Welcome to NCERT Solutions for Class 7 Hindi Durva Bhag 2 Chapter-4 Gubbare Par Cheetah. This guide offers step-by-step solutions, designed by language experts to align with the NCERT curriculum, aiding in better understanding and scoring higher in exams.

1. सरकस पार्टी कहाँ आई हुई थी?

उत्तर:

स्कुल के पास के एक मैदान में सरकस पार्टी आई हुई थी।

2. बलदेव ने सरकस पहुँच कर कितने का टिकट ख़रीदा।

उत्तर:

बलदेव ने सरकस पहुँच कर एक आने का टिकट खरीदा।

3. बलदेव को सबसे अच्छा कौन सा जानवर लगा?

उत्तर:

बलदेव को सबसे अच्छा जानवर चीता लगा।

4. बलदेव कैसा लड़का था ?

उत्तर:

बलदेव एक ज़िद्दी और जिज्ञासु लड़का था ।

5. इश्तिहार दिखने में कैसा था ? 

उत्तर:

इश्तिहार दिखने में बहुत सुंदर था।

6. बलदेव कहाँ बैठा था और क्या कर रहा था?

उत्तर:

बलदेव सबसे पीछे बैठा हुआ था और अपनी हिसाब की कॉपी पर शेर की तस्वीर बना रहा था। सोच रहा था कि कल शनिवार नहीं, इतवार होता तो किस प्रकार का मज़ा आता।

7. " आसमान की सैर करो" से आप क्या समझते हो?

उत्तर:

सरकस में एक व्यक्ति था जो बहुत बड़ा गुब्बारा लेकर आया था और ज़ोर ज़ोर से आवाज़ दे रहा था चार आने में आसमान की सैर करो।

8. "पीछे फिरकर देखा तो मारे डर के उसका दिल काँप उठा " बलदेव क्यों डर गया?

उत्तर:

बलदेव सरकस में पहुंचकर चीता को भी देख रहा था और जैसे ही उसने चीता से नज़र हटाई तभी अचानक तेज़ आवाज़ सुनकर वह चौंक गया। और पीछे पलटकर देखा तो मारे डर के उसका हृदय सहम उठा। वहीं चीता न जाने कैसे प्रकार पिंजरे से बाहर निकलकर उस की तरफ भागा चला आ रहा था। बलदेव अपनी जान बचाकर भाग पड़ा।

9. चीता बलदेव को क्यों नहीं खा पाया?

उत्तर:

क्यों कि ज्यों-ज्यों गुब्बारा उपर की तरफ़ उठता जाता था चीते की जान निकलती जाती थी। उसकी समझ में यह नहीं आ रहा था कि कौन मुझे आसमान की ओर लिए जा रहा है। वह चाहता तो बड़ी आसानी से बलदेव को मार कर चट कर जाता. मगर उसे अपनी ही जान की चिंता लगी हुई थी इसलिए वह बलदेव को नहीं खा पाया।

10. इतने में एक और तमाशा हुआ" इस वाक्य का भाव लिखिए ।

उत्तर:

बलदेव सरकस में जा कर वैसे भी खुश नहीं था तभी चीता पिंजरे से निकल गुब्बारे की तरफ दौड़ा। जिस व्यक्ति ने गुब्बारे की रस्सी पकड़ रखी थी, वह चीते को अपनी तरफ आता

देख तीव्र गति से भागा । इस घटना को देख कर लेखक ने बोला “इतने में एक और तमाशा हुआ” ।

11. इश्तिहार बड़ा आकर्षक था” से आप क्या समझते है ?

उत्तर :

सरकस के लिए बहुत से इश्तिहार चल रहे थे। लेकिन एक इश्तिहार ने बड़ा आकर्षित किया जो बोल रहा था ‘आइए और तमाशे का आनंद उठाइए। बड़े-बड़े खेलों के सिवा एक खेल और भी दिखाया जाएगा, जो न किसी ने देखा होगा और न ही सुना होगा।

12. आइए और तमाशे का आनंद उठाइए। बड़े-बड़े खेलों के सिवा एक खेल और भी दिखाया जाएगा, जो न किसी ने देखा होगा और न सुना होगा।‘ बच्चे इस कथन के बाद क्या चर्चाएं कर रहे थे?

उत्तर:

लड़कों का मन तो केवल सरकस में ही लगा हुआ था। सामने की किताबें खोलकर जानवरों के विषय में चर्चा कर रहे थे। कैसे शेर और बकरी एक ही बर्तन में पानी पिएँगे! और इतना बड़ा हाथी पैर वाली गाड़ी पर कैसे बैठेगा? पैर गाड़ी के पहिए तो बहुत बड़े-बड़े होंगे ! तोता बंदूक किस तरह चलाएगा और वनमानुष बाबू बनकर मेज़ पर बैठेगा ! बच्चे यह सारी बातें कर रहे थे।

13. मगर वह बड़ा जिद्दी था” लेखक किसको और क्यों ज़िद्दी कह रहे है?

उत्तर:

हेडमास्टर साहब बच्चो को सरकस में जाने से मना कर रहे थे लेकिन बलदेव बोल रहा था मैं तो जाऊँगा चाहे कोई छुट्टी दे या न दे। मगर और लड़के इतने साहसी नहीं थे। कोई उसके साथ जाने को राजी न हुआ। बलदेव अब अकेला पड़ गया। मगर वह बड़ा ही ज़िद्दी था। अकेले ही सरकस में चला गया था।

14. लेखक मुंशी प्रेमचंद का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिये

उत्तर:

मुंशी प्रेमचंद जी का जन्म 31 जुलाई, 1880 लमही नामक गाँव, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था और मृत्यु 8 अक्तूबर 1936 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हो गयी थी। इनकी मुख्य रचनाएँ गबन, गोदान, बड़े घर की बेटी, नमक का दारोगा आदि हैं।

15. बलदेव को कौन सी बात याद आ गयी और उसने खुद को कैसे बचा लिया?

उत्तर:

जब बलदेव गुब्बारा लाने में फंस गया था तब एकाएक उसे एक बात याद आ गई। उसने किसी किताब में पढ़ा था कि गुब्बारे का मुँह खोल देने से उसकी सारी गैस निकल जाती है और गुब्बारा नीचे की ओर उतर आता है। मगर उसे यह न मालूम था कि मुँह को बहुत धीरे- धीरे खोलना चाहिए। उसने एकदम उसका मुँह को खोल दिया और गुब्बारा बड़ी तेज़ी से गिरने लगा। जब वह ज़मीन से थोड़ी उँचाई पर आ गया तो उसने नीचे की तरफ़ देखा, दरिया बह रहा था। फिर तो वह रस्सी छोड़कर दरिया में कुद पड़ा और तैरकर निकल आया।

16. बलदेव सरकस पहुँचने के बाद क्या देख कर हैरान हो जाता है?

उत्तर:

सरकस के भीतर पहुँचते ही उसने जानवरों को देखने के लिए एक आने का टिकट खरीदा और जानवरों को देखने लगा। इन जानवरों को देखकर बलदेव अपने मन ही मन में बहुत झुंझलाया वह शेर है। मालूम होता है महीनों से इसे बहुत तेज़ मलेरिया का बुखार आ रहा हो। वह भला ही क्या बीस हाथ ऊँचा उछलेगा ! और यह सुंदर वन का बाघ है? जैसे किसी ने इसका खून चूस लिया हो। मुर्दे की तरह पड़ा है। वाह रे भालू! यह भालू है या सूअर, और वह भी काना, जैसे मौत के चंगुल से निकल भागा हो। और एक तीन टाँग का कुत्ता भी यह कहकर बड़ी ज़ोर से हँसा । उसकी एक टाँग किसने काट ली? दुमकटे कुत्ते तो देखे थे, पैरकटा कुत्ता आज ही देखा ! और यह दौड़ेगा कैसे? यह सब देख कर वह हैरान रह गया।

17. कहानी में लेखक ने गुब्बारे को “बड़ा भारी गुब्बारा “ क्यों कहा है? इस वाक्य की पुष्टि करें।

उत्तरः

लेखक ने गुब्बारे के बड़े आकार के कारण उसे बड़ा भारी गुब्बारा कहा है। यहाँ पर बड़ा शब्द गुब्बारे के विशालकाय आकार को समझाने के लिए पर्याप्त नहीं था और हम लोग तो यह जानते हैं ही कि उड़ने वाला गुब्बारा कितना बड़ा व विशाल होता है। लेखक ने बड़ा के 

साथ भारी शब्द लगाकर उसकी विशालता को बहुत अच्छी तरह से बताने की कोशिश की है। ताकि पढ़ने वाले को गुब्बारे के आकार का अंदाज़ा हो सके।

18. गुब्बारे से नीचे उतारने के लिए बलदेव ने क्या किया ?

उत्तर:

बलदेव ने अपने विवेक का प्रयोग किया और गुब्बारे से हवा निकालने का फैसला किया। जैसा कि हम सब जानते है कि गुब्बारे को ऊपर उड़ाने के लिए उसमें गरम हवा भरी जाती है। गरम हवा हल्की होती है। अतः गुब्बारा इसकी वजह से ऊपर उठने लगता है। जैसे- जैसे गुब्बारे में से हवा निकलने लगती है। गरम हवा का प्रभाव समाप्त होने लगता है। गुब्बारा भारी होने लगता है और गुरुत्वाकर्षण के कारण वह नीचे गिर जाता है।

19. हेडमास्टर साहब का बच्चों को सरकस जाने से मना करने के क्या कारण थे? सरकस वालों ने दर्श को आकर्षित करने के लिए क्या अफ़वाहें फैलाई थीं?

उत्तर:

हेडमास्टर साहब ने अपने पुरे जीवन में बहुत से सरकस देखे होंगे। उनको इसके बारे में जानकारी होगी और वो जानते होंगे कि यह जगह बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। वहाँ बहुत से प्रकार के जंगली जानवर होते हैं। कौन सा जानवर कब क्या कर दे. यह कोई नहीं जानता। बच्चों की सुरक्षा के बारे में सोचकर ही हेडमास्टर साहब ने उन्हें वहां जाने से मना किया था। सरकस वालों ने दर्शकों को आकर्षित करने के लिए यह अफ़वाह उड़ाई थी कि बकरी और शेर एक ही बर्तन में पानी पिएँगे, हाथी पैरगाड़ी को चलाएगा, तोता बंदूक चलाएगा, वनमानुष बाबू के समान बैठेगा इत्यादि ।

20. बलदेव सरकस पहुँच कर क्यों अफ़सोस कर रहा था?

उत्तर:

सरकस में पहुँचते ही उसने जानवरों को देखने के लिए एक आने का टिकट खरीदा और जानवरों को देखने लगा। इन जानवरों को देखकर बलदेव मन ही मन में बहुत झुंझलाया वह शेर है। मालूम होता है महीनों से इसे क्या मलेरिया बुखार आ रहा है। वह भला क्या बीस हाथ ऊँचा उछलेगा ! और यह सुंदर वन का बाघ है? जैसे किसी ने मानो इसका खून ही चूस लिया हो। मुर्दे के जैसे पड़ा है। वाह रे भालू! यह भालू है या सूअर, और वह भी काना, जैसे मौत के चंगुल से निकल कर भागा हो। यह सब देख कर बलदेव उदास हो गया।