Welcome to our comprehensive guide on Class 10 Hindi Sparsh's Chapter 7 "Viren Dangwal". These Solutions are designed to assist students by providing a curated list of Question and Answers in line with the NCERT guidelines. These are targeted to help enhance your understanding of the subject matter, equipping you with the knowledge needed to excel in your examinations. Our meticulously crafted answers will ensure your conceptual clarity, paving the way for your successful academic journey. Let's get started!

विरासत में मिली चीजों की बड़ी सँभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।

विरासत में मिली चीज़ों की संभाल हमें बहुत ज्यादा इसलिए होती है क्योंकि विरासत में मिली चीज़ें हमारी धरोहर का प्रतीक होती है, जिन्हें देखकर या जानकर ही हम अपने देश और समाज की प्राचीन उपलब्धियों के बारे में जान पाते हैं और उन चीजों को देखकर हमें मान भी होता है साथ ही साथ यह चीजें हमें तत्कालिक परिस्थिति की जानकारी देने के साथ-साथ दिशा -निर्देश भी देती हैं । विरासत की चीजों को संभालने से हमें एक फायदा यह भी होता है कि हमारी आने वाली पीढ़ी अपने पूर्वजों के बारे में जान सके और उनके द्वारा जो भी कार्य किए गए उनके अनुभवों से कुछ सीख सके तो इसी उद्देश्य के साथ विरासत में मिली चीजों को संभाल कर रखा जाता है ।

इस कविता से आपको तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?

 इस कविता में हमें तोप के विषय में यह जानकारियां मिलती है कि यह  तोप अंग्रेजों के समय की है और यह तोप सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजी सेना के द्वारा प्रयोग में लाई गई थी। इस तोप ने अपने गोलो से कई शूरवीरों को मार डाला था और साथ ही साथ यह तो बड़ी जबर थी, परंतु अभी है तो प्रदर्शन मात्र की वस्तु बनकर रह गई है। अब इस तोप से कोई डरता भी नहीं है बल्कि अब बच्चे इस तोप पर घुड़सवारी भी करते हैं। चिड़िया गौरैया आदि अनेक छोटे-छोटे पक्षी इस तोप के अंदर घुस जाते हैं और मस्ती करते हैं। यह तोप हमें बताती है कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों ना हो एक ना एक दिन उसे धराशायी होना ही पड़ता है।

कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है?

कंपनी के बाग में रखी तोप हमें यह सीख देती है कि सुबह शाम बाग में आने वाले सैलानियों को यह बताती है कि मैं बहुत बहादुर हूँ और जबरदस्त हूँ। यद्यपि शुरू में मेरा प्रयोग देशभक्तों के विरुद्ध किया गया था और मैंने इसे बेमन से स्वीकार भी किया था, लेकिन बाद में मेरा जीवन धन्य हो गया था और जब मैंने अपने जमाने में बड़े-बड़े बहादुर अंग्रेजों की धज्जियाँ उड़ाई थी अर्थात् उन्हें नाकों चने चबवाकर उन्हें उनकी कुटिल कूटनीति का सबक सिखाया था। और यह भी बताती है कि कोई भी वस्तु या मनुष्य कितना भी शक्तिशाली क्यों ना हो एक दिन उसे शांत होना ही पड़ता है। इसके साथ ही यह हमें अंग्रेजों के शोषण और उनके द्वारा किए गए अत्याचारों की भी याद दिलाती है और यह भी बताती है कि सुरक्षा और हितों के प्रति सचेत रहें। यह हमारे उन तमाम शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती है

कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौन-से होंगे?

कविता में तोप को दो अवसरों पर चमकाने की बात कही गई है ये दो अवसर इस प्रकार हैं :

क ) 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस )

ख ) 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस )

यह दोनों ही तिथियाँ हमारे देश के लिए ऐतिहासिक दिवस के रूप में मानी जाती है। इन्हें हम भारत के राष्ट्रीय पर्व के रूप में भी मनाते हैं और इन दो अवसरों पर भारत देश पूरी तरह से इन राष्ट्रीय पर्व का हिस्सा बनता है। इन दोनों ही तिथियों पर इस तोप को भी चमकाया जाता है क्योंकि यह तोप हमारे विजेता और आजादी का प्रतीक होने के कारण एक राष्ट्रीय महत्व की वस्तु बन चुकी है। इसी कारण राष्ट्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए इस तोप को चमकाया जाता है ताकि लोगों के मन में इस तोप के प्रति राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ाया जा सके।

 निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

अब तो बहरहाल

छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिंग हो

तो उसके ऊपर बैठकर

चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप ।

उपर्युक्त पंक्तियों में कवि ने तोप की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया है । 1857 की क्रांति में जिस तोप ने आतंक मचा रखा था, वह तो आज बेबस पड़ी है । तोप पर छोटे-छोटे बच्चों का घुड़सवारी करना एवं चिड़ियों का बैठना और साथ ही साथ गौरैयों का इसके अंदर जाना आदि क्रियाएँ यह स्पष्ट करती हैं कि कोई भी व्यक्ति या कोई भी वस्तु कितनी भी ताकतवर क्यों ना हो उसको एक ना एक दिन धराशायी होना ही पड़ता है अर्थात् नश्वर वस्तुएं और व्यक्ति सदैव एक जैसे नहीं रह सकते हैं। उन्हें एक ना एक दिन तोप की तरह ही चुपचाप रहना पड़ता है।

 निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप

एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद ।

 इस कविता से हमें तोप के विषय में निम्नलिखित जानकारियां मिलती है जो इस प्रकार हैं :

क ) कंपनी बाग के द्वार पर रखी गई यह तोप ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा रखी हुई है ।

ख ) इस तोप का उपयोग अंग्रेजों के द्वारा 1857 में स्वाधीनता सेनानियों  एवं क्रांतिकारियों पर किया गया ।

ग ) यह तोप इतनी ताकतवर थी कि इसने असंख्य शूरवीरों को भी उड़ा दिया ।

घ ) लेकिन आज यह तोप सिर्फ खिलौना मात्र बनकर रह गई है जिस पर आज बच्चे घुड़सवारी करते हैं और चिड़िया एवं गौरैया इसके अंदर बाहर जाकर खेलती हैं । 

ङ) साथ ही साथ यह तोप हमें यह भी जानकारी देती है कि दिन सदा एक से नहीं होते हैं ।


निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

उड़ा दिए थे मैंने

अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे 

इन पंक्तियों के माध्यम से तोप ने अपनी गाथा के बारे में बताया है। वह बता रही है कि 1857 क्रांति के सामने उसने अपने आगे किसी और की नहीं सुनी थी। 1857 की तोप जो आज भी कंपनी बाग के प्रवेश द्वार पर रखी हुई है, उसके सामने चाहे देशभक्त आया या चाहे देशद्रोही आया उसमें अपने जमाने के बड़े-बड़े वीर अंग्रेजों को भी धराशायी कर दिया था एवं उनकी धज्जियाँ उड़ा दी थी। साथ ही साथ कई अंग्रेजों को उसने नींद की मौत सुला दिया था।

 'तोप' शीर्षक कविता का भाव समझते हुए इसका गद्य में रूपांतरण कीजिए।

तोप कविता का गद्य रूपांतरण कुछ इस प्रकार है :

ईस्ट इंडिया कंपनी ने कंपनी बाग के प्रवेश द्वार पर जो तोप रखवायी थी वह तोप आज स्वतंत्र भारत में एक विरासत के रूप में बनकर रह गई है। वर्ष 1857 की तोप को कंपनी बाग के साथ ही साल में दो अवसरों पर साफ-सुथरा करके चमकाया जाता है। वह दो तिथियां होती है : एक स्वतंत्रता दिवस और दूसरा गणतंत्र दिवस। यह दोनों ही पर्व हमारे भारत के राष्ट्रीय पर्व है। जिस तरह कंपनी बाग हमें विरासत में मिली थी उसी तरह यह तोप भी हमें विरासत के रूप में मिली हुई है। आजकल सुबह-शाम कंपनी बाग में जो सैलानी पहले के लिए आते हैं उन्हें यह तोप यह बताती है कि किसी समय मैं भी बहुत शक्तिशाली थी। उस समय में मैंने अच्छे-अच्छे शूरमाओं की धज्जियाँ उड़ाई थी और काफी अंग्रेजों को मौत की नींद सुलाया था। लेकिन आज स्थिति यह है कि इस पर लड़के, लड़कियां एवं बच्चे सब घुड़सवारी करते हैं। वहाँ से बच्चों के हटने के तुरंत बाद ही चिड़िया एवं गौरैया उसके ऊपर आकर गपशप करने लगती हैं और यह दोनों खेलते हुए या गपशप करते हुए इसके अंदर भी घुस जाती हैं। ऐसा करके वह यह बताती हैं की कितनी भी बड़ी तोप क्यों ना हो एक दिन तो उसका मुँह बंद हो ही जाता है अर्थात् अन्य अन्यायी कितना भी बड़ा क्यों ना हो एक ना एक दिन उसका अंत होना निश्चित होता है

तेजी से बढ़ती जनसंख्या और घनी आबादी वाली जगहों के आसपास पार्कों का होना क्यों जरूरी है? कक्षा में परिचर्चा कीजिए ।

तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या और घनी आबादी के बीच पार्कों का होना अति आवश्यक है क्योंकि घनी आबादी हो जाने के कारण जगह की सघनता कम हो जाती है और कम जगह में आबादी का घनत्व भी काफी ज्यादा हो जाता है। तो ऐसी स्थिति में लोगों को स्वच्छ हवा एवं स्वच्छ वातावरण की कमी हो जाने की आशंका रहती है और यदि उनके पास पार्क रहेंगे तो वह कुछ समय पार्क में रहकर अपने स्वास्थ्य संबंधी व्यायाम आदि प्रक्रियाएँ कर सकते हैं। पार्कों के होने से सब स्वच्छ हवा का लाभ उठा सकते हैं क्योंकि हम सब यह भी जानते हैं कि हमारे भारत देश में आबादी काफी है तो काफी आबादी होने की वजह से लोगों को व्यायाम आदि शारीरिक क्रियाएं करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती है। क्योंकि उनके घर छोटे होते हैं या फिर संकरी जगह पर होते हैं इस कारण उनके घरों तक पर्याप्त स्वच्छ हवा व प्रकाश आदि नहीं पहुँच पाता है। ऐसी स्थिति में यदि आसपास पार्क रहेंगे तब अपनी इस कमी को पार्कों में जाकर पूरा कर सकेंगे। पार्क व्यायाम एवं स्वास्थ्य संबंधी क्रियाओं के अलावा मनोरंजन और खेलकूद साथ ही साथ सामाजिक गतिविधियों का केंद्र भी होते हैं। इससे आसपास रहने वाले लोगों को एक दूसरे को जानने समझने का अवसर मिलता है।