह कह देता तो क्या कहानी के अंत पर कुछ फ़र्क पड़ता? कैसे?

उत्तर-

अगर राजप्पा अलबम जलाए जाने की बात नागराजन को कहती, तो नागराजन उसे ईष्यालु और चोर समझती और दोनों में शत्रुता हो जाती। नागराजने उससे लड़ सकता था। उसे माता-पिता से डाँट भी सुननी पड़ती। हो सकता है, नागराजन स्कूल में भी सबको बता देता और राजप्पी को शरमिंदगी झेलनी पड़ती।


11.कक्षा के बाकी विद्यार्थी स्वयं अलबम क्यों नहीं बनाते थे? वे राजप्पा और नागराजन के अलबम के दर्शक मात्र क्यों रह जाते हैं? अपने शिक्षक को बताओ।

उत्तर-

कक्षा में बस एक राजप्पा ही था, जिसे टिकट इकट्ठा करने की धुन थी। वह एक-एक टिकट इकट्ठा करने के लिए मित्रों के घर के कई चक्कर लगाती थी लेकिन बाकी छात्र इतना परिश्रम नहीं करना चाहते थे। इसको बनाने में काफ़ी परिश्रम, समय और रुपए खर्च भी करना पड़ता था। बाकी छात्र दूसरों के अलबम को देखकर खुश हो जाते थे। कक्षा में राजप्पा ही ऐसा छात्र था जो बड़े मेहनत के साथ टिकटें जमा करता था। सभी विद्यार्थियों को नया काम करने का शौक नहीं होता। वे अधिक परिश्रम नहीं करना चाहते। वे दूसरों की वस्तुओं को देखकर ही खुश हो जाते हैं।


12.निम्नलिखित शब्दों को कहानी में हूँढ़कर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्य बनाओ-


खोंसना

जमघट

टटोलना

कुढना

ठहाका

अगुआ

पुचकारना

खलना

हेकड़ी

तारीफ़

उत्तर


13.कहानी से व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त हुए ‘नहीं’ का अर्थ देने वाले शब्दों (नकारात्मक विशेषण) को छाँटकर लिखो। उनका उलटी अर्थ देने वाले शब्द भी लिखो।

उत्तर


14.मान लो कि स्कूल में तुम्हारी कोई प्रिय चीज़ खो गई है। तुम चाहते हो कि जिसे वह चीज़ मिले वह तुम्हें लौटा दे। इस संबंध में स्कूल के बोर्ड पर लगाने के लिए एक नोटिस तैयार करो निम्नलिखित बिंदु हों

(क) खोई हुई चीज़।

(ख) कहाँ खोई ?

(ग) मिल जाने पर कहाँ लौटाई जाए?

(घ) नोटिस लगाने वाले/वाली का नाम और कक्षा।

उत्तर-

नोटिस

सूचनापट

कल दिनांक 5-4-20xx को मेरी छठी कक्षा की विज्ञान की पुस्तक विद्यालय के कंप्यूटर लैब में छूट गई थी। यदि किसी को यह मिली हो, तो छठी कक्षा में आकर मुझे देने का कष्ट करें।


नेहा तिवारी

छठी ‘ब’, क्रमांक-02


15.डाक टिकटों के बारे में और जानना चाहते हो तो नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक ‘डाक टिकटों की कहानी पढ़ो।

उत्तर-

निर्देश-छात्र विद्यालय के पुस्तकालय से इस पुस्तक को लेकर पढ़े।


16.राजप्पा और नागराजन की तरह क्या तुम भी कोई शौक रखते हो? उससे जुड़े किस्से सुनाओ।

उत्तर-

नागराजन और राजप्पा की भाँति मुझे भी सिक्के इकट्ठे करने का शौक है। पुराने सिक्के को अधिक मूल्य देकर खरीद लेता हूँ। आज मेरे पास दुर्लभ सिक्के करीब 200 मेरे पास हैं। मैं यह इसलिए रखता हूँ ताकि ये सुरक्षित रहें और आने वाले अन्य बच्चे इसके बारे और अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें। छात्र इस प्रकार के अनेक अनुभव कक्षा में सुना सकते हैं।


17.कुछ कहानियाँ सुखांत होती हैं और कुछ कहानियाँ दुखांत। इस कहानी के अंत को तुम दुखांत मानोगे या सुखांत? बताओ।

उत्तर-

कहानियाँ प्रायः आमतौर पर सुखांत और दुखांत दो प्रकार की होती हैं। ऐसी कहानियाँ जिसका अंत सुखद होता है, सुखांत कहलाती हैं। जिन कहानियों का अंत किसी दुखद घटना से होता है, वे दुखांत कहलाती हैं। इस कहानी का अंत राजप्पा के फूट-फूटकर रोने से होता है। अतः यह कहानी दुखांत है।


18. ‘टिकट-अलबम’ पाठ के लेखक कौन हैं?

(i) सुंदरा रामस्वामी

(ii) भगवत शरण उपाध्याय

(iii) जया विवेक

(iv) अनुबंधोपाध्याय

उत्तर- 

         (i)


19.नागराजन को अलबम किसने भिजवाया था?

(i) उसके ताऊ ने

(ii) उसके चाचा ने

(iii) उसके मामा जी ने

(iv) उसके दादा जी ने

उत्तर- 

        (iii)


20. नागराजन को लड़के क्यों घेरे रहते थे?

(i) वह अच्छे-अच्छे चुटकुले सुनाता था।

(ii) उसके पास सुंदर खिलौने थे।

(iii) उसके पास काफ़ी मिठाई थी।

(iv) उसके पास टिकट-अलबम था।

उत्तर-

         (iv)


21. नागराजन के मामा कहाँ रहते थे?

(i) सिंगापुर

(ii) त्रिवेंद्रम

(iii) तिरुचिरा पल्ली

(iv) चेन्नई।

उत्तर-

        (i)


22. नागराजन का अलबम किसने चुराया?

(i) पार्वती ने

(ii) उसके मित्र ने

(iii) राजप्पा ने

(iv) किसी पड़ोसी ने।

उत्तर-

       (iii)


23. आजकल लड़के किसे घेरे रहते थे और क्यों?

उत्तर-

आजकल नागराजन को घेरे रहते थे क्योंकि उसके पास बढिया अलबम था।


24. अब किसके अलबम की पूछ नहीं रह गई थी?

उत्तर-

अब राजप्पा के अलबम की पूछ लड़कों में नहीं रह गई थी।


25. लड़कियों ने नागराजन से अलबम किसे माँगने भेजा और क्यों?

उत्तर-

लड़कियों ने नागराजन से अलबम माँगने के लिए पार्वती को अपना अगुआ बनाकर भेजा क्योंकि वही सबसे तेज़-तर्रार थी।


26. राजप्पा ने सरपंच के लड़के से क्या कहा?

उत्तर-

राजप्पा ने सरपंच के लड़के से कहा-तुम्हारे घर में जो प्यारी बच्ची है उसे तीस रुपए में दोगे।


27. राजप्पा ने अलबम क्यों छिपा दिया?

उत्तर-

राजप्पा ने नागराजन की अलबम चुराई थी, इसलिए वह नहीं चाहता था कि किसी को इसके बारे में कुछ पता चले।


28. राजप्पा को अब कोई क्यों नहीं पूछता था?

उत्तर-

राजप्पा के पास अलबम था। उस अलबम के कारण उसे लड़के घेरे रहते थे, पर अब नागराजन के मामा ने उसे सिंगापुर से एक अलबम भेजा था। उस अलबम के कारण नागराजन को सभी घेरे रहते और राजप्पा को कोई नहीं पूछता था।


29. नागराजन अपना अलबम सबको कब-कब और कैसे दिखाता था।

उत्तर

नागराजन सुबह की पहली घंटी बजने तक, दोपहर की आधी छुट्टी के समय और शाम को अपने घर पर सबको अलबम दिखाता था। वह अपना अलबम किसी को हाथ नहीं लगाने देता था। उसे अपने गोद में लेकर बैठ जाता, लड़के उसे शॉतिपूर्वक घेरकर खड़े रहते और उसका अलबम देखकर खुश होते थे।


30. जप्पा के अलबम को किसने, कितने में खरीदना चाहा था? राजप्पा ने क्या उत्तर दिया?

उत्तर

स्कूल भर में राजप्पा का अलबम सबसे बड़ा और सुंदर था। सरपंच के लड़के ने उसके अलबम को खरीदना चाहा था। पर राजप्पा नहीं माना। राजप्पा ने उसे घमंडी कहा और फिर उसने उससे कहा, क्या तुम अपने घर की प्यारी बच्ची को तीस रुपए में बेच सकते हो? इस बात को सुनकर सारे बच्चे ठहाका मारकर हँस पड़े।


31. लबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुज़र रहा था?

उत्तर-

अलबम चुराते समय राजप्पा का दिल तेज़ी से धड़क रहा था। उस समय उसके दिमाग में बस अलबम चुराने की बात थी। इसलिए अलबम चुराकर तुरंत चला गया।


32. जप्पा को अपने अलबम से चिढ़ क्यों हो गई थी?

उत्तर-

राजप्पा को अपना अलबम कूड़ा प्रतीत होने लगा था। अब उसके अलबम को कोई नहीं पूछता सब नागराजन के अलबम की तारीफ़ करते थे। राजप्पा के अलबम की शान घट गई। लड़के उसके अलबम को फिसड्डी और कूड़ा कहने लगे थे। उसके अलबम को कोई पसंद नहीं करता था। यही कारण है कि राजप्पा को अपने अलबम से चिढ़ होने लगी। वह उसे सचमुच कूड़ा लगने लगा।