Welcome to NCERT Solutions for Class 7 Hindi Durva Bhag 2 Chapter-12 शहीद झलकारीबाई. This guide offers step-by-step solutions, designed by language experts to align with the NCERT curriculum, aiding in better understanding and scoring higher in exams.
1. रानी लक्ष्मीबाई के सामने कौन सा संकट आ खड़ा हुआ था?
उत्तरः अंग्रेजों की विशाल सेना ने झाँसी को चारों ओर से घेर लिया था।
2. रानी लक्ष्मीबाई के पुत्र का क्या नाम था?
उत्तरः रानी लक्ष्मीबाई के पुत्र का नाम” दामोदर राव” था।
3.क्या, “दामोदर राव” रानी लक्ष्मीबाई का सगा पुत्र था ?
उत्तर: नहीं, “दामोदर राव” रानी लक्ष्मीबाई का दत्तक पुत्र था।
4. दत्तक पुत्र का क्या अर्थ है?
उत्तर: दत्तक पुत्र अर्थात जिसको गोद लिया गया हो। जो अपने माँ की कोख से जन्म ना लिया हो ।
5. मैं किसी भी हालत में अंग्रेजों की बंदी नहीं होना चाहती। मैं झाँसी की रक्षा करते. करते शहीद हो जाना पसंद करूंगी” | यह कथन किसका क है ? किससे कहा जा रहा है?
उत्तर: यह, कथन रानी लक्ष्मीबाई का है। वह नाना साहब जी से कह रही है।
6. दूत क्या समाचार लाया था?
उत्तर: दूत कहता है कि समाचार शुभ नहीं है। अंग्रेजों की सेना ने का झाँसी को चारो ओर से पूरी तरह से घेर लिया है. उन्होंने आपको जिंदा ही पकड़ने की ठान रखी है।
7. झलकारीबाई कौन थी?
उत्तरः झलकारीबाई रानी लक्ष्मीबाई की सेना की सेनापति थी । लक्ष्मीबाई की हमशक्ल भी थी झलकारी बाई अंत तक युद्ध में रानी को बचाने का प्रयास करती रही। इस प्रयास में उन्होंने अपनी जान भी दे दी ।
8. झलकारीबाई रानी लक्ष्मीबाई कौन-कौन सी वस्तुएं चाहती थी?
उत्तरः झलकारीबाई निर्णायक युद्ध में रानी लक्ष्मीबाई से वस्त्र, पगड़ी और कलगी चाहती थी, ताकि वह लक्ष्मीबाई की तरह दिखे और अंग्रेज चकमा खा जाये।
9. “तुम्हारी योजना क्या है। यह तो बताओ?” यह कथन किसका है? किससे कहा गया है?
उत्तर: यह कथन नाना साहब ने झलकारीबाई से कहा है।” अरे! झलकारीबाई, तुम! तुम तो हू- ब- ह लक्ष्मीबाई लग रही हो। लेकिन तुम ये बताओ कितुम्हारी योजना क्या है? “
10. “झलकारीबाई ठीक कहती है महारानी।“ ठीक कहती है का क्या अर्थ है ?
उत्तर: जब झलकारीबाई नाना साहब के पूछने पर अपने योजना के बारे में बताती है, तब नाना साहब जी कहते हैं कि “महारानी जी, झलकारी बाई बिल्कुल सही कह रही हैं”।
11. जब जनरल रोज़ ने कहा : झाँसी की रानी तुम बहुत बहादुर हो। हम तुम्हारी बहादुरी को सलाम करते हैं। लेकिन अब तुम हमारी बंदी हो। इस पर झलकारीबाई का क्या जवाब था?
उत्तर : झलकारीबाई ने जवाब दिया, जनरल झाँसी की रानी को जिंदा पकड़ना तुम्हारे बस की बात नहीं है। वह जीवित रहने तक स्वतंत्र ही रहेगी। रानी झाँसी की जय! इतना कहकर झलकारीबाई बेहोश हो जाती है।
12. क्या यहाँ कोई है जो इसे पहचानता हो?” यह कथन किसके लिए है और कौन पहचानता है ?
उत्तर: यह, कथन” जनरल रोज़” झलकारीबाई के लिए कहता है। जब जनरल रोज झलकारीबाई को रानी लक्ष्मीबाई समझ कर उन्हें कैद कर लेता है और उसे पता चलता है के रानी लक्ष्मीबाई नहीं बल्कि झलकारीबाई है तो वो परेशान हो जाता है और इस बात की पुष्टि करने के लिए वो ये पूछता है के “क्या यहाँ कोई है जो इसे पहचानता हो ?” इस बात की पुष्टि एक सैनिक वहाँ आकर करता है और कहता है कि यह रानी लक्ष्मीबाई नहीं झलकारीबाई है। यह रानी लक्ष्मीबाई की सेनापति है।
13. जनरल ! झाँसी की रानी को जिंदा पकड़ना तुम्हारे बूते की बात नहीं है।‘ कथन की पुष्टि करिये ?
उत्तर: जनरल ! झाँसी की रानी को जिंदा पकड़ना आपकी योग्यता की बात नहीं है। यह पंक्ति अंग्रेजों के जनरल रोज को झलकारीबाई ने कहा था। उसने ऐसा इसलिए कहा, ताकि जनरल रोज़ को समझा सके कि रानी लक्ष्मीबाई को झांसी में पकड़ना कोई बच्चों का खेल नहीं है।
14. झलकारीबाई ने झाँसी के रानी को कैसे जीवन दान दिया ?
उत्तरः झलकारी बाई रानी लक्ष्मीबाई के स्थान पर मैदान में युद्ध करने चली गई। इस तरह वह अपनी अंतिम सांस तक अंग्रेजी सेना को धोखा देती रही। जब तक कि रानी सुरक्षित रूप से किले से बाहर नहीं निकल गई तब तक उसने हार नहीं मानी। अंत में उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए और रानी को किले से सुरक्षित बाहर निकाल दिया।
15. जब लक्ष्मीबाई ने कहा : झलकारीबाई! मैं तुम्हें जानबूझकर मौत के मुँह में कैसे जाने दूँ? झलकारीबाई ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर: रानी लक्ष्मीबाई के इस कथन पर झलकारीबाई ने लक्ष्मीबाई से कहा, रानी माँ आप ही ने हमें सिखाया है कि वीरांगनाएँ मौत से नहीं डरती। हम प्राणों की बाज़ी लगाकर भी झाँसी की रक्षा करेंगे।
16. सामंतों ने रानी लक्ष्मीबाई को क्या सुझाव दिया?
उत्तरः रानी लक्ष्मीबाई ने राज्य को जब अंग्रेजों से घिरा पाया तो, अपने सामंतों से कहा अब हमारे सामने केवल एक ही रास्ता बचा है कि हम किले का फाटक खोल दें और अंग्रेजी सेना को युद्ध के लिए ललकारे। झाँसी की रक्षा के लिए अपने प्राणों के बलिदान का अवसर आ गया है। तब सामंतों ने कहा रानी जी दामोदर राव की सुरक्षा का प्रबंध भी हम कर लेंगे। लेकिन जानबूझकर अंग्रेजों की सेना के सामने जाकर प्राण देने में कोई समझदारी नहीं है। उचित तो यह होगा, कि किसी तरह किले से सुरक्षित निकलकर हम फिर से सेना को संगठित करें।
17. झलकारीबाई ने नाना साहब को क्या योजना बताई?
उत्तर: झलकारीबाई ने नाना साहब को अपनी योजना बताते हुए कहती हैं कि मेरी योजना यह है कि मैं अपनी सेना लेकर किले के मुख्य द्वार पर अंग्रेजों को उलझा कर रखूँगी। इससे उनका पूरा ध्यान मुझ पर बना रहेगा। वे रानी समझकर मुझे घेरने का प्रयत्न करते रहेंगे। इतने में रानी माँ दामोदर सहित अपने वीर सैनिकों को लेकर महल से दूर निकल जाएँगी |
18. जब दूत ने लक्ष्मीबाई को बताया, कि अंग्रेजों ने झाँसी को घेर रखा है, तब लक्ष्मीबाई ने नाना साहेब से क्या कहा? नाना साहेब ने क्या जवाब दिया?
उत्तरः रानी लक्ष्मीबाई का द्रुत समाचार लेकर आता है और कहता कि समाचार शुभ नहीं है। अंग्रेजों की सेना का घेरा झाँसी के चारों ओर बहुत कड़ा हो गया है। उन्होंने आपको जिंदा ही पकड़ने की ठान रखी है। इस समाचार को सुनकर रानीलक्ष्मीबाई नाना साहब से कहती है। कि “मैं किसी भी हालत में अंग्रेजों की बंदी नहीं होना चाहती। मैं झाँसी की रक्षा करते करते शहीद हो जाना पसंद करूंगी”। इस पर नाना साहब यह जवाब देते हैं कि आप आदेश दे महारानी जी! हम अभी अंग्रेजों पर टूट पड़ेंगे।
19. “सबकी निगाहें आप पर टिकी हैं” यह कथन किसका है? किसके संदर्भ में कहा गया है?
उत्तरः रानी लक्ष्मीबाई ने जब राज्य को अंग्रेजों से घिरा पाया तो अपने सामंतों से कहा अब हमारे सामने केवल एक ही रास्ता बचा है, कि हम किले का फाटक खोल दें और अंग्रेजी सेना को युद्ध के लिए ललकारें। तब नाना साहब जी कहते है, कि आप जैसी वीराँगना को हम मरने के लिए अंग्रेजों की सेना के सामने नहीं धकेल सकते और आपका यह निर्णय उचित तो है, पर रणनीति की दृष्टि से उचित नहीं है। हमें कोई दूसरा रास्ता निकालना होगा। आपकी पराजय केवल रानी लक्ष्मीबाई की पराजय नहीं होगी। वह झाँसी की पराजय होगी। यदि झाँसी इतनी आसानी से पराजित हो गई तो सम्पूर्ण भारत में चल रहा स्वाधीनता संग्राम ही खतरे में पड़ जाएगा। क्यूँकि सबकी निगाहें आप पर टिकी हैं।
20. चूहे की तरह बिल में घुसे रहने से तो अच्छा है, हम शेर की तरह शत्रु पर टूट पड़ें” । यह कथन किसका है और कथनका भाव व्यक्त करे?
उत्तर: यह कथन रानी लक्ष्मीबाई का है। उनके सामंतों ने राज्य को घिरने के उपरांत रानी जी को सुझाव दिया कि जानबूझकर अंग्रेजी सेना के सामने जाकर प्राण देने में कोई समझदारी नहीं है। उचित तो यह होगा कि किसी तरह किले से सुरक्षित निकलकर हम फिर से सेना संगठित करें। रानी लक्ष्मीबाई उत्तर देते हुए कहती है, कि मैं आपकी योजना से सहमत हूँ। लेकिन अब इस अंग्रेजों की सेना का घेरा तोड़कर किले से बाहर निकल पाना आसान नहीं है। आप तो जानते ही हैं, कि अंग्रेजों के गुप्तचर महल के भीतर भी हैं। ये गद्दार हमारी छोटी – छोटी बातें अंग्रेजों तक पहुँचा रहे हैं। ऐसी स्थिति में चूहे की तरह बिल में घुसे रहने से तो अच्छा है. हम शेर की तरह शत्रु पर टूट पड़ें।