Welcome to NCERT Solutions for Class 7 Hindi Durva Bhag 2 Chapter-4 Visvesvaraya. This guide offers step-by-step solutions, designed by language experts to align with the NCERT curriculum, aiding in better understanding and scoring higher in exams.


अति लघु उत्तरीय 

1. विश्वेश्वरैया जी के पिता की मृत्यु कब हो गयी थी?

उत्तर:

विश्वेश्वैया जब केवल चौदह वर्ष के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी।

2. विश्वेश्वरैया जी को हाईस्कूल में कौन सा गाना गाने के लिए कहा गया था ?


उत्तर:

विश्वेश्वरैया जी को हाईस्कूल में “गाड सेव द किंग! नामक गाना गाने के लिए कहा गया था।

3. विश्वेश्वरैया जी का संदेश क्या था ?


उत्तरः

विश्वेश्वरैया जी का संदेश था कि पहले जानो, फिर करो।

4. विश्वेश्वरैया बड़े हो कर क्या बने?


उत्तर:

विश्वेश्वरैया एक महान इंजीनियर बने।

5. दो वर्ष की आयु से ही विश्वेश्वरैया का परिचय किन कहानियों से हो गया |


उत्तर:

दो वर्ष की आयु से ही विश्वेश्वरैया परिचय रामायण, महाभारत और पंचतंत्र की कहानियों से हो गया।

लघु उत्तरीय प्रश्नः

6 विश्वेश्वरैया कैसे एक व्यवहारिक व्यक्ति बन गए?

उत्तर:

उनके पास हर प्रश्न का उत्तर था। समाधान ढूँढ़ने की क्षमता उनके पूरे जीवन में लगातार विकसित होती रही। और इस कारण वह एक व्यावहारिक व्यक्ति बन गए।

7 विश्वेश्वरैया के महानता की कुंजी क्या थी?


उत्तरः

विश्वेश्वरैया ने निश्चय किया कि वह जीवनपर्यन्त तक छात्र बने रहेंगे। क्योंकि वह इस दुनिया से बहुत कुछ सीखना चाहते थे। यह संकल्प उनकी महानता की कुंजी थी|

8 विश्वेश्वैया को रामायण, महाभारत और पंचतंत्रा की कहानियों का ज्ञान कब हुआ?


उत्तर:

दो वर्ष की आयु से ही उनका परिचय रामायण, महाभारत और पंचतंत्रा की कहानियों से हो गया था। इन कहानियों से विश्वेश्वरैया ने ईमानदारी, दया और अनुशासन मानवीय मूल्यों को ग्रहण किया।

9 विश्वेश्वरैया जी ने क्या संकल्प लिया था?


उत्तरः

विश्वेश्वरैया जी का मानना था कि ज्ञान असिमित है। उन्होंने संकप्ल लिया जीवनपर्यत तक छात्र बने रहेंगे और सीखते रहेंगे।

10 विश्वेश्वैया जी ने रामायण, महाभारत और पंचतंत्रा से क्या सीखा था?


उत्तर:

रामायण, महाभारत और पंचतंत्रा इन कहानियों से विश्वेश्वरैया ने ईमानदारी, दया और अनुशासन जैसे मूल मानवीय मूल्यों को आत्मसात किया।

लघु उत्तरीय पप्रश्न

11 लेखक को जल के शक्ति प्रभाव कब हुआ।

उत्तरः

लेखक कहते है, कि जहाँ विश्वेश्वरैया खडे थे, वहीं निकट की नाली का पानी उमड़- घुमड़ रहा था। उसमें भँवर भी उठ रहे थे। उसने एक जलप्रपात का रूप धारण कर लिया था। वह एक बहुत ही बड़े पत्थर को अपने साथ बहा कर ले जा रहा था जिससे जल अपने शक्ति का प्रदर्शन कर रहा था।

12 विश्वेश्वरैया का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिये।


उत्तरः

मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर में हुआ था। जो अब कर्नाटक में हैद्ध के मुद्देनाहलली नामक स्थान पर 45 सितंबर 186 को हुआ था। उनके पिता का नाम वैद्य था। वर्षों पहले उनके पूर्वज आंध्र प्रदेश के मोक्षगुंडम से यहाँ आए और मैसूर में बस गए थे।

13 विश्वेश्वरैया ने छह साल की उम्र में गरीबी क्या है’ कैसे जाना?


उत्तर:

जब प्रकृति अपने विभिन्न रूप के सामूहिक शक्तियों का प्रदर्शन कर रही थी। इस दृश्य को वह देख रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि थोड़ी दूर पर एक गरीब महिला बारिश में ताड़ की छतरी पकड़े खड़ी थी। वह बहुत गरीब थी। उसे देखते ही, विश्वेश्वरैया के मन में सवाल उठा कि लोग गरीब क्यों हैं। इस तरह, उन्होंने गरीबी के बारे में पता चला।

14 विश्वेश्वरैया के मन में नौकरानी को लेकर क्या विचार था ?


उत्तर:

विश्वेश्वैया नौकरानी के गरीबी को लेकर बहुत चिंतित रहते थे। उनका मन यह जाननाचा हता था, कि नौकरानी इतनीं गरीब क्यों है? नौकरानी फटी साड़ी क्यों पहनती है? वह झोंपड़ी में क्यों रहती है? क्या उसे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए? क्या नौकरानीवि देशी शासन के कारण गरीब है? यह प्रश्न विश्वेश्वरैया के मस्तिष्क में उमड़ता-घुमड़ता रहा।

15 विश्वेश्वरैया में क्या खूबियां थी?


उत्तर:

विश्वेश्वैया एक जिज्ञासु, विचारशील, मेहनती बच्चा था। जिज्ञासा के कारण वह सब कुछ जानने के लिए उत्सुक था। विचारशील होने के कारण वह अपने आस-पास होने वाली चीजों के बारे में गहराई से सोचते थे। परिश्रम इतना था कि वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करने से भी पीछे नहीं हटते थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नः

16 लेखक द्ववारा किये गए प्रकृति दृश्य का वर्णन कीजिये ।

उत्तर:

लेखक देखते है, कि आकाश में अँधेरा छाया हुआ था। बादल आकाश में मँडराते हुए एक-दूसरे से टकरा जाते तो बिजली चमक उठती और गर्जन होता। फिर मूसलाधार वर्षा होने लगी। कुछ ही देर में गड्ढे और नालियाँ पानी से भर गई। छः वर्षीय विश्वेश्वरैया अपने घर के बरामदे में खड़ा इस दृश्य को निहार रहा था। गली में पंक्तियों में खड़े पेड़ बारिश में धुल जाने के कारण साफ व सुंदर दिखाई दे रहे थे। पत्तियों और टहनियों से पानी की बूंदे टप टप गिर रही थी। थोड़ी ही दूर पर हरे-भरे धान के खेत लहलहा रहे थे।

17 विश्वेश्वरैया का मन किन बातों से व्याकुल रहता था ?


उत्तर:

विश्वेश्वैया का मन बहुत ब्याकुल था वह उनसे प्राकृतिक के बारे में पूछते ऊर्जा के प्रचलित स्रोत कौन से हैं? कैसे इस ऊर्जा को पकड़ कर इस्तेमाल में लाया जा सकता है? वह यह भी पूछते कि आखिर इतने लोग गरीब क्यों हैं? नौकरानी फटी साड़ी क्यों पहनती है? वह झोंपड़ी में क्यों रहती है ? क्या उसे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए ? वह परिवार के बड़ों से इन बातों का उत्तर जानना चाहते थे। वह अपने अध्यापकों से भी पूछा करते थे। विश्वेश्वरैया का मन इन सब बातों से ब्याकुल रहता था।

18 “धीरे-धीरे इस लड़के को प्रकृति और जीवन के बारे में अंतर्दृष्टि प्राप्त होने लगी” लेखक का यह वाक्य किसको प्रभावित करता है।


उत्तरः

लेखक का यह वाक्य विश्वेश्वरैया जी के लिए है। विश्वेश्वेया बचपन से बहुत जिज्ञासु रहे हैं। उनके मन में तरह- तरह के बिचार उठते थे, जैसे कि ऊर्जा के कौन से प्रचलित स्रोत हैं? नौकरानी फटी साड़ी क्यों पहनती है? नौकरानी झोंपड़ी में क्यों रहती है? इतने लोग गरीब क्यों हैं? लेकिन जैसे- जैसे वह बड़े होते गए उनको उनके सवालों के जवाब मिलने लगे। उन्हें महसूस हुआ कि ज्ञान असीमित है। उसे बिना रुके सीखते रहना होगा। तभी उन्हें उन प्रश्नों के उत्तर मित्र सकते हैं जो उन्होंने उठाए थे।

19 विश्वेश्वैया ने छह साल की उम्र में कौन सा प्राकृतिक दृश्य देखा था?


उत्तर:

छह वर्षीय विश्वेश्वरैया ने अपने घर के बरामदे में देखा कि बारिश के कारण वातावरण बहुत सुंदर हो गया। बारिश के कारण पेड़ धुल गए। पत्तियों और टहनियों से पानी टपक रहा था। कुछ दूरी पर धान के खेत हिल रहे थे। गली में नाले का पानी झरने की तरह हिल रहा था। उसमें इतनी शक्ति थी कि वह अपने साथ एक बहुत बड़ा पत्थर लेकर जा रहा था। यह देखा जाना, कि प्रकृति के ये विभिन्न रूप सामूहिक रूप से प्रकृति की शक्ति का प्रदर्शन कर रहे थे। थोड़ी दूर पर एक गरीब महिला बारिश में ताड़ की छतरी पकड़े खड़ी थी। वह बहुत गरीब थी। उसे देखते ही, विश्वेश्वरैया के मन में सवाल उठा कि लोग गरीब क्यों हैं। इस तरह, उन्होंने गरीबी और प्रकृति के बारे में बहुत कुछ सीखने की कोशिश कीl

20 उनके पास हर प्रश्न का उत्तर था “ यह वाक्य किसके लिए और क्यों कहा गया है।


उत्तर: यह वाक्य विश्वेश्वरैया जी के लिए कहा गया है। क्योंकी उन्हें बचपन से ही सिखने की त थी, और अपने मन में आये हर प्रश्न का समाधान ढूँढ लेते थे। समाधान ढूँढने की क्षमता उनके पूरे जीवन में लगातार विकसित होती रही और इस कारण वह एक व्यावहारिक व्यक्ति बन गए। एक बार ऐसा हुआ जब विश्वेश्वरैया जी अपने मामा के पास रह कर पढ़ने जाना चाहते थे। लेकिन माता बताती है कि उनके मामा बहुत गरीब है तुम उन पर बोझ बन जाओगे। विश्वेश्वरैया जी तर्क करते है, कि माँ मैं अपनी जरूरतों के लिए स्वयं कमाऊंगा। मैं बच्चों को ट्यूशन पढ़ा दूँगा। अपने फीस और किताबों का खुद ही इंतजाम कर लूंगा और बचे हुए पैसे मामा को देदूंगा जिससे उनकी कुछ मदद हो जायेगी ।