Welcome to our comprehensive guide on Class 9 Hindi Sparsh's Chapter 6 "kichad ka kavya". This guide is designed to assist students by providing a curated list of Question and Answers in line with the NCERT guidelines. These are targeted to help enhance your understanding of the subject matter, equipping you with the knowledge needed to excel in your examinations. Our meticulously crafted answers will ensure your conceptual clarity, paving the way for your successful academic journey. Let's get started!
प्रश्न 1.
कीचड़ के प्रति किसी का सहानुभूति क्यों नहीं होती ?
उत्तर-
मनुष्य जीवन में कीचड़ किसी को सहानुभूति नहीं होती । यानी किसी को पसंद नहीं होता, क्योंकि सब व्यक्ति उन्हें गंदगी के नजर में देखते हैं । सब मानते हैं कि यदि किचन के इस स्पर्श में आ जाए तो शरीर तथा कपड़े गंदे हो जाएंगे।
प्रश्न 2.
जमीन ठोस होने पर उस पर किनके पदचिह्न अंकित होता हैं?
उत्तर-
ठोस जमीन पर गाय , बैल, बकरी , भैस आदि का पदचिह्न अंकित होते हैं क्योंकि ठोस जमीन पर वे अपने पैर के निशान छोड़ते हैं। और जब कभी भी वे आपस में लड़ाते हैं तो उनके पदचिह्न के साथ साथ सींगों के निशान भी छोड़ते हैं । और वे निशान ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे कि कोई ऐतिहासिक युद्ध हो ।
प्रश्न 3.
मनुष्य को क्या भान होता जिससे वह कीचड़ का तिरस्कार नहीं करते ?
उत्तर-
मनुष्य को यह कदापि भान नहीं है कि जिससे उसका पेट भरता है , जो अन्न - अनाज वह भोजन के रूप में खाते हैं । वह अन्न
कीचड़ में ही उत्पन्न होते हैं। यदि मनुष्य को यह तथ्य पता होता तो वे शायद कीचड़ का तिरस्कार नहीं करता । यह दुर्भाग्य की बात है ।
प्रश्न 4.
पहाड़ लुप्त कर देने वाले कीचड़ का क्या विशेषताएं है ?
उत्तर-
पहाड़ लुप्त करने वाले कीचड़ की बहुत सारी विशेषताएं है । नदी किनारे बहुत सारी कीचड़ होते है, जोकि पहाड़ को लुप्त कर देते हैं । और वह इतनी ज्यादा होते हैं कि पहाड़ को ढक देते हैं । चारों ओर जिधर देखो उधर कीचड़ ही कीचड़ होते हैं। जिसके कारण पहाड़ नजर ही नहीं आते हैं । और कीचड़ की बहुत सारी विशेषताएं हैं जैसे कि नदी से निकली हुई कीचड़ बहुत उपजाऊ होती है और वह खेती के लिए बहुत ही अनुकूल होता है।
प्रश्न 5.
कीचड़ के रंग किन-किन लोगों को खुश करता है ?
उत्तर-
कीचड़ का रंग बहुत से लोगों को खुश करता है । जैसे कि कलाकारों , मूर्तिकारों , चित्रकारों एवं छायाकार (फोटोग्राफर ) इत्यादि को । यह लोग मिट्टी के बर्तन ( पकाए हुए ) पर यही रंग करना पसंद करते हैं। जब एक छायाकार (फोटोग्राफर ) फोटो को खींचते हैं तो , एक आधी जगह पर कीचड़ जैसे रंग देखना पसंद करता है । वाह इस कीचड़ रंग को देखकर बहुत खुश होता है । इसके अलावा साधारण व्यक्ति अपने घरों के दीवार पर, पुस्तकों के गद्दे पर और कीमती से कीमती कपड़ों पर यही रंग देखना पसंद करते हैं ।
प्रश्न 6.
कीचड़ सूखकर किस प्रकार का दृश्यों उपस्थित करता है?
उत्तर-
गर्मी के दिनों में कीचड़ के सूखने के बाद कीचड़ टुकड़ों-टुकड़ों में बढ़ जाता है । तब सूखे हुए कीचड़ के टुकड़ों से सुंदर दृश्य प्रकट होते हैं । ज्यादा गर्मी और पानी की कमी के कारण कीचड़ में दरार पड़ जाते । और यह सुख कर ऐसे दिखते हैं जैसे कि नारियल के टुकड़े हो । गीले कीचड़ में जब दो पाड़े लड़ते हैं तो उनके अंकित सींगों के चिह्न और पचिह्न पड़ जाते हैं । और जब वही कीचड़ सूख जाता है तो , ऐसा लगता है कि भारतीय महाकुल युद्ध का इतिहास दोहराया हो ।
प्रश्न 7.
सूखे हुए कीचड़ के सौंदर्य किन स्थानों पर दिखाई देता है?
उत्तर-
सुखा हुआ कीचड़ के सौंदर्य नदी के किनारे पर दिखाई देता है । कीचड़ का सुखा हुआ भाग पर जब छोटे-छोटे पक्षी और बगुले विहार करने लगते हैं तो उनका यह विहार बहुत ही सुंदर प्रतीक होता हैं । दूसरी ओर जानवर जैसे की गाय , भैंस , बैल , पाड़े, भेड़ , बकरियां की पदचिह्न उस पर पड़ता है तो बहुत ही सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
प्रश्न 8.
कवियों के धारणा को लेखक ने युक्तिशुन्य क्योंं कहा है ?
उत्तर-
कवियों की धारणा को लेखक ने युक्तिशुन्य इसलिए कहा क्योंकि कवि केवल बाहर की सुंदरता पर ध्यान देते हैं । परंतु आंतरिक सुंदरता और उपयोगिता में बिल्कुल ही ध्यान नहीं देते । लेखक कवियों के बारे में कहते हैं कि , कवि कीचड़ में उगने वाला कमल की सुंदरता को बहुत सम्मान देते हैं । लेकिन कीचड़ का तिरस्कार करते हैं । वे मात्र सौंदर्य को महत्व देते हैं परंतु सौंदर्य जहां से उत्पन्न होता है उसका सम्मान नहीं करते ।
प्रश्न 9.
नदी किनारे अंकित पदचिह्न और सींगों का चिह्नों से मानो महिष कुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास ही इस कर्दम लेख में लिखा हो ऐसा भास होता है।
उत्तर-
आशय-नदी किनारे मिलो दूर तक फैली कीचड़ जब सुख कर ठोस एवं कठोर हो जाते हैं । तो उस पर जानवरों ( बैल , बकरी,भैंसों ) के पाडे आपस में सींग से सींग भिड़ाकर खूब लड़ते हैं । लड़ाई के दौरान उसके पैरों से किचन खोद जाता है । खुदी हुई कीचड़ को देखकर लेखक को लगता है कि मानो यहां भैंसों द्वारा कोई महाभारत की लड़ाई लड़ी गई हो ।
प्रश्न 10.
“आप वासुदेव की पूजा करते हैं इसलिए वसुदेव को नहीं पूजते, हीरे का भारी मूल्य देते हैं किंतु कोयले या पत्थर की नहीं देते और मोती को कंठ में बाँधकर फिरते हैं किंतु उसकी सीपी को गले में नहीं बाँधते !” कम-से कम इस विषय पर कवियों के साथ तो चर्चा न करना ही उत्तम है !
उत्तर-
लेखक कहते हैं कि - कवियों केवल सौंदर्य और उपयोगिता के आधार पर ही वस्तुओं का महत्व देता है । वे बाहर के सुंदरता को ही देखते हैं । और अंदर की सुंदरता को नहीं देखते । वह वस्तु कहां से आई , कहां से उत्पन्न हुई, कहां से पैदा हुए , उनका स्रोत क्या है उनका इससे कोई मतलब नहीं। वे कहते हैं कि पंकज , वासुदेव , हीरा और मोती की प्रशंसा करना ठीक है लेकिन जरूरी नहीं है कि इनके उत्पत्ति स्रोत जैसे- कीचड़, वसुदेव, कोयला और सीपी इन सब की प्रशंसा करे । लेखक को इन विषयों में कवियों से बहस करना उचित नहीं लगता । इसलिए लेखक कहते हैं कवियों से इस पर बात को करना ही बेकार है।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित शब्दों का तीन-तीन पर्यायवाची शब्द लिखिए -
उत्तर -
क} पंकज – वारिज, राजीव, पद्म,
ख} सिंधु – नदीश, पयोधि, अर्णव,
ग} पृथ्वी – धरणी, वसुंधरा, अचला, धरा,
घ} आकाश – अभ्र, अर्श, गगन,
च} जलाशय – तलैया, ताल, पोखर,
प्रश्न 12 .
निम्न लिखित शब्दों की बना वट को ध्यान से देखिए और इनका पाठ में से भिन्न किसी नए प्रसंग में वाक्य प्रयोग कीजिए-
उत्तर
क} आकर्षक – पतझड़ के बाद , वृक्षों में नए पत्ते बहुत ही आकर्षक लगते हैं ।
ख} यथार्थ – यह संसार वास्तविक है । और सुखोपभोग भी यथार्थ है ।
ग} तटस्थता – रेफरी की तटस्थता से फुटबॉल मैच का आनंद ही बढ़ गया।
घ} कलाविज्ञ – पेंटिंग प्रतियोगिता में बड़े-बड़े कलाविज्ञ भाग लेते हैं।
च} पदचिह्न – अच्छे व्यक्ति हमेशा महान पुरुषों के पदचिह्न पर चलते हैं ।
छ} अंकित – कीचड़ पर चलने पर पैरों के पदचिह्न अंकित हो जाता हैं ।
ज} तृप्ति – गरीबों को खिलाकर मन तृप्ति हो जाता है ।
झ} सनातन – दूसरों की मदद करना हमारे सनातन परंपरा है ।
ट} लुप्त – वन-जंगल कम होने के कारण , वन्य जीव धीरे-धीरे लुप्त हो रहे हैं।
ठ} जाग्रत – आज के समय में हमारा देश विकास में जाग्रत हो चुका है ।
ड} घृणास्पद – कीचड़ को देखते ही मनुष्य के मन में घृणास्पद होता है ।
ढ} युक्तिशून्य – नेता के सभी तर्क ओर बाते सब युक्तिशून्य थे।
ण} वृत्ति – शांत वृत्ति वालों व्यक्ति को लोग पसंद करते हैं।