Welcome to our comprehensive guide on Class 10 Hindi Sparsh's Chapter 14 "Anton Chekhov - Girgit". These Solutions are designed to assist students by providing a curated list of Question and Answers in line with the NCERT guidelines. These are targeted to help enhance your understanding of the subject matter, equipping you with the knowledge needed to excel in your examinations. Our meticulously crafted answers will ensure your conceptual clarity, paving the way for your successful academic journey. Let's get started!
काठगोद्रम के पास भीड़ क्यों इकट्री हो गई थी?
सभी लोग अपने-अपने कार्यों में व्यस्त थे तभी काठगोदाम के पास अचानक से एक व्यक्ति के चीखने की आवाज़ सुनाई दी और ठीक उसके बाद एक कुत्ते के किकियाने की। लोग अपना-अपना काम छोड़कर बाहर देखने आए तो देखा कि ख्यूक्रिन नाम के एक व्यक्ति ने कुत्ते को पिछली टाँग से पकड़ा हुआ था और साथ ही बहुत ज़ोर से चीख रहा था कि इस कुत्ते को कहीं भी मत जाने दो। अतः ख्यूक्रिन और कुत्ते दोनों के मिले-जुले चीख़ को सुनकर काठगोदाम के पास भीड़ इकट्ठी हो गई थी।
उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन का नुकसान क्यों होता?
ख्यूक्रिन एक बहुत ही कामकाजी आदमी था और उसके उँगली में कुत्ते ने काट लिया था। साथ ही उसका काम भी बहुत पेचीदा किस्म का था। यदि उसका हाथ ठीक न होता तो वह अपना कोई भी काम निपटा नहीं पाता जिससे उसके काम का नुकसान होता।
कुत्ता क्यों किकिया रहा था?
ख्यूक्रिन एक मेहनती और काम-काज करने वाला व्यक्ति था जिसकी की उंगली में कुत्ते ने काट लिया था। जिस कारण से वह कुत्ते को बहुत मार रहा था। साथ ही ख्यूक्रिन उस कुत्ते के एक टांग को पकड़ कर घसीट भी रहा था जिससे उसे चलने में काफी तकलीफ हो रही थी और वह किकिया रहा था।
बाज़ार के चौराहे पर खामोशी क्यों थी?
चौराहे पर केवल बेजान वस्तुएं ही रखीं हुई थी। इसका प्रमाण यह था कि चौराहे पर कोई भी व्यक्ति नज़र नहीं आ रहा था। क्रय-विक्रय का काम पूर्ण रूप से बंद हो गया था और न ही बाज़ार में कोई भी भिखारी भीख मांगता हुआ दिखाई पड़ रहा था क्योंकि उस रास्ते एक भ्रष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव गुजर रहा था जोकि जबरन वसूली करने के लिए प्रसिद्ध था।पुलिस इंस्पेक्टर के दौरे और जब्ती की कार्यवाई के कारण लोग बहुत ही सहम गए थे और इसी लिए बाज़ार के चौराहे पर खामोशी पसरी हुई थी।
जनरल साहब के बावर्ची ने कुत्ते के बारे में क्या बताया?
जनरल साहब के घर में खाना बनाने के लिए बावर्ची था । जनरल साहब को उनके बावर्ची ने बताया कि यह कुत्ता उसका नहीं बल्कि उसके मालिक के भाई का है। यह कुत्ता ‘बारजोयस नस्ल का है और जनरल साहब इस नस्ल के कुत्तों में कोई दिलचस्पी नहीं रखते। यह नस्ल उनके भाई को पसंद है।
ख्यूक्रिन ने मुआवजा पाने की क्या दलील दी?
ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने के लिए खुद को कामकाज़ी बताया उसकी उँगली में कुत्ते के काट लेने से अब वह काम करने में असर्मथ रहेगा इसलिए उसने दलील दी कि कुत्ते के काट लेने से उसके हफ्ते भर के काम का नुकसान हो जायेगा। इसी चिंता में कि उसके काम का नुकसान हो जाएगा। उसने कुत्ते के मालिक मुआवजे की मांग की थी ।
ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को उँगली ऊपर उठाने का क्या कारण बताया?
ओचुमेलॉव ने जब ख्यूक्रिन से उंगली उठाने का कारण पूछा तो उसने बताया कि वह बाज़ार से लकड़ी लेकर कुछ काम निपटाने के उद्देश्य से आया था। वह अपना काम ठीक तरह से कर ही रहा था कि अचानक एक कुत्ता कहीं से भाग के आया और उसकी उँगुली पर काट लिया । इसी कुत्ते द्वारा काट लिए जाने के कारण ही उसने अपनी उँगली ऊपर उठाई हुई थी और ऐसा कर के वह बस इक्कठा हुए लोगो कि हमदर्दी बटोर रहा था फिर बार-बार मुआवजे के पक्ष में दलीले हांक रहा था।
येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए क्या कहा?
ख्यूक्रिन की उंगली में कुत्ते ने काट लिया था और इसके लिए येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराया क्योंकि की वह जनता था कि ख्यूक्रिन बहुत शैतान किस्म का व्यक्ति है। साथ ही येल्दीरीन ने यह भी कहा कि जरूर ख्यूक्रिन ने ही जलती सिगरेट कुत्ते की नाक में डाली होगी क्योंकि बिना कारण से कोई कुत्ता किसी को काटता नहीं है।
ओचुमेलॉँव ने जनरल साहब के पास यह संदेश क्यों भिजवाया होगा कि “उनसे कहना कि यह मुझे और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है'?
ओचुमेलॉव एक अवसरवादी, चापलूस किस्म का और भाई-भतीजावाद में विश्वास रखने वाला इंस्पेक्टर था। ओचुमेलॉव ने जनरल साहब के पास इसी लिए संदेश भिजवाया ताकि वह उन पर अपनी कर्तव्यनिष्ठा व वफ़ादरी का छाप छोड़ सके। उसे आशा थी कि संदेश सुनकर जनरल साहब उससे खुश हो जाएँगे और उसकी प्रशंसा करने के साथ-साथ उसे पदोन्नति भी देंगे।
भीड् ख्यूक्रिन पर क्यों हँसने लगती है?
ख्यूक्रिन को जब कुत्ते ने काट लिया तो उसने इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव से न्याय और मुआवजे की मांग करी। इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को जब यह मालूम चलता है कि वह कुत्ता उनके जनरल साहब के भाई का ही है, तो वह अपनी बातों से पलटकर ख्यूक्रिन को ही दोषी ठहरा देता है और कुत्ते को पुचकाराने लगता है।यह सब देख कर इक्कठा हुई भीड़ ख्यूक्रिन पर हंसने लगती है।
किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी-ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा?
ओचुमेलॉव एक अवसरवादी, चापलूस किस्म का और भाई-भतीजावाद में विश्वास रखने वाला इंस्पेक्टर था। ओचुमेलॉव को जब यह पता लगा कि कुत्ता उसके जनरल साहब का ही है तो वह जनरल साहब कि चापलूसी करने लगा। साथ ही कुत्ते को गलत न बोल कर ख्यूक्रिन को ही दोषी बताने लगा। “किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी” ऐसा कहकर उसने अपने जनरल साहब सिर्फ खुश करने की कोशिश करी।
ओचुमेलॉव के चरित्र की विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
ओचुमेलॉव एक अवसरवादी, चापलूस, अवसरवादी, दोहरे व्यक्तित्व और भाई-भतीजावाद में विश्वास रखने वाला इंस्पेक्टर था। उसे जहाँ अपना फायदा दिखता वह उस ओर मूड जाता। बाज़ार के लोग इस इंस्पेक्टर से बहुत ही परेशान थे क्योंकि वह बिल्कुल भी कर्तव्यनिष्ठ नहीं था और लोगों से जबरन वसूली करता था। अपने लाभ के लिए किसी के साथ भी अन्याय कर सकता था।
यह जानने के बाद कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है -ओचुमेलॉव के विचारों में क्या परिवर्तन आया और क्यों?
ओचुमेलॉव एक अवसरवादी, चापलूस, अवसरवादी, दोहरे व्यक्तित्व और भाई-भतीजावाद में विश्वास रखने वाला इंस्पेक्टर था। उसे जहाँ अपना फायदा दिखता वह उस ओर मूड जाता। बाज़ार के लोग इस इंस्पेक्टर से बहुत ही परेशान थे क्योंकि वह बिल्कुल भी कर्तव्यनिष्ठ नहीं था और लोगों से जबरन वसूली करता था। अपने लाभ के लिए किसी के साथ भी अन्याय कर सकता था।
ख्यूक्रिन का यह कथन कि 'मेरा एक भाई भी पुलिस में है...।' समाज की किस वास्तविकता की ओर संकेत करता है?
जब ख्यूक्रिन की उँगली पर कुत्ते ने काटा तो ओचुमेलावने कुत्ते के मालिक को बहुत भला-बुरा कहा। साथ ही ओचुमेलावने उसे मज़ा चखाने तक की बात कह डाली परन्तु उसे जैसे ही इस बात का पता चलता है कि वह कुत्ता उसके ही जनरल साहब या उनके भाई का है तो वह अपनी बातों से एकदम ही पलट जाता है और ख्यूक्रिन को ही दोषी ठहराने लगता है।
इस कहानी का शीर्षक 'गिरगिट' क्यों रखा होगा? क्या आप इस कहानी के लिए कोई अन्य शीर्षक सुझा सकते हैं? अपने शीर्षक का आधार भी स्पष्ट कीजिए।
गिरगिट समय के अनुसार अपने को बचाने के लिए रंग बदल लेता है, ठीक इसी प्रकार इस कहानी का एक पत्र ओचुमेलॉव इंस्पेक्टर करता है। ओचुमेलॉव इंस्पेक्टरएक अवसरवादी, चापलूस किस्म का और भाई-भतीजावाद में विश्वास रखने वाला इंस्पेक्टर है। वह किसी की कार्य को करने से पहले अपना फायदा देखता और कुछ भी फायदा होने पर तुरंत अपनी बात से पलट जाता। चूँकि यह कहानी इसी इंस्पेक्टर के इर्दगिर्द ही घूमती है इसलिए इस कहानी का शीर्षक गिरगिट दिया गया है।
गिरगिट' कहानी के माध्यम से समाज की किन विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है? क्या आप ऐसी विसंगतियाँ अपने समाज में भी देखते हैं? स्पष्ट कीजिए।
हमारे आस-पास कुछ ऐसे लोग अवश्य ही होते है जो सच्चाई का साथ न देकर उच्चे पद पर आसीन लोगों चापलूसी करते हैं। ऐसे लोग बहुत ही चालक व स्वार्थी किस्म के होते है। इस प्रकार के लोग सिर्फ अपने फायदा का सोचते हैं और इसके लिए किसी को भी धोखा दे सकते है। ऐसे अवसरवादी लोग सफल होने के लिए भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, भाई-भतीजावाद, अवसरवादिता चापलूसी इत्यादि जैसे रस्तों का अनुसरण करते हैं। यद्यपि इन विसंगतियों को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, किंतु अभी अधिक सफलता नहीं मिल पाई है।
आशय स्पष्ट कीजिए
उसकी आँसुओं से सनी आँखों में संकट और आतंक की गहरी छाप थी।
ख्यूक्रिन नाम के एक व्यक्ति को कुत्ते ने काट लिया उसने कुत्ते को दौड़ाकर उसकी पिछली टाँग से पकड़ लिया था और साथ ही बहुत बुरी तरह पीटा और मारा जिससे की कुत्ता बहुत घबराया हुआ था। इतनी प्रताड़ना पाने के बाद कुत्ते के आँखों से आँसू लगातार बह रहे थे कुत्ते की आँखों को देखकर इस बात का साफ़ पता चलता था कि ख्युक्रिन की दहसत किस तरह से उसके अन्दर समाई हुयी थी।
आशय स्पष्ट कीजिए
.कानून सम्मत तो यही है... कि सब लोग अब बराबर हैं।
ख्यूक्रिन को नही पता था की वह कुत्ता किसका है उसने उस कुत्ते की बहुत ही बेहरहमी से पिटाई की थी जैसे ही उसे पता चला की यह कुत्ता जनरल साहब का है तो उसे तुरंत कानून की याद आ गयी वह कनून की दुहाई देने खाने लगा की कनून सभी के लिए एक समान होना चाहिए। कनून की नजरों में एक गरीब और एक मेरे में कोई भेद नही होना चाहिए। हर किसी को न्याय मिलना चाहिए।
नीचे दिए गए वाक्यों में उचित विराम- चिन्ह लगाइए-
(क)माँ ने पूछा बच्चों कहाँ जा रहे हो
उचित विराम-चिह्न के साथ वाक्य- माँ ने पूछा, “बच्चों, कहाँ जा रहे हो?”
(ख)घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था
उचित विराम-चिह्न के साथ वाक्य-घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था।
(ग)हाय राम यह क्या हो गया
उचित विराम-चिह्न के साथ वाक्य-हाय राम! यह क्या हो गया?
(घ)रीना सुहेल कविता और शेखर खेल रहे थे
उचित विराम-चिह्न के साथ वाक्य-रीना, सुहेल, कविता और शेखर खेल रहे थे।
(ङ)सिपाही ने कहा ठहर तुझे अभी मजा चखाता हूँ
उचित विराम-चिह्न के साथ वाक्य-सिपाही ने कहा, “ठहर! तुझे अभी मजा चखाता हूँ।”
नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित अंश पर ध्यान दीजिए-
मेरा एक भाई भी पुलिस में है।
यह तो अति सुंदर “डॉगी' है।
कल ही मैंने बिलकुल इसी की तरह का एक कुत्ता उनके आँगन में देखा था।
वाक्य के रेखांकित अंश 'निपात' कहलाते हैं जो वाक्य के मुख्य अर्थ पर बल देते हैं। वाक्य में इनसे पता चलता है कि किस बात पर बल दिया जा रहा है और वाक्य क्या अर्थ दे रहा है। वाक्य में जो अव्यय किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष प्रकार का बल या भाव उत्पन्न करने में सहायता करते हैं उन्हें निषात कहते हैं; जैसे-ही, भी, तो, तक आदि।
हो, भी, तो, तक आदि निपातों का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।
(क)ही − तुम ही सिर्फ़ यहाँ आना।
(ख)भी – तुम भी हमारे साथ केरल चलो।
(ग)तो – राम ने तो कल ही इस दुर्घटना की सूचना दे दी थी।
(घ)तक – तुम कल रात तक घर आ जाना।
(ङ)मात्र- यह किताब मात्र 50 रुपए की है।
पाठ में आए मुहावरों में से पाँच मुहावरे छॉँटकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
पाँच मुहावरे ओ उनका का वाक्य प्रयोग-
(क)ज़मीन फाड़कर निकल आना –थोड़ी देर पहले बाज़ार में कोई भी नहीं था। अचानक से सब लोग इकट्ठे हो गए मानो ज़मीन फाड़कर निकल आए हो।
(ख)मज़ा चखाना –राहुल बहुत अकड़ रहा था कक्षा के सभी छात्रों ने मिलकर उसे अच्छा मज़ा चखाया।
(ग)मत्थे मढ़ना-कुमुद ने अवसर पाकर अपना दोष निर्दोष सीमा के मत्थे मढ़ दिया।
(घ)गाँठ बाँध लेना-एक बात गाँठ बाँध लो कि बिना परिश्रम के कोई भी व्यक्ति सफलनहीं हो सकता।
(ङ)ज़िंदगी नरक होना –समुद्री तूफान में गौरव का सब कुछ खत्म हो गया और उसकी ज़िंदगी नरक हो गई।
नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए:
(क) प्र + भाव = प्रभाव
(ख) ना + पसंद = नापसंद
(ग) निर् + धारण = निर्धारण
(घ) अन + उपस्थित = अनुपस्थित
(ङ) ना + लायक = नालायक
(च) अ + विश्वास = अविश्वास
(छ) ला + परवाह = लापरवाह
(ज) अ + कारण = अकारण
नीचे दिए गए शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए:
(क) मदद + गार = मददगार
(ख) बुधि + मान = बुद्धिमान
(ग) गंभीर + ता = गंभीरता
(घ) सभ्य + ता = सभ्यता
(ङ) ठंड + आई = ठंडाई
(च) प्रदर्शन + ई = प्रदर्शनी
नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए-
(क)दुकानों में ऊँधते हुए चेहरे बाहर झाँके।
पदबंध का प्रकार- संज्ञा पदबंध
(ख)लाल बालोंवाला एक सिपाही चला आ रहा था।
पदबंध का प्रकार- विशेषण पदबंध
(ग)यह ख्यूक्रिन हमेशा कोई न कोई शरारत करता रहता है।
पदबंध का प्रकार- क्रिया पदबंध
(घ)एक कुत्ता तीन टाँगों के बल रेंगता चला आ रहा है।
पदबंध का प्रकार- क्रियाविशेषण पदबंध
आपके मोहल्ले में लावारिस / आवारा कुत्तों की संख्या बहुत ज़्यादा हो गई है जिससे आने-जाने वाले लोगों को असुविधा होती है। अतः लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
पता: अ, ब, स
दिनांक: 10 मार्च 2023
सेवा में,
निरीक्षक महोदय,
लखनऊ नगर निगम,
ज़ोन 7, लखनऊ।
विषय- आवारा कुत्तों की संख्या ज्यादा हो जाने के कारण उत्पन्न समस्याओं के संबंध में।
माननीय महोदय,
पिछले कुछ महीनों से हमारे मोहल्ले में लावारिस और आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ये कुत्ते यहाँ आते-जाते निवासियों पर बिना कारण ही भौंकते हैं और उनको काट खाने के लिए दौड़ पड़ते हैं। कई बार यह कुत्ते खाने पीने की चीजों पर भी झपट्टा मारते हैं। ये घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों के ऊपर-नीचे घूमते रहते है जिससे बहुत ही असुविधा होती है। अतः आपसे अनुरोध है कि इन आवारा कुत्तों को पकड़वाने का कष्ट करें ताकि लोग भयमुक्त होकर यहाँ रह सकें।
हम मोहल्ले वाले आपके आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद
क ख ग
.जिस प्रकार गिरगिट शत्रु से स्वयं को बचाने के लिए अपने आस-पास के परिवेश के अनुसार रंग बदल लेता है उसी प्रकार कई व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए परिस्थितियों के अनुसार अपनी बात, व्यवहार, दृष्टिकोण, विचार को बदल लेते हैं। यही कारण है कि ऐसे व्यक्तियों को गिरगिट’ कहा जाता है।
गिरगिट की तरह रंग बदलते लोग ये मुहावरा आप सभी ने सुना होगा ऐसे तरह के बहुत ही सारे लोग हामरे सामने वह साथ होते है जो लोग आप के साथ तो आप की तरह ही रहते है लकिन आप के पिट पीछे आप के अलग पहचना रखते है इस तरह के लोगों को ही कहते है जिस तरह से गिरगिट आपने आलग आलग रंग अलग अलग जरूरत प्र बदलता है उसी प्रकार से कुछ कुछ लोग होते है जो जजरूरत के हिस्ब से अपने आप को बदलते रहते है जिस प्रकार गिरगिट शत्रु से स्वयं को बचाने के लिए अपने आस-पास के परिवेश के अनुसार रंग बदल लेता है उसी प्रकार कई व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए परिस्थितियों के अनुसार अपनी बात व्यवहार दृष्टिकोण, विचार को बदल लेते हैं। यही कारण है कि ऐसे व्यक्तियों को गिरगिट’ कहा जाता है।
अवसर के अनुसार व्यावहारिकता का सहारा लेना आप कहाँ तक उचित समझते हैं? इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।
अवसर के अनुसार व्यावहारिकता बदलाब का सहारा लेना एक नर्कात्मक स्वभाव होता है जो इंसानों में उचित नहीं होता है लकिन कभी कभी ये ये बदलवा हामरे फायद की बात के लिए हो तो इस को उचित मान सकते है इस बदलाब से हमे किसी को हनी पंहुचा सकते है जो ठीक नहीं माना जाता है कुछ लोग अपने वह लोगों की भलाई के लिए भी खुद में बदलवो लाते है कभी कभी ऐसे बदलबा से लोगों को खुशी होती है तो लकिन जब किसी को नुकशान पहुचने के लिए बदलवाओ आया हो तो इस तरह का वयवहार से दूर ही रहना चाहिए इस तरह से कभी कभी ये अवसर के अनुसार व्यावहारिकता का सहारा लेना उचित समझते समझ सकते है कभी कभी इस का भरी नुकशान का भी सामना करना पड़ता है |
यहाँ आपने रूसी लेखक चेखव की कहानी पढ़ी है। अवसर मिले तो लियो टाल्स्टॉय की कहानियाँ भी पढ़िए।
इस कहानी को को पढ़ के हमे इस कहानी के नाम के बारे में पता चलता है की इस कहानी का नाम टाल्सटॉय ने इक्छाओ का कोई अंत नहीं क्यों रखा होगा इस इस कहानी में इस की नाम की तरह जी कहानी चलती है जिस में एक सन्यासी आता है और उस आदमी को जमीन की लालच देता है वह आदमी अधिक धन पाने के लिए उस सन्यासी की बात मान लेता है ओर उस के बताई जगह चला जाता है उस की इक्च्छा ओर अधिक धन पाने की हो जाती है जिस के कारण उस को मरना पड़ता है इस इस वह अपनी इक्च्छा को पूरी करने के लिए अंत तक कोशिश करता रहत है |
गिरगिट’ कहानी में आवारा पशुओं से जुड़े किस नियम की चर्चा हुई है? क्या आप इस नियम को उचित मानते हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
आवारा पशुओं को खुला छोड़ना एक दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर उस पशु के मालिक को कानून के तहत सजा या जुर्माना हो सकता है। हम इस नियम को उचित मानते हैं क्योंकि आवारा पशुओं को खुला छोड़ने पर वे किसी को भी नुकसान पहुँचा सकते हैंआवारा पशुओं में भी जान होती है। यदि मनुष्य उसके रास्ते में आए और उससे आहत हो जाए, तो इसका अर्थ यह नहीं होता कि उसे मार दिया जाए। मनुष्य की मर्जी होती है, तो वह राह चलते जानवरों को मार देते हैं। यह भी तो सही नहीं है। जब तक पशु मनुष्य को लाभ दे रहे तब तक उन्हें अपने साथ रखते है उसके बाद उन्हें छोड़ देते है कहानी समाज में सत्ताधारी लोगों द्वारा कमजोर लोगों के दमन के बारे में है। ऐसी विसंगतियाँ हमारे समाज में भी है यह लोग भी इसी प्रकार के होते है जो कमज़ोर लोग होते है उन प्र अपना हुकूमत चलते है जिस तरह इस कहनी में था |
गिरगिट कहानी का कक्षा में या विद्यालय में मंचन कीजिए। मंचन के लिए आपको किस प्रकार की तैयारी और सामग्री की जरूरत होगी उनकी एक सूची भी बनाइए।
यह कहावत तो गिरगिट की तरह रंग बदलना बरसों पुरानी चली आ रही है | अपना काम निकलने के बाद सब गिरगिट की तरह रंग बदलते है जिस को प्रस्तुत करने के लिए हम सब को बहुत तरह से तैयारी करनी होगी जिस में हम सभी लोगों को गिरगिट की तरह रंग बदलते हुआ उस व्यक्ति की भवो को प्रकट पाए इस तरह से हम सभी मंच में एक व्यक्ति को प्रस्तुत करते है जो बात बात पर अपने आप को बदलता रहता है जिस को समझना बहुत मुश्किल है जब क्या करता हो कब क्या बोलता हो ऐसे व्यक्ति पर हम यकीन नहीं कर सकते है |