Welcome to NCERT Solutions for Class 7 Hindi Durva Bhag 2 Chapter -2 सबसे सुंदर लड़की This guide offers step-by-step solutions, designed by language experts to align with the NCERT curriculum, aiding in better understanding and scoring higher in exams.

 1. कलाकार कौन था?

उत्तर:

कलाकार का नाम सुंदर सा था जोकि हर्ष के पिता थे।

2. सुंदर सा ने कैसा खिलौना बनाया था?

उत्तर:

सुंदर सा ने एक रंग-बिरंगी सीपियों से पक्षी बनाया था।

3. हर्ष अपने पिता को क्या कह कर संबोधित करता था?

उत्तरः

हर्ष अपने पिता को “ बाबा “ कर संबोधित करता था।

5. वहाँ सबसे सुन्दर लड़की कौन थी । 

उत्तर:

सबसे सुन्दर लड़की कनक थी ।

6. कलाकार के रिश्तेदार का मित्र क्यों और किसके साथ आया था?

उत्तर:

कलाकार के रिश्तेदार का मित्र कुछ दिनों के छुट्टियों के लिए आया था और वह अपनी पुत्री मंजरी को भी साथ लाया था।

7.लेखक के अनुसार सच्ची सुन्दरता क्या होती है?

उत्तर:

लेखक के कहने क तात्पर्य यह है कि जो इंसान किसी दूसरे के सुख-दुख, मदद के लिए प्रेमपूर्वक सदा खड़ा रहता है वही सर्व सुंदर है क्योंकि उसका मन सुंदर है । “विष्णु प्रभाकर” के अनुसार यही मन की सुन्दरता न कि मुख या रंग से सुंदरता झलकती है।

8. सुंदर सा कौन थे और वह क्या काम करते थे?

उत्तर:

हर्ष के पिता का नाम सुंदर सा था और वह एक कलाकार थे। समुद्र से विभिन्न प्रकार की सीपियाँ, रंग-बिरंगी कौड़ियाँ, खूबसूरत शंख और चित्र विचित्र पत्थर और बहुत सी अन्य वस्तुएं लाते। उनसे वे विभिन्न प्रकार के खिलौने बनाते थे।

9. कनक के पिता की मृत्यु कैसे हुयी थी?

उत्तरः

कनक बेचारी बड़ी गरीब थी। उसके पिता एक दिन नाव लेकर मछलियाँ पकड़ने गएँ लेकिन वह लौटे ही नहीं । कनक की माँ मछलियाँ पकड़कर किसी तरह अपने दोनों बच्चों को पालती थी।

10. कनक ने अपनी माँ की मदद कैसे और क्यों की?

उत्तर:

कनक के पिता की मृत्यु हो गई थी, इसलिए उसकी मां मछलियाँ बेचकर घर चलाती थी। उन्होंने मछलियाँ बेचने से ज्यादा कमाई नहीं होती थी तो कनक अपने माँ का हाथ बटाने

के लिए छोटे- छोटे शंख की छोटी-छोटी मालाएँ बनाकर बेचती थी। जिससे उसकी माँ को कुछ मदद मिल जाती थी।

11. बेहद कम आयु के होने के बावजूद भी हर्ष समुद्र की लहरों में कैसे तैर लेते थे ?

उत्तर:

अभ्यास एक ऐसी चीज है जो एक समय के बाद सबसे कठिन से कठिन काम को भी आसान बना देता है। सालों से समुद्र के किनारे होने के कारण हर्ष और कनक को समुद्र के हर रूप के साथ तैरने का अच्छा अनुभव और अभ्यास हो चुका था। वह दोनों समुद्र की तेज लहरों में भी आसानी से तैर लेते थे।

12. मजरी का कनक से ईर्ष्या का क्या कारण था?

उत्तर:

कनक तैराकी में बहुत कुशल थी और हर्ष के साथ समुद्र में दूर तक घंटों तैरती थी। इसके विपरीत मंजरी को तैराकी का विशेष ज्ञान नहीं था। लेकिन कनक को हर्ष के साथ समुद्र में तैरते देख कर मंजरी को ईर्ष्या होती थी। मं स्वयं हर्ष के साथ कनक की तरह तैरना चाहती थी इसलिए वह कनक से ईर्ष्या करती थी।

13. “डर क्यों लगेगा, लहरें तो हमारे साथ खेलने आती हैं” यह बात कौन किससे कह रहा है।

उत्तर:

“डर क्यों लगेगा, लहरें तो हमारे साथ खेलने आती हैं” यह वाक्य हर्ष अपनी मित्र मंजरी से कह रहा है। एक बहुत बड़ी लहर दौड़ती हुई हर्ष की ओर आई, मानो उसे निगल जाएगी। यह देखकर मंजरी चीख उठी लेकिन हर्ष उछलकर लहर पर सवार हो गया और किनारे पर आ गया।

14.हर्ष ने मंजरी के जन्म दिन पर क्या तोहफा दिया?

उत्तर:

हर्ष के पिताजी ने जो अपने हाथों से रंग-बिरंगी सीपियों का पक्षी था वो हर्ष के द्वारा मंजरी को तोहफे में दिया गया जन्मदिन के अवसर पर सब लोग जब तालियां बजा रहे थे तभी हर्ष अपनी जगह से उठा और बड़े प्यार से वह सुंदर खिलौना उसने मंजरी के हाथों में थमा दिया। मंजरी बार-बार उस खिलौने को देखती और खुश होती ।

5. इस पाठ के लेखक का संक्षिप्त परिचय दीजिये।

उत्तर:

विष्णु प्रभाकर का जन्म 21 जून, 1912 को मीरापुर, जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) हुआ था इनकी मृत्यु | 1 अप्रैल 2009 को देहली में हो गयी वष्णु प्रभाकर ने कहानी, उपन्यास, नाटक व निबंध विधाओं में सृजन किया और ढलती रात, स्वप्नमयी, अर्धनारीश्वर, धरती अब भी घूम रही है, क्षमादान, दो मित्र, पाप का घड़ा, होरी इत्यादि उपन्यास लिखे।

16. "होगी कोई नौ-दस वर्ष की, पर थी बहुत सुंदर, बिलकुल गुड़िया जैसी" किसके सुन्दरता का वर्णन किया जा रहा और सबसे सुन्दर कौन है?

उत्तर:

मंजरी के सुन्दरता का वर्णन किया जा रहा है। मंजरी बिलकुल गुड़िया जैसी सुन्दर थी, लेकिन लेखक के अनुसार कनक सबसे सुन्दर लगती है। क्योंकि दिखने में तो कनक मंजरी के समान सुंदर नहीं थी परन्तु हृदय से वह बहुत सुन्दर थी। उसे किसी से ईर्ष्या-द्वेष नहीं था, वह मेहनती थी वह अपनी माता जी की बहुत सहायता करती थी। इसके अलावा वह एक बहादुर और निःस्वार्थ लड़की थी। उसने अपने प्राणों की भी चिंता न करते हुए मंजरी की जान बचाई थी। अपने इन्हीं गुणों के था।कारण वह सबसे सुन्दर थी. मंजरी में इन गुणों का पूर्णतः अभाव 

17.मंजरी को कनक नहीं भाती थी। फिर भी मंजरी ने कनक को अपना खिलौना क्यों दे दिया?

उत्तर:

कनक को तैराकी की अधिक समझ थी वह हर्ष की दोस्त थी हर्ष के साथ वह घंटों समुद्र में दूर तक तैरती थी जबकि मंजरी इसके बारे में अधिक नहीं जानती थी हालांकि वह भी तैराक बनने की इच्छा रखती थी जब कनक हर्ष के साथ समुद्र में तैरते देखती तो उसे जलन होती| वह कनक से चिढ़ने लगी लेकिन कनक ने मंजरी की जान बचाई थी। यदि उस वक़्त कनक नहीं होती तो आज वह जिन्दा ही नहीं होती। जान बचाने के कारण मंजरी की नजरों में कनक दुनिया की सबसे अच्छी और सुंदर लड़की बन गई थी। कनक के प्रति अपना धन्यवाद प्रकट करने के लिए मंजरी ने उसे अपना खिलौना दे दिया।

19.हर्ष के पिता के जीविकोपार्जन का क्या माध्यम था? कनक घर चलाने में अपनी माँ की किस प्रकार सहायता करती थी ?

उत्तर:

हर्ष के पिता को कला का ज्ञान था। वह समुद्र से तरह-तरह के सीप, विभिन्न रंग की कौड़ियाँ सुंदर शंख, अनेक प्रकार के पत्थर और बहुत अन्य वस्तुएँ लाते थे। उनसे वे विभिन्न प्रकार के खिलौने बना कर बेचते थे और अपना जीविकोपार्जन करते थे। कनक के पिताजी का देहांत हो चुका था। उसकी मां मछलियों को बेचकर घर का खर्च चलती थी। लेकिन मछलियाँ बेचकर ज्यादा कमाई नहीं हो पाती थी। ऐसे हालात में कनक अपने माँ की सहायता करने के लिए छोटे- छोटे शंखों की मालाएँ बनाकर बेचती थी। इससे उसकी माँ को कुछ सहायता मिल जाती थी।

19.“वह बेचारी थी बड़ी गरीब।“ लेखक के अनुसार अमीरी और गरीबी के अंतर को कैसे दूर किया जा सकता है?

उत्तर:

प्रस्तुत वाक्य को कनक के लिए कहानी में कहा जा रहा है वह अपनी मा का हाथ सीपियाँ इक्कठा करके उनकी माला बनाकर बेचकर करती थी क्योंकि उनकी आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं थी कनक के पिताजी की मृत्यु हो चुकी थी। अमीरी और गरीबी के अंतर को इस प्रकार से दूर करने लिए शिक्षा का प्रसार होना चाहिए। सरकार को देश में गरीबों के उत्थान के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। गरीबों के वेतन में वृद्धि करनी चाहिए। अमीरों से अधिक कर लेना चाहिए।

20.“हाँ बाबा, मैं यह पक्षी मंजरी को दूँगा “ यह वाक्य किसने किससे कहा है और उसका उल्लेख करे।

उत्तर:

"हाँ बाबा, मैं यह पक्षी मंजरी को दूँगा " यह वाक्य हर्ष अपने पिता से कह रहा है जब उसके पिता ने बताया दो दिन बाद मंजरी का जन्म दिन है। उस दिन तुम उसको यह पक्षी भेंट कर देना । हर्ष की खुशी का ठिकाना नहीं था। बोला, हाँ बाबा, मैं यह पक्षी मंजरी को दूँगा । वह दौड़कर मंजरी के पास गया, उसे समुद्र किनारे ले गया और बातें करने लगा।