1.‘किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई
(क) इस पंक्ति में किस घटना की ओर संकेत है?
(ख) काली घटा घिरने की बात क्यों कही गयी है?
उत्तर-
इस पंक्ति में रानी लक्ष्मीबाई के पति गंगाधर राव की मृत्यु की ओर संकेत है।
राजा जी की मृत्यु के उपरांत रानी झाँसी के ऊपर एक के बाद एक विपत्ति आने लगी। अंग्रेजों की नीति थी कि वे नि:संतान राजा की मृत्यु के बाद उस राज्य पर अपना अधिकार कर लेते थे। रानी के जीवन में दुख का अंधकार छा गया। इसलिए काली घटा घिरने की बात कही गई है।
2.कविता की दूसरी पंक्ति में भारत को ‘बूढ़ा’ कहकर और उसमें ‘नयी जवानी’ आने की बात कहकर सुभद्रा कुमारी चौहान क्या बताना चाहती हैं?
उत्तर-
कवयित्री ‘सुभद्रा कुमारी चौहान ने भारत को ‘बूढ़ा इसलिए कहा क्योंकि तब भारत की दशा बहुत शिथिल और जर्जर हो चुकी थी। भारत लंबे समय से अंग्रेजों की गुलामी से हर तरह से कमज़ोर हो रहा था। ‘नई जवानी’ आने की बात कहकर कवयित्री यह बताना चाहती थी कि अपनी खोई हुई आज़ादी को हासिल करने के लिए देश में नया जोश उत्पन्न हो गया था। अब उनमें आशा और उत्साह का नया संचार हो गया। संघर्ष करने की शक्ति आ गई और वे स्वतंत्रता पाने के लिए प्रयास करने लगे।
3.झाँसी की रानी के जीवन की कहानी अपने शब्दों में लिखो और यह भी बताओ कि उनका बचपन तुम्हारे बचपन से कैसे अलग था?
उत्तर-
रानी लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम छबीली था। वह इकलौती संतान थी। कानपुर के नाना की वह मुँहबोली बहन थी। लक्ष्मीबाई को मनु के नाम से भी जाना जाता था। उनको बचपन से ही हथियार चलाने का शौक था। शिवाजी की गाथाएँ। लक्ष्मीबाई को जुबानी याद थी। नकली युद्ध करना, व्यूह की रचना करना, किले तोड़ना और शिकार खेलना लक्ष्मीबाई के प्रिय खेल थे। भवानी उनके कुल की देवी थी। झाँसी के राजा गंगाधर राव के साथ लक्ष्मीबाई का विवाह हुआ था। विवाह के थोड़े दिन बाद रानी लक्ष्मीबाई के पति की मृत्यु हो गई। इसके बाद अंग्रेजी शासकों ने झाँसी पर अपना अधिकार करने का प्रयास किया। घमासान युद्ध हुआ। लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के साथ लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गई। उनका नाम इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया। उनका बचपन हमारे बचपन से इस मायने में अलग थी कि वह हमारे समान सामान्य खेल-कूदों में वह नहीं उलझी रहती थी। बचपन में बरछी, ढाल, कृपाण जैसे हथियार ही उनकी सहेली थे। शिवाजी की वीरता की कहानी याद थी। इसके विपरीत हमारे बचपन में हथियार नाम की कोई चीज नहीं है। हम वीडियो गेम्स, कंप्यूटर, बिजली वाले खिलौने से खेलते हैं। राष्ट्रीय गीत भी हमें याद है।
4.वीर महिला की इस कहानी में कौन-कौन से पुरुषों के नाम आए हैं? इतिहास की कुछ अन्य वीर स्त्रियों की कहानियाँ खोजो।
उत्तर-
वीर महिला की इस कहानी में कई पुरुषों के नाम आए हैं-जैसे नाना साहब, (इनका पूरा नाम धुंधूपंत था) डलहौज़ी, पेशवा वाजीराव, तात्याँ टोपे, अजीमुल्ला, अहमद शाह मौलवी, ठाकुर कुँवर सिंह, लेफ्टिनेंट वॉकर, शिवाजी, ग्वालियर के महराज सिंधिया, जनरल स्मिथ, यूरोज।
5.कविता में किस दौर की बात है? कविता से उस समय के माहौल के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर-
कविता में वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौर की बात कही गई है। इस संग्राम में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस समय के माहौल के बारे में यह पता चलता है कि देश गुलाम था और लोगों के दिलों में देशप्रेम की ज्वाला भड़क रही थी। वे आजादी पाने के लिए लालायित थे।
6.सुभद्रा कुमारी चौहान, लक्ष्मीबाई को ‘मर्दानी’ क्यों कहती हैं?
उत्तर-
वीरता, साहस, हिम्मत, ताकत, युद्ध कौशल, घुड़सवारी तलवारबाज़ी-ये सभी मर्दो वाले गुण उनमें विद्यमान थे। रानी लक्ष्मीबाई ने वीर सेनापतियों की तरह अंग्रेजों से युद्ध किया और झाँसी की रक्षा करती रही। इसलिए कवयित्री ने उन्हें ‘मर्दानी’ कहा है।
7.‘बरछी’ ‘कपाण’ ‘कटारी’ उस ज़माने के हथियार थे। आजकल के हथियारों के नाम पता करो।
उत्तर-
बंदूक, तोप, गोला, मिसाइलें, ए. के. 47, ए. के. 56, टैंक, पिस्तौल, एटम-बम, बम आदि।
8.लक्ष्मीबाई के समय में ज्यादा लड़कियाँ ‘वीरांगना’ नहीं हुई क्योंकि लड़ना उनका काम नहीं माना जाता था। भारतीय सेनाओं में अब क्या स्थिति है? पता करो।
उत्तर-
आजकल लड़कियों की सेना में काफ़ी भागीदारी है, लेकिन पुरु षों के अनुपात में स्त्रियों की संख्या काफ़ी कम है। इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता, फिर भी उस समय की तुलना में यह बेहतर है।
9.नीचे लिखे वाक्यांशों (वाक्य के हिस्सों) को पढ़ो-
झाँसी की रानी
मिट्टी का घरौंदा
प्रेमचंद की कहानी
पेड़ की छाया
ढाक के तीन पात
नहाने का साबुन
मील का पत्थर
रेशमी के बच्चे
बनारस के आम
का, के और की दो संज्ञाओं का संबंध बताते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में अलग-अलग जगह इन तीनों का प्रयोग हुआ है। ध्यान से पढ़ो और कक्षा में बताओ कि का, के और की का प्रयोग कहाँ और क्यों हो रहा है?
उत्तर-
का, के और की संबंध कारक के चिह्न हैं। इन्हें परसर्ग भी कहते हैं। इनका प्रयोग संबंधी संज्ञा के अनुसार होता है। स्त्रीलिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘की पुल्लिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘का’ और बहुवचन पुल्लिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘के’ का ः प्रयोग होता है।
‘का’ का प्रयोग – एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ हुआ है।
मिट्टी का घरौंदा – घरौंदा एकवचन पुल्लिंग है। घरौंदे का संबंध मिट्टी से बताने के लिए प्रयोग हुआ है।
मील का पत्थर – पत्थर पुल्लिंग है और एकवचन है, इसलिए उससे पहले ‘का’ प्रयोग हुआ है।
नहाने का साबुन – साबुन पुल्लिंग और एकवचन है। इसलिए उसके पहले का प्रयोग हुआ है।
‘के’ का प्रयोग – बहुवचन संज्ञा शब्दों के साथ हुआ है।
रेशमा के बच्चे – बच्चे बहुवचन हैं, अतः बच्चे के पहले ‘के’ का प्रयोग हुआ है।
बनारस के आम – आम पुल्लिंग एवं बहुवचन शब्द है। अतः उसके पहले ‘के’ प्रयुक्त है।
‘की’ का प्रयोग स्त्रीलिंग सूचक – संज्ञा शब्दों के साथ प्रयोग हुआ है।
झाँसी की रानी – रानी स्त्रीलिंग है। इसलिए उसके पूर्व ‘की’ लगा है।
पेड़ की छाया – छाया स्त्रीलिंग है, इसलिए उसके पूर्व ‘की’ लगा है।
पढ़ने को
प्रकाशन विभाग, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित ‘भारत की महान नारियाँ’ श्रृंखला की पुस्तकें।
चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित कमला शर्मा द्वारा लिखित उपन्यास ‘अपराजिता’।
परियोजना
‘रानी लक्ष्मीबाई’ के जीवन पर एक लघु नाटिका तैयार करो और बाल सभा में उसका मंचन करो। कविता के आधार पर संवाद लिखो तथा उनका उच्चारण करते समय भावपूर्ण अभिनय करो।
‘रानी लक्ष्मीबाई’ पर एक निबंध लिखो।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
10.‘झाँसी की रानी’ कविता किसने लिखी है?
(i) लक्ष्मीबाई
(ii) सुभद्रा कुमारी चौहान
(iii) सुमित्रानंदन पंत
(iv) केदारनाथ अग्रवाल
उत्तर
(ii)
11. रानी लक्ष्मीबाई किसकी मुँहबोली बहन थी?
(i) अजीमुल्ला खाँ
(ii) अहमदशाह
(iii) कुँवर सिंह
(iv) नाना धुंधूपंत पेशवा
उत्तर
(iv)
12.कवयित्री ने झाँसी की रानी की कथा किसके मुँह से सुनी थी?
(i) मराठों के
(ii) बुंदेलों के
(iii) अपने अध्यापक के
(iv) कवियों के
उत्तर
(ii)
13.नाना साहब कहाँ के रहने वाले थे?
(i) इलाहाबाद।
(ii) झाँसी
(iii) कानपुर
(iv) ग्वालियर
उत्तर
(iii)
14.लक्ष्मीबाई का प्रिय खेल था?
(i) नकली युद्ध करना
(ii) व्यूह की रचना करना, शिकार करना
(iii) सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(iv)
15.महल में खुशी का कारण क्या था?
उत्तर-
विवाह के बाद रानी लक्ष्मीबाई का महल में आना खुशी का प्रमुख कारण था।
16.डलहौज़ी प्रसन्न क्यों था?
उत्तर-
क्योंकि नि:संतान राजा गंगाधर राव की मृत्यु होने पर झाँसी का अधिकार स्वतः ही अंग्रेज़ी सरकार को मिल जाना था इसलिए डलहौज़ी प्रसन्न था।
17.ब्रिटिश सरकार ने झाँसी के दुर्ग पर झंडा क्यों फहराया?
उत्तर-
क्योंकि वहाँ के राजा नि:संतान मृत्यु को प्राप्त हुए।
18.अंग्रेज़ों ने भारत के किन-किन क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया था?
उत्तर-
अंग्रेजों ने भारत के कई हिस्सों पर अधिकार कर लिया था। उनमें से प्रमुख हैं-दिल्ली, लखनऊ, बिहार, नागपुर, तंजौर, सतारा, कर्नाटक, सिंध, पंजाब, मद्रास आदि।
19.रानियों और बेगमों की क्या दशा थी?
उत्तर-
वे परेशान थीं, क्योंकि उनके कपड़े और गहने खुलेआम बाजारों में बेचे जा रहे थे।
20.झाँसी की रानी के जीवन से हम क्या प्रेरणा ले सकते हैं?
उत्तर-
झाँसी की रानी के जीवन से हम देश के लिए मर मिटने, स्वाभिमान से जीने, विपत्तियों से न घबराने, साहस, दृढ़ निश्चय, नारी अबला नहीं सबला है आदि की प्रेरणा ले सकते हैं।
21.अंग्रेज़ों के कुचक्र के विरुद्ध रानी ने अपनी वीरता का परिचय कैसे दिया?
उत्तर
अंग्रेजों की नीति थी यदि किसी राज्य में कोई राजा संतानहीन मृत्यु को प्राप्त हो जाता था तो वे उनके राज्य को अपने राज्य में मिला लेते थे। लक्ष्मीबाई के पति गंगाधर की मृत्यु के उपरांत डलहौजी ने झाँसी के राज्य को अपने राज्य में मिलाने की चाल चली। रानी उसकी चाल को समझ गईं। उसने अपनी सेना की तैयारियाँ शुरू कर दी। उसने स्त्रियों को भी सैनिक शिक्षा दी। लक्ष्मीबाई ने डटकर अंग्रेजों का मुकाबला किया। उसने अंग्रेजों के कई किलों पर भी अधिकार कर लिया। अंत में रानी अंग्रेज़ी सेना के बीच घिर जाती हैं। रानी युद्ध करते-करते वीरगति को प्राप्त हो जाती हैं।
22.भारतीयों ने अंग्रेजों को दूर करने का निश्चय क्यों किया था?
उत्तर-
भारत कई सौ वर्षों तक गुलाम रहा। इस कारण यहाँ के लोग स्वतंत्रता के महत्त्व को भूल गए थे। इस आंदोलन से उन्हें स्वतंत्रता का महत्त्व को समझ में आ गया। उन्होंने यह भी महसूस किया कि फिरंगी धीरे-धीरे अपने साम्राज्य का विस्तार कर रहे हैं। इस कारण भारतीयों ने अंग्रेज़ों को दूर भगाने का निश्चय किया।
23.ऐसी कौन-सी विशेषताएँ थीं जिनके कारण मराठे लक्ष्मीबाई को देखकर पुलकित हुए?
उत्तर-
रानी लक्ष्मीबाई वीर और साहसी नारी थीं उन्हें युद्ध कला में महारथ हासिल थी। नकली युद्ध व्यूह की रचना करना, खूब शिकार खेलना, सेना घेरना और दुर्ग तोड़ना उनके प्रिय खेल थे। लक्ष्मीबाई की इन विशेषताओं को देखकर मराठे बहुत पुलकित होते थे।
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