Welcome to NCERT Solutions for Class 7 Hindi Durva Bhag 2 Chapter-7 Pustakein Jo Amar Hain . This guide offers step-by-step solutions, designed by language experts to align with the NCERT curriculum, aiding in better understanding and scoring higher in exams.

1. किताबें बार-बार कौन नष्ट करा रहा था?

उत्तर:

चीन का सम्राट सी ह्यांग ती बार-बार पुस्तकों को नष्ट करवा रहा था।

2. प्राचीन काल में किताबें किस पर लिखी जाती थी?

उत्तर:

प्राचीन काल में किताबें पत्थरों तथा लकड़ी के टुकड़ों पर नक्काशी करके लिखी जाती थी।

3. किस प्राचीन नगर में एक बहुत बड़ा पुस्तकालय था?

उत्तर:

सिकंदरिया में एक बहुत बड़ा पुस्तकालय था।

4. आक्रमणकारियों ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को कितने विभागों को जलाया था?

उत्तरः

आक्रमणकारियों ने नालंदा विश्वविद्यालय के तीन विभागों को जलाकर राख कर दिया।

5. साहित्य की दृष्टि से भारत का अतीत कैसा है?

उत्तर:

साहित्य की दृष्टि से भारत का अतीत महान है।

6. सी ह्यांग ती के समय में लकड़ी पर किताबें क्यों लिखी जाती थी?

उत्तर:

उस समय तक कागज का आविष्कार नहीं हुआ था इसलिए लकड़ी के टुकड़ो के ऊपर किताबें लिखी जाती थी |

7. प्रजा की शिक्षा को लेकर सम्राट सी ह्यांग ती की क्या सोच थी?

उत्तरः

सम्राट का सोचना था कि प्रजा को पढ़ाई लिखाई से क्या मतलब? प्रजा को तो चाहिए कि वह पूरी मेहनत से काम करें और चुपचाप राजा की आज्ञा ओं को मानती रहे और कर चुकाती रहे।

8. भारत के बाहर भारत की कौन-कौन सी कहानियां प्रचलित हैं? 

उत्तरः

कथा सरित्सागर, पंचतंत्र, आज जातक कहानियाँ अत्यधिक प्रचलित है।

9. सम्राट सी ह्यांग ती अपनी प्रजा से क्यों नाराज रहते थे?

उत्तरः

सम्राट सी ह्यांग ती का कहना था कि लोग इतना पढ़ते क्यों है और जो लोग किताबें नहीं पढ़ सकते हैं वह उसको सुनते क्यों हैं? इस बात को लेकर सम्राट अपनी प्रजा से नाराज रहते थे।

10. सम्राट सी ह्यांग ती का लेखक को लेकर क्या विचार था?

उत्तर:

सम्राट का मानना था कि कौन जाने ऐसे लेखक भी हो सकते हैं जो सम्राट को बुरा भला कह सकते हो या ऐसा कहने की हिम्मत भी रखते हो। उनका मानना था कि ऐसा भी हो सकता है कि लेखक विद्रोही नाम चित्र तैयार करता हो ।

11. “ पुस्तके समाप्त नहीं हुई” का क्या कारण था?

उत्तरः

राजा के बार-बार नष्ट करने के बावजूद किताबें खत्म नहीं हो रही थी क्योंकि पुस्तक प्रेमियों ने इसे कंठस्थ कर लिया था। मनुष्य लकड़ी तो जला सकता है दीवारें तोड़ सकता है लेकिन अपने मन को नहीं मार सकता इसीलिए किताबें जला देने के बाद भी लोगों के मन के अंदर वह जीवित रही राजा की मृत्यु के पश्चात उन्हें लकड़ी के टुकड़ों में फिर से उकेरा गया ऐसा करने से अन्य लोग उन पुस्तकों को फिर से पढ़ पा रहे थे।

12. राजा को पुस्तकों से डर क्यों लगता था?

उत्तरः

राजा को लगता था अगर किसी ने राजा के बारे में कुछ गलत लिख दिया जिससे उसकी प्रजा पर बुरा प्रभाव देखने को मिलेगा | राजा का मानना था कि प्रजा को अपने राजा द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करना चाहिए तथा समय-समय पर कर चुकाते रहना चाहिए। राजा को यह भय था कि किताबों से लोगों का मन भटक सकता है लोग राजा के खिलाफ विद्रोह कर सकते हैं इसीलिए राजा ने सारी किताबें जला दी |

13. मनोज दास का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिए।

उत्तर:

मनोज दास का जन्म 27 फरवरी 1934 को शंकरी बालेश्वर ओड़िया में हुआ था। उनकी पहली कहानी ‘समदर आप 1947 में प्रकाशित हुई थी। 1992 में उनका पहला उपन्यास प्रभंजन प्रकाशित हुआ था। 1996 में प्रकाशित हुआ उपन्यास ‘अमृतफल जिसे सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया। इनको 2001 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था|

14. “ सम्राट सी हयांग ती का कहना था कि प्रजा को पढ़ने और उन बातों से क्या मतलब? सम्राट ऐसा क्यों सोचता था?

उत्तर:

सम्राट का मानना था कि प्रजा को पढ़ाई लिखाई से कोई मतलब नहीं होना चाहिए प्रजा को चाहिए कि वह अपने राजा की सेवा करें और उसके आदेशों का पालन करें राजा को चाहिए कि पूरी मेहनत के साथ काम करें और समय-समय पर अपने करों का भुगतान करते हे भला यह लोग पढ़ कर क्या कर लेंगे।

15. “शांति तो बस ऐसे ही बनी रह सकती है” इस वाक्य का अर्थ स्पष्ट करो |

उत्तर:

यह वाक्य चीन के सम्राट द्वारा कहा गया है। सम्राट का मानना यह था कि लोगों को पढ़ाई लिखाई से कोई मतलब नहीं होना चाहिए उन्हें चाहिए कि बस यह राजा की सेवा करें और उसके आदेशों का पालन करें। मैं मन लगाकर काम करें तथा चुपचाप कर चुकाएँ। शांति ऐसे ही बनी रह सकती है।

16. पाठ से किसी भी तीन उदाहरणों को खोजें और लिखें| जिसमें पुस्तक को नष्ट करने का प्रयास किया गया है।

उतर:

सर्वप्रथम चीनी सम्राट के नाम का उदाहरण दिया गया है। अपने समय में उन्होंने राज्य के सभी पुस्तकों को जलवा दिया था।दूसरा उदाहरण नालंदा विश्वविद्यालय था जिसे आक्रमणकारियों ने जलाकर राख कर दिया |तीसरा उदाहरण प्राचीन शहर अलेक्जेंड्रिया में स्थित एक बड़े पुस्तकालय का है यह भी जानबूझकर जला दिया गया था।

17. प्राचीन काल में पुस्तकों को सुरक्षित रखना क्यों मुश्किल था ?

उत्तर:

प्राचीन काल में किताबें सामान्य आदमी की पहुंच से बाहर होती थी क्योंकि उन्हें लकड़ी या पत्थर के टुकड़ों पर नक्काशी करके बनाया जाता था। इन पुस्तकों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना मुश्किल होता था। इसी कारण से प्राचीन काल में पुस्तकों को सुरक्षित रख पाना बहुत मुश्किल था | कागज के आविष्कार के बाद ही किताबें आम आदमी तक पहुंच पाए जिसकी वजह से लोग किसी भी स्थान पर अपनी पसंद की किताबें पढ़ सकते है। इंटरनेट की सुविधा के बाद इसको और भी आसान कर दिया गया है। इन्हें लोकप्रिय रूप से ई-पुस्तकों के रूप में देखा जाता है।

18. कागज भी जलता है शब्द तो उड़ जाते हैं” यह वाक्य किसने कहा था और इसका अर्थ स्पष्ट करें।

उत्तर:

यह वाक्य जोसेफ अकीबा का है। दूसरी शताब्दी में पादरी बेंजो सर्फर की मां को उनकी पांडित्य पूर्ण पुस्तक के साथ जला दिया गया था तब उनके अंतिम शब्द यही थे “कागज ही जलता है शब्द तो उड़ जाते हैं”। अपनी मनपसंद पुस्तक के लिए लोग बड़े से बड़ा खतरा झेल जाते हैं। ऐसे में कुछ लोग फिर भी परेशान नहीं होते क्योंकि उनको अपनी मनपसंद पुस्तक मुँह जबानी याद होती है।

19. आक्रमणकारियों ने सिवंफदरिया में स्थित पुस्तकालय को क्यों जला दिया?

उत्तर:

प्राचीन समय की बात है जब सिकंदरिया में एक बहुत बड़ा पुस्तकालय था। यहां अनेक देशों से जमा पर पांडुलिपियाँ थी। अनेक देशों से काफी संख्या में लोग जिनमें भारतीय भी शामिल थे अध्ययन करने के लिए यहाँ पर आया करते थे। यह अनमोल पुस्तकालय सातवीं शताब्दी में जानबूझकर जला दिया गया। इसे नष्ट करने वाले आक्रमणकारियों का मानना था कि यदि इन पुस्तकों में वह नहीं लिखा जो उनके धर्म की पवित्र पुस्तक में लिखा है तो उन्हें पढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह कहकर उन्होंने सारी पुस्तकों में आग लगा दी।

20. चीनी यात्री हेन त्सांग ने अपने सपने में क्या देखा?

उत्तर:

उस समय के प्रसिद्ध विद्वान एवं चीनी यात्री ह्वेन त्सांग नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन करते थे। एक रात सपने में उन्होंने देखा कि विश्वविद्यालय का सुंदर भवन कहीं गायब हो गया है और वहां शिक्षकों और विद्यार्थियों की जगह भैंसें बँधी हुई हैं। यह सपना अवस्थी हो गया जब आक्रमणकारी होने विश्वविद्यालय के विशाल पुस्तकालय के तीन विभागों को जलाकर राख कर दिया।