Welcome to Chapter 1, "Do Bailon Ki Katha " Question and Answer Guide for class 8. Our concise, expert-curated solutions align with the NCERT curriculum, enhancing comprehension and exam performance.

1 कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी क्यों ली जाती होगी?


उत्तर. 

कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी ली जाती होगी क्योकि वहाँ पर आवारा पशुओ को कैद करके रखा जाता है, जो लोगो के खेत में घूस कर लोगो के फसलों को खराब कर दिआ करते थे। इसलिए हाजरी लेनी पड़ती थी ताकि कोई काँजीहौस से भाग न जाये। हीरा और मोती को भी मटर के खेत में से ही पकड़कर काँजीहौस में बंद किआ था।    

2 छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?


उत्तर. 

छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम इसलिए उमड़ आया क्योकि कही न कही उस बच्ची की भी यही स्तिथि थी, जैसे गया उन बैलो का ख्याल नहीं रखता था वैसे ही उसकी सौतेली माँ भी उसका ख्याल नहीं करती थी। दोनों की एक जैसी स्तिथि होने से बच्ची को बैलो पर प्रेम उमड़ आया।  

3 कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?


उत्तर.

कहानी में बैलों के माध्यम से निम्नलिखित से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं

१) अत्यधिक सीधा व सरल होना भी गलत है ऐसे व्यक्ति को मुर्ख और गधे की उपाधि दे दी जाती है। परन्तु ऐसे लोग अपने सीधेपन से किसी का नुकसान नहीं करते है।  

२) दूसरी बात यह भी उभर कर आती है की इतना सीधा व सरल होना भी सही नहीं होता है जैसा हमने कहानी में देखा है की हीरा व मोती अपने हक़ के लिए बड़ा संघर्ष करते है अथवा अंत में सफल भी हो जाते है।  

३) तीसरी बात यह उमड़ कर आती है की हमे अपनी आज़ादी के लिए संघर्ष करते रहना चाहिए।  

4 प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ ‘मूर्छ प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है?


उत्तर. 

गधे को सभी प्राणियों में सबसे मुर्ख प्राणी माना जाता है। मुर्ख शब्द के लिए गधा शब्द रूढ़ हो गया है। परन्तु प्रेमचंद ने इस कहानी में गधे के सरल स्वाभाव और सीधेपन को बताते हुए उसके गुणों को अच्छा माना है , क्योकि ऐसे सीधे सरल व्यक्ति अपने स्वाभाव से किसी का नुकसान नहीं करते।

5 किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?


उत्तर. 

निम्नलिखित घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी 

१) जब भी वे दोनों खेत में काम करने जाते थे तो दोनों की कोशिश यही रहती थी कि ज्यादा बार मेरे पर ही आये।

२) जब हीरा और मोती लड़ रहे होते है तो खेल खेल में मोती को गुस्सा आ जाता है , हीरा अपनी दोस्ती बचाने के लिए अपने आप पीछे हट जाता है  

३) जब उनके आगे सांढ आ जाता है तो दोनों साथ मिलकर उनका सामना करते है।   

४) जब वे कांजीहौस में बंद हो जाते है तब भी हीरा मोती कि दिवार तोड़ने में मदद करता है और दिवार टूटने के बाद भी हीरा भागता नहीं है क्योकि मोती मोटी रस्सी से बंधा होता है वो उसके साथ वही बेथ जाता है।


6 लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।’-हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।


उत्तर

लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।’-हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद कि भवनों का पता चलता है कि वह स्त्रियों का कितना सम्मान करता है , और स्त्रियों का सम्मान भी होना चाहिए क्योकि स्त्रियों से ही यह संसार है , प्रेमचंद ने जानवरो के माध्यम से यह बताना चाहा है कि जब जानवरो को यह पता है तो हम इंसानो और अच्छे से पता होना चाहिए।  


7 किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?


उत्तर

किसान जीवन में पशुओं और मनुष्यों के आपसी संबंध बहुत गहरे तथा आत्मीय रहे हैं।

किसान पशुओं को घर के सदस्य की भाँति प्रेम करते रहे हैं और पशु अपने स्वामी के लिए जी-जान देने को तैयार रहे हैं। झूरी हीरा और मोती को बच्चों की तरह स्नेह करता था। तभी तो उसने उनके सुंदर-सुंदर नाम रखे-हीरा-मोती। वह उन्हें अपनी आँखों से दूर नहीं करना चाहता था। जब हीरा-मोती उसकी ससुराल से लौटकर वापस उसके थाने पर आ खड़े हुए तो उसका हृदय आनंद से भर गया। गाँव-भर के बच्चों ने भी बैलों की स्वामिभक्ति देखकर उनका अभिनंदन किया। इससे पता चलता है कि किसान अपने पशुओं से मानवीय व्यवहार करते हैं।


8 इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगें’-मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।


उत्तर 

इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगें’-मोती के इस कथन से उसके परोपकार के स्वभाव का पता चलता है। वह नैतिकतावादी भी , वह सच्चा मित्र भी है , उसको भगवन पर भरोसा भी है। ऐसे ही अन्य कई गुण और भी है।  


आशय स्पष्ट कीजिए

(क) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।

(ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।

उत्तर-

(क) हीरा और मोती बिना कोई वचन कहे एक-दूसरे के मन की बात समझ जाते थे। प्रायः वे एक-दूसरे से स्नेह की बातें सोचते थे। यद्यपि मनुष्य स्वयं को सब प्राणियों से श्रेष्ठ मानता है किंतु उसमें भी यह शक्ति नहीं होती।

(ख) हीरा और मोती गया के घर बँधे हुए थे। गया ने उनके साथ अपमानपूर्ण व्यवहार किया था। इसलिए वे क्षुब्ध थे। परंतु तभी एक नन्हीं लड़की ने आकर उन्हें एक रोटी ला दी। उस रोटी से उनका पेट तो नहीं भर सकता था। परंतु उसे खाकर उनका हृदय जरूर तृप्त हो गया। उन्होंने बालिका के प्रेम का अनुभव कर लिया और प्रसन्न हो उठे।


गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि-

(क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।

(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।

(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।

(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।

(सही उत्तर के आगे (✓) का निराश लगाइए।)

उत्तर-

(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से दुखी था।

11 हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।

उत्तर-

हीरा और मोती शोषण के विरुद्ध हैं। वे हर शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाते रहे हैं। उन्होंने झूरी के साले गयी का विरोध किया तो सूखी रोटियाँ खाई तथा डंडे खाए। फिर कॉजीहौस में अन्याय का विरोध किया तो बंधन में पड़े। उन्हें भूखे रहना पड़ा।

प्रतिक्रिया-मेरा विचार है कि हीरा और मोती का यह कदम बिल्कुल ठीक था। यदि वे कोई प्रतिक्रिया न करते तो उनका खूब शोषण होता। उन्हें गिड़गिड़ाकर, मन मारकर अपने मालिक की गुलामी करनी पड़ती। वे अपने दर्द को व्यक्त भी न कर पाते। परंतु अपना विद्रोह प्रकट करके उन्होंने मालिक को सावधान कर दिया कि उनका अधिक शोषण नहीं किया जा सकता। मार खाने के बदले उन्होंने मालिक के मन में भय तो उत्पन्न कर ही दिया।


12 क्या आपको लगता है कि यह कहानी आजादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?

उत्तर-

हाँ, हीरा-मोती ने अपनी परतंत्रता से मुक्ति पाने के लिए जिस तरह से नाना प्रकार की कठिनाइयाँ सहीं और मृत्यु के करीब जाकर भी बच निकले। वे अंततः अपने घर वापस आ गए, इससे यही संकेत मिलता है। हीरा-मोती गया के घर से पहली बार रस्सी तुड़ाकर आ जाते हैं। वे दुबारा गया के घर जाते हैं, तो उन्हें अपमानित और प्रताड़ित होना पड़ता है। और भूखा भी रहना पड़ता है। वहाँ से भागने पर उन्हें साँड रूपी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। अंत में कांजीहौस में बंद होना तथा कसाई के हाथों बिकना तथा इसके उपरांत भी बचकर झुरी के पास आ जाना आदि आजादी की लड़ाई की ओर संकेत करती है।


13 बस इतना ही काफ़ी है।

फिर मैं भी ज़ोर लगाता हूँ।

‘ही’, ‘भी’ वाक्य में किसी बात पर जोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते हैं। कहानी में से पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।

उत्तर-

ही-

दोनों साथ उठते, साथ नाँद में मुँह डालते और रथ ही बैठते थे।

एक ही विजय ने उसे संसार की सभ्य जातियों में गण्य बना दिया।

ज्यादा-से-ज्यादा मेरी ही गरदन पर रहे।

यही उनका आधार था।

कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है।

भी-

कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है।

उसके चेहरे पर असंतोष की छाया भी न दिखाई देती।

गधे का एक छोटा भाई और भी है।

एक मुँह हटाता तो दूसरा भी हटा लेता था।

कभी-कभी अड़ियल बैल भी देखने में आता है।



14 रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए-

(क) दीवार का गिरना था कि अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।

(ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।

(ग) हीरा ने कहा-गया के घर से नाहक भागे।

(घ) मैं बेचूंगा, तो बिकेंगे।

(ङ) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।

उत्तर-

(क) वाक्य भेद – मिश्र वाक्य।

उपवाक्य – अधमरे से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।

भेद – संज्ञा उपवाक्य

(ख) वाक्य भेद – मिश्रवाक्य।

उपवाक्य – जिसकी आँखें लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर।

भेद – विशेषण उपवाक्य।

(ग) वाक्य भेद – मिश्रवाक्य।

उपवाक्य – गया के घर से नाहक भागे।

भेद – संज्ञा उपवाक्य।

(घ) वाक्यभेद – मिश्रवाक्य।

उपवाक्य – तो बिकेंगे।

भेद – क्रियाविशेषण उपवाक्य।

(ङ) वाक्य भेद – मिश्रवाक्य।

उपवाक्य – तो बे मारे ने छोड़ता।

भेद – क्रियाविशेषण उपवाक्य।


15 कहानी में जगह-जगह मुहावरों का प्रयोग हुआ है। कोई पाँच मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर-

जी तोड़ काम करना

वाक्य- भारतीय श्रमिक जी-तोड़कर काम करते हैं।

गम खा जाना

वाक्य-भारत के मज़दूर इतने स्वाभिमानी हैं कि वे गम खा जाते हैं, हाय-तौबा नहीं मचाते।

ईंट का जवाब पत्थर से देना

वाक्य-यह दुनिया उसी को सम्मान देती है जो ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है।

दाँतों पसीना आना

वाक्य-क्रिकेट के मैदान से कुत्ते को बाहर खदेड़ने में माली को दाँतों पसीना आ गया।

कसर उठाना

वाक्य-मालिक के कहने पर हम हर काम कर देते हैं। किसी प्रकार की कोई कसर नहीं उठा रखते।