Welcome to Chapter 1, "Arambhik Jeevan " Question and Answer Guide for class 8. Our concise, expert-curated solutions align with the NCERT curriculum, enhancing comprehension and exam performance.
प्रश्न 1 – सिद्धार्थ के बारे में महर्षि असित की क्या भविष्यवाणी थी ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर-
महर्षि असित ने सिद्धार्थ के बारे में राजा को भविष्यवाणी बताते हुए कहता है कि आपका पुत्र बुद्ध बनेगा , वह शाक्य कुलभूषण बनेगा । वाह यह भी बताते हैं कि आपके पुत्र, कुमार के विषयों से बिल्कुल अलग होंगे और वह राज-पाट को त्याग कर संसार के मोह माया से दूर , तप से तत्वज्ञान प्राप्त करेगा । महर्षि अजीत भविष्यवाणी बताते हैं कि आपका पुत्र ज्ञान की वह नौका तैयार करेगा । और इस संसार में जितने भी भटके हुए मनुष्य को , जीव-जंतुओं को कष्ट रूपी सागर के पर , उस नौका पर बैठाकर मोक्ष का सीधा मार्ग बताएगा ।
प्रश्न 2 – आप कैसे कह सकते हैं कि बालक सिद्धार्थ विशेष मेधावी था ?
उत्तर:-
हम बालक सिद्धार्थ को विशेष मेधावी इसलिए कह सकते हैं क्योंकि सिद्धार्थ एक सामान्य बालक नहीं था । वह जिन विद्या को जानने के लिए कोशिश करता उससे वह कुछ ही क्षणों में सीख जाता । जबकि उसके साथ दूसरे विद्यार्थी उसे विद्या को सीखने के लिए वर्षों तक प्रयास करते रहते थे । वाह गुरु का आदर करते थे , दूसरों की मदद करते थे , और सब के दुखों का निवारण करते थे । उनके संगत में जो उनका शत्रुता वह मित्र हो गया जो मित्र थे वह और अधिक प्यारे हो गए और बालक सिद्धार्थ दूसरे के मन को मोह लेते थे मानो उनके अंदर कोई भगवान बसा हो ।
प्रश्न 3 – महाराज शुद्धोदन सिद्धार्थ की सुख–सुविधाओं की व्यवस्था के लिए क्यों विशेष प्रयत्नशील रहते थे ?
उत्तर-
सिद्धार्थ की सुख-सुविधाओं की व्यवस्था के लिए महाराज शुद्धोधन ने विशेष प्रयत्नशील थे , क्योंकि उनके मन में हर वक्त महर्षि असित द्वारा बताई गई भविष्यवाणी चलते रहता था। महाराज शुद्धोधन जानते थे कि बालक सिद्धार्थ बड़ा होकर अपनी मोक्ष प्राप्ति के लिए वह वन की ओर प्रस्थान करेगा । यह बात सोचते हुए महाराज शुद्धोधन ने बालक सिद्धार्थ के सुख-सुविधाओं का अत्यंत व्यवस्था क्या था । ताकि बालक सिद्धार्थ राजमहल में रहकर मोक्ष प्राप्ति करें । राजा चाहते थे कि सिद्धार्थ के मन में ऐसी कोई तिलहन उत्पन्न ना हो जिससे उसके मन में वैराग्य बनने के लिए उसे मजबूर करें ।
प्रश्न 4 – राजकुमार सिद्धार्थ के मन में संवेग की उत्पत्ति के क्या कारण थे ?
उत्तर :-
राजकुमार सिद्धार्थ को किसी के मुंह से पता चला कि उसके महल के बाहर एक उद्यान है । जहां पर तरह-तरह के वृक्ष है और उस पर तरह-तरह के पक्षी रहते हैं । और उसी के सामने एक सरोवर है , जिस पर बहुत सारे कमल के फूल होते हैं । यह सब सुनते ही सिद्धार्थ के मन में वह सब देखने का मन किया । राजकुमार सिद्धार्थ ने अपने पिताश्री से आज्ञा ली । राजा ने अनुमति दे दी परंतु साथ में बहुत सारे सिपाही भेजें । राजकुमार सिद्धार्थ को और उद्यान में भेजने से पहले राजा ने उधान के सामने से सारे वृद्धा , रोग ग्रस्त और गरीबी से जूझ थे लोगों को हटा दिया । ताकि सिद्धार्थ के मन में वैराग भाव उत्पन्न ना हो । राजा की अनुमति से सिपाहियों ने सारे वृद्धा , रोग ग्रस्त और गरीबी से जूझते प्रजा को उस मार्ग से हटा दिया । परंतु जब राजकुमार सिद्धार्थ और धान की ओर जा रहे थे । तब उसको रास्ते में एक बुढ़िया देखी जो रोग से ग्रस्त थे और साथ ही में एक सव दिखा जिसके आसपास लोग रोते हुए जा रहे थे । यह देखकर राजकुमार सिद्धार्थ के मन में विचलन होने लगे । वह सिपाही से पूछा यह क्या है , सिपाहियों ने बताया हमारे समाज में ऐसा होता रहता है । चाहे आप अमीर हो या गरीब हो आपको कभी ना कभी रोग होगा । चाहे आप अमीर हो या गरीब हो बुढ़ापे में आपको मृत्यु आना है । यह सुनते ही राजकुमार सिद्धार्थ ने कहा - तो फिर यह राजदरबार मेरे किस काम के , जब एक दिन हमें इन्हीं की जैसे होना है । इसी तरह के बातों और दृश्यों से सिद्धार्थ के मन में संवेग की उत्पत्ति हुई ।