Welcome to NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 Chapter-16 भोर और बरखा This guide offers step-by-step solutions, designed by language experts to align with the NCERT curriculum, aiding in better understanding and scoring higher in exams.

'बंसीवारे ललना', ' मोरे प्यारे', 'लाल जी', कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन-कौन सी बातें कहती हैं?

‘बंसीवारे ललना’ ‘मोरे प्यारे लाल जी’ ऐसा कहते हुए, यशोदा माता अपने लाल श्रीकृष्ण को जगाने का प्रयास करती हैं। उन्हें जागते समय वह उनसे कहतीं है कि उठो लाल! रात बीत गई है और सुबह हो गई है। साधू-संत घरों के दरवाजे पर खड़े हैं और ग्वाल-बाल बाहर शोर मचा रहें हैं। तुम्हारे ग्वाल-सखा तुम्हारी जय-जयकार कर रहें है। सभी गोपियां तुम्हारे लिए अपने हाथों से माखन निकाल रहीं हैं। अतः लाल! अब तुम भी जाग जाओ।

नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए' माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे।'

प्रस्तुत पंक्ति, ‘माखन-रोटी हाथ मँह लिनी, गउवन के रखवारे’ हमारे पाठ्य पुस्तक में संकलित मीराबाई द्वारा रचित कविता, ‘भोर और बरखा' पद से ली गई है। इस पंक्ति के अनुसार, माता यसोदा बड़े ही प्रेमपूर्वक अपने लाल श्रीकृष्ण को नींद से जगातीं हैं और कहती है कि गायों के रखवाले श्रीकृष्ण ने अपने हाथ में खाने के लिए माखन रोटी ले ली।

पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।

पाठ में दिये गए पद को पढ़ कर ब्रज की भोर बहुत ही मंगल और आनंदमयी प्रतीत होती है। वह भोर होने के साथ ही गोपियों की चुड़ियाँ खनकने लगतीं हैं, सभी ग्वाल-बाल शोर मचाने लगते हैं, घर-घर में मंगलचार होता है, श्रीकृष्ण के ग्वाल-सखा गायों को चराने जाने के लिए उन्हें पुकारने लगते हैं। 

मीरा को सावन मनभावन क्यों लगने लगा?

सावन की फुहारें में मीरा के मन में उमंग जगाने लगती हैं और उन्हे ऐसा लगता है कि श्रीकृष्ण आ रहें हों। इन्हीं कारणों से मीरा को सावन मनभावन लगने लगा। 


पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए।

 प्रस्तुत पाठ में मीराबाई ने सावन का बड़ा ही सुंदर रूप से वर्णन किया है जिसे पढ़ कर प्रत्यक्ष रूप से सावन में भीगने की भावना जागृत हो जाती है। सावन की वह शीतल पावन हवाएँ जब बहती है तो मानों वह किसी के घर आने का संदेश ले कर आती प्रतीत होतीं हैं।

मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।

 मीराबाई भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची तथा उसकी एक एक रचना निम्नलिखित रूप से लिखीं गई हैं- 

कवि: कबीरदास: – प्रसिद्ध रचना: बीजक

कवि: सूरदास: – प्रसिद्ध रचना: सूरसागर

कवि तुलसीदास: – प्रसिद्ध रचना: रामचरितमानस

कवि जायसी: – प्रसिद्ध रचना: पद्मावत

सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा ऋतु से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए।

‘सावन’ वर्षा ऋतु का विशेष महीना माना जाता है। इसके अतिरिक्त दो अन्य माहों के नाम निम्नलिखित रूप से लिखे गए हैं-

आषाढ़

भादो

सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है?

सुबह जगने के समय मुझे चिड़ियों की चहचहाट, नारंगी आसमान, रोड की वह फ़ीकी हलचल,  सूर्योदय का वह लुभावन दृश्य और माँ का मुझे प्यार से जगाना सब कुछ बड़ा ही अच्छा लगता है।

यदि आपको अपने छोटे भाई-बहन को जगाना पड़े, तो कैसे जगाएँगे?

यदि मुझे मेरे भाई या बहन को नींद से जगाना हो तो मैं उसे बहुत ही प्यार से जाऊँगा और अगर फिर भी ना उठे तो मैं उसका सर सहलाते हुये उसे नींद से उठाने की कोशिश करूँगा।

वर्षा में भीगना और खेलना आपको कैसा लगता है?

मुझे वर्षा में भींगना और खेलना दोनों ही बहुत अच्छा लगता है। बारिश में खेलते समय मैं पूरा ध्यान रखता हूँ कि फिसलने से किसी को भी चोट न आ जाए। 

मीरा बाई ने सुबह का चित्र खींचा है। अपनी कल्पना और अनुमान से लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है-

(क) गाँव, गली या मुहल्ले में

(ख) रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर

(ग) नदी या समुद्र के किनारे

(घ) पहाड़ों पर

(क)गाँव में गायें रंभाने लगती हैं, पक्षी चहचहाने लगते हैं। कुछ लोग सुबह-सुबह मंदिर जाने लगते हैं, कई सैर पर जाते हैं। किसान हल लेकर खेतों पर जाने को तैयार हो जाते हैं।

(ख) रेलवे प्लेटफार्म पर सुबह-सुबह लोग  गाड़ी पकड़ने के लिए रेल का इंतजार करते दिखाई देते हैं।सवारियाँ उतरती-चढ़ती रहती हैं, प्लेटफॉर्म पर सफ़ाई कर्मचारी झाड़ लगाते दिखाई देते हैं।

(ग) नदी या समुद्र के किनारे सुबह का वातावरण बिलकुल शांत होता है। उनमें जल धीमी गति से प्रवाहित होता रहता है। कुछ लोग सैर करते हुए दिखाई देते हैं।

(घ) पहाड़ों पर प्रातः लुभावनी लगती है। उगते हुए सूरज की किरणे अत्यंत मनोरम दृश्य उपस्थित करती हैं। मंद-मंद हवाएँ यहाँ चलती रहती हैं।


कृष्ण को ‘गउवन के रखवारे’ कहा गया जिसका अर्थ है गौओं का पालन करनेवाले। इसके लिए एक शब्द दें

गोपाला या गोपालक।

नीचे दो पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें से पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द दो बार आए हैं, और दूसरी पंक्ति में भी दो बार। इन्हें पुनरुक्ति (पुनः उक्ति) कहते हैं। पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द विशेषण हैं और दूसरी पंक्ति में संज्ञा।

‘नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे’              ‘घर-घर खुले किंवारे’

• इस प्रकार के दो-दो उदाहरण खोजकर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण तथा संज्ञा की पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अंतर है?

जैसे–मीठी-मीठी बातें,           फूल-फूल महके।

विशेषण पुनरुक्ति


गरम-गरम        –   माँ ने गरम-गरम पकौड़े बनाए।

तरह-तरह        –    बगीचे में तरह-तरह के फूल खिले थे।

सुंदर-सुंदर       –    रमा ने सुंदर-सुंदर साड़ियों का चुनाव कर लिया।

मीठे-मीठे       –    शबरी ने मीठे-मीठे बेर राम को खिलाए।


संज्ञा पुनरुक्ति


गली-गली        –   नेताओं ने गली-गली में प्रचार शुरू कर दिया।

गाँव-गाँव         –   सरकार ने गाँव-गाँव में कुएँ खुदवाने का प्रस्ताव जारी किया।

बच्चा-बच्चा      –   मुहल्ले का बच्चा-बच्चा यह बात जान गया कि मंदिर में चोरी पुजारी ने की है।

वन-वन           –   राम, लक्ष्मण और सीता वनवास के समय वन-वन भटकते रहे।