Welcome to NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 Chapter-19 आश्रम का अनुमानित व्यय This guide offers step-by-step solutions, designed by language experts to align with the NCERT curriculum, aiding in better understanding and scoring higher in exams.
1.हमारे यहाँ बहुत से काम लोग खुद नहीं करके किसी पेशेवर कारीगर से करवाते हैं। गांधी जी छेनी, हथौड़े, बसूले क्यों खरीदना चाहते होंगे?
यह कथन पूर्ण सत्य है कि हमारे यहां यानी भारत देश में बहुत से काम लोग खुद नहीं करते पेशेवर कारीगर से करवाते हैं। गांधीजी छेनी, हथौड़े, बसूले इसलिए खरीदना चाहते होंगे ताकि लोग स्वयं उद्योग के प्रति अधिक भागीदारी दिखाएं तथा कुटीर उद्योग, लुहार वह बढ़ईगिरी आदि जैसे उद्योगों को बढ़ावा दें। गांधीजी चाहते थे कि लोग स्वयं छोटे-मोटे कार्य की जिम्मेदारी खुद ले तथा आत्मनिर्भर बने।
2.गांधी जी ने अखिल भारतीय कांग्रेस सहित कई संस्थाओं व आंदोलनों का नेतृत्व किया। उनकी जीवनी या उन पर लिखी गई किताबों से उन अंशों को चुनिए जिनसे हिसाब-किताब के प्रति गांधी जी की चुस्ती का पता चलता है।
गांधीजी देश के महान व्यक्तियों में से एक है। गांधीजी अपने हर एक कार्य को बहुत ही हिसाब किताब से करते थे। वे किसी भी कार्य को करने से पहले उसके सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों को भी ध्यान में रखते थे। निम्नलिखित कथ्य के द्वारा इसे सही ठहराया जा सकता है:-
(क) असहयोग आंदोलन के समय गांधीजी अपने निर्णय के हिसाब-किताब में सक्षम रहें कि किस प्रकार ब्रिटिश सरकार पर प्रहार किया जाए। इनकी निर्णय शक्ति के कारण ही, लोग इनकी हर एक बात मानते थे।
(ख) गांधीजी फिजूलखर्ची के सख्त खिलाफ थे। एक-एक पैसा बहुत सोच समझकर खर्चे थे यहां तक कि वे 25 - 25 किलोमीटर तक 1 दिन में पैदल चले जाते थे। उनका मानना था कि धन को केवल जरूरी कार्य के लिए खर्च ना चाहिए।
(ग) हर एक आश्रम व सभा का निर्णय भी बहुत ही हिसाब - किताब से लगाते थे। साबरमती आश्रम मैं भी उन्होंने ऐसा बचत बनाया कि आने वाले मेहमानों का भी बजट उसमें शामिल किया।
3.मान लीजिए, आपको कोई बाल आश्रम खोलना है। इस बजट से प्रेरणा लेते हुए उसका अनुमानित बजट बनाइए। इस बजट में दिए गए किन-किन मदों पर आप कितना खर्च करना चाहेंगे। किन नयी मदों को जोड़ना-हटाना चाहेंगे?
यदि हम बाल आश्रम खोलते हैं तो निम्नलिखित बजट की आवश्यकता होगी:-
मद खर्च
इमारत। 10 लाख
प्रबंधक। 14000 प्रति माह
सहायक कर्मचारी। 30,000 प्रति माह
बालकों के वस्त्र, बिस्तर,
पुस्तकें, शिक्षा व्यवस्था
आदि। 1.50 लाख प्रति मासिक
अन्य खर्च-बिजली, पानी,
चिकित्सा, रखरखाव आदि। 30,000 प्रति मासिक
4.आपको कई बार लगता होगा कि आप कई छोटे-मोटे काम ( जैसे- घर की पुताई, दूध दुहना, खाट बुनना ) करना चाहें तो कर सकते हैं। ऐसे कामों की सूची बनाइए जिन्हें आप चाहकर भी नहीं सीख पाते। इसके क्या कारण रहे होंगे उन कामों की सूची भी बनाइए, जिन्हें आप सीख कर ही छोड़ेंगे?
हमारे जीवन में ऐसे बहुत से काम है जो हम चाह कर भी नहीं सिख पाते। जैसे हम घर की सफेदी करने के लिए सफेदी वाले को बुलाते है, दुध वाले से दुध लेते हैं तथा खाट बुनने वाले से खाट बुनवाते है आदि। ऐसे बहुत से कार्य है जो मैं भी सीखना चाहता हूं लेकिन सीख नहीं पाता जैसे:-
कार्य कारण
-रोटी बनाने का कार्य लगन की कमी
-सिलाई करने का काम सिखानेवाला नहीं मिला है।
-खाना बनाना। समय की कमी
मैं इन कामों को सिखाने वाले प्रशिक्षित व्यक्ति के तालाश में हूँ। मैं इस काम को सीखकर ही दम लूंगा।
5.इस अनुमानित बजट को गहराई से पढ़ने के बाद आश्रम के उद्देश्यों और कार्यप्रणाली के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए जा सकते हैं?
अनुमानित बजट को गहराई से अध्ययन करने के बाद हम आश्रम के उद्देश्यों को भलीभाँति समझ सकते हैं अतिथियों का सत्कार करना, श्रम का महत्व समझना, बेरोजगार लोगों को रोजगार देना, चरखी खादी से स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा। अनुमानित बजट को गहराई से पढ़ने के बाद आश्रम के उद्देश्य और कार्य प्रणाली यह है की इसे अधिक से अधिक लोग आत्म निर्भर हो व उनके अंदर एक दुसरे के लिए सहयोग की भावना का विकास हो।
6. अनुमानित शब्द अनुमान में इत प्रत्यय जोड़कर बना है। इत प्रत्यय जोड़ने पर अनुमान का ‘न’ नित में परिवर्तित हो जाता है। नीचे इत प्रत्यय वाले कुछ और शब्द लिखे हैं। उनमें मूल शब्द पहचानिए और देखिए कि क्या परिवर्तन हो रहा है
प्रमाणित व्यथित द्रवित मुखरित
झंकृत शिक्षित मोहित चर्चित
इत प्रत्यय की भाँति इक प्रत्यय से भी शब्द बनते हैं और तब शब्द के पहले अक्षर में भी परिवर्तन हो जाता है; जैसे सप्ताह के इक + साप्ताहिक। नीचे इक प्रत्यय से बनाए गए शब्द दिए गए हैं। इनमें मूल शब्द पहचानिए और देखिए कि क्या परिवर्तन हो रहा है
मौखिक संवैधानिक प्राथमिक
नैतिक पौराणिक दैनिक
इत प्रत्यय युक्त शब्द
मूल शब्द प्रत्यय
प्रमाणित प्रमाण + इत
झंकृत झंकार + इत
व्यथित व्यथा + इत
द्रवित द्रव + इत
मुखरित मुखर + इत
शिक्षित शिक्षा + इत
द्रवित द्रव + इत
मोहित मोह + इत
मुखरित मुखर + इत
चर्चित चर्चा + इत
मौखिक मुख + इक
नैतिक नीति + इक
संवैधानिक संविधान + इक
पौराणिक पुराण + इक
प्राथमिक प्रथम + इक
दैनिक दिन + इक
7. बैलगाड़ी और घोड़ागाड़ी शब्द दो शब्दों को जोड़ने से बने हैं। इसमें दूसरा शब्द प्रधान है, यानी शब्द का प्रमुख अर्थ दूसरे शब्द पर टिका है। ऐसे समास को तत्पुरुष समास कहते हैं। ऐसे छह शब्द और सोचकर लिखिए और समझिए कि उनमें दूसरा शब्द प्रमुख क्यों है?
राहखर्च क्रीडाक्षेत्र
तुलसीकृत घुड़सवार
गंगाजल वनवास
इन शब्दों में दूसरा शब्द प्रमुख है क्योंकि दूसरा शब्द पहले शब्द की सार्थकता को स्पष्ट कर रहा है।
जैसे-
राहखर्च राह के लिए खर्च
तुलसीकृत तुलसी द्वारा कृत
गंगाजल गंगा का जल
क्रीडाक्षेत्र क्रीड़ा के लिए क्षेत्र
घुड़सवार घोड़े पर सवार
वनवास वन में वास