Welcome to our comprehensive guide on Class 10 Hindi Sparsh's Chapter 15 "Ab Kaha Dusro Ke Dukh". These Solutions are designed to assist students by providing a curated list of Question and Answers in line with the NCERT guidelines. These are targeted to help enhance your understanding of the subject matter, equipping you with the knowledge needed to excel in your examinations. Our meticulously crafted answers will ensure your conceptual clarity, paving the way for your successful academic journey. Let's get started!

बड़े बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे क्यों धकेल रहे थे? 

 बड़े बड़े बिल्डर समुद्र को अपने लोभ के लिए पीछे धकेल रहे थे। समुद्र को पीछे धकेल कर उसकी जमीन हथियाना चाह रहे थे  ताकि वहां पर बड़ी-बड़ी इमारत खड़ी कर के ढेर सारा धन कमा सकें। 

 लेखक का घर किस शहर में था? 

लेखक का घर ग्वालियर में था परंतु वह अब मुंबई के वर्सावा मे रहता था। 

जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा हैं? 

आजकल जीवन घरों में सिमट में लगा है क्योंकि पहले पूरा संयुक्त परिवार एक साथ एक घर में रहता था किंतु अब सब लोग  व्यक्तिवादी भावना से अभिभूत है इसलिए आजकल जीवन छोटे छोटे डब्बे जैसे घरों में ही सिमटने लगा है। 

कबूतर परेशानी में इधर-उधर क्यों फड़फड़ा  रहे थे? 

कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। इसलिए परेशान थे क्योंकि उनके दोनों अंडे फूट चुके थे। उनके एक अंडे को बिल्ली ने खा लिया था और दूसरा अंडा लेखक की मां के हाथ से फूट गया था। 

अरब में लश्कर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?

अरब में लश्कर को नूह के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि वहां के लोग सारी उम्र रोते रहते हैं। उनके रोने का कारण एक जख्मी कुत्ता था जिसे उन्होंने दुत्कार दिया था। इसी कारण से वे हमेशा रोते रहते हैं। 

 लेखक की मां  किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने से मना करती थी और क्यों? 

लेखक की मां सूरज ढलने के बाद पेड़ों से पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थी। उनका कहना था कि सूरज ढलने के बाद पत्ते तोड़ने से पेड़ रोते हैं और बद्दुआ देते हैं। 

प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ? 

प्रकृति में आए असंतुलन का बहुत बुरा परिणाम हुआ। दुष्परिणाम के रूप में मौसम अनिश्चित हो गए। अब गर्मी में ज्यादा गर्मी होने लगी हैं, बेवक्त बरसात होने लगी है, तूफ़ान, भूकंप, बाढ़, नये- नये रोगों का प्रकोप बढ़ चला।

लेखक की मां ने  पूरे दिन का रोजा क्यों रखा? 

 लेखक की मां ने कबूतर के एक अंडे को बिल्लियों से बचाने के लिए धूल पर चढ़कर सुरक्षित कर रही थी परंतु अंडा उनके हाथ से गिर गया और टूट गया। अपने इसी गलती का प्रायश्चित करने के लिए उन्होंने पूरे दिन का रोजा रखा। 

लेखक ने ग्वालियर से मुंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर लिखिए। 

समय के साथ-साथ लेखक ने बहुत सारे बदलावों को महसूस किया। जहां पहले हरियाली थी, पशु उन्मुक्त स्थान पर रहते थे, पशु पक्षी उन्मुक्त वितरण करते थे। उन जंगलों को काट कर चौड़ी सड़कें और बस्तियां बना दी गई है। आज मनुष्य आत्म केंद्रित हो गया है और भावनाएं समाप्त होती जा रही है। 

 डेरा डालने से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए। 

 डेरा डालने से अभिप्राय है - अस्थाई रूप से बसना। ज्यादातर खानाबदोश जातियां डेरा डालकर रहती है क्योंकि उनके स्थाई घर नहीं होते हैं। पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बड़ी-बड़ी बसिया बनने के कारण पेड़ों के कटने से अनेक पशु पक्षियों के आश्रय टूट गए। अब उन्होंने इधर उधर डेरा डाल दिया अर्थात रहने के लिए घोंसला बना लिए।

शेख अयाज के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़कर क्यों उठ खड़े हुए। 

शेख अयाज के पिता जब भोजन कर रहे थे तब उन्होंने देखा कि उनके बाजू में एक काला चिटा रेंग रहा है। जमुनिया देखा तो वह भोजन छोड़ कर उठ खड़े हुए। माँ दु द्वारा यह पूछने पर कि क्या भोजन अच्छा नहीं लगा? उन्होंने बोला कि नहीं उन्होंने किसी घरवाले को बेघर कर दिया है और उसे उसके घर कुए पर छोड़ने जाना होगा। किसी का पता चलता है कि वह शीघ्र ही अपने भूल का प्रायश्चित कर लेना चाहते थे। 


 बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा? 

 बढ़ती हुई आबादी के कारण पर्यावरण पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। पर्यावरण असंतुलित होता जा रहा है। आवासीय स्थलों को बढ़ाने के लिए वन , जंगल यहाँ तक कि समुद्र स्थलों को भी छोटा किया जा रहा है। ऐसे करने से अब पशु पक्षियों के लिए भी स्थान नहीं बच रहे हैं। इन्हीं सब कारणों से  प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है और प्राकृतिक आपदाएं बढ़ती जा रही है। इन्हीं सब कारणों से भूकंप, बाढ़, तूफान, वर्षा ,गर्मी हो रहे हैं और इन सब कारणों से बीमारियां भी बढ़ती जा रही है। इस तरह से पर्यावरण का असंतुलन का जन जीवन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। 

लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली क्यों लगवानी पड़ी? 

 लेखक के घर में कबूतर ने घोंसला बना लिया था। घोसला में कबूतर ने दो बच्चे भी दिए थे। कबूतर हमेशा घोसले में अपने बच्चों को दाना देने आया जाया करते थे जिसके कारण लेखक की पत्नी को बहुत परेशानी होती थी क्योंकि आते जाते समय कबूतर बहुत ही तोड़फोड़ मचाया करते थे। इससे परेशान होकर लेखक की पति ने मचान के आगे घोसला सड़का दिया और खिड़की में जारी लगा दिया।


समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला? 

बहुत सालों से शहर के बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल रहे थे और  वहां की जमीन को हथिया रहे थे। इसके कारण समुद्र सिमटता जा रहा था।उसने पहले टाँगें समेटी फिर उकडू बैठा फिर खड़ा हो गया। फिर भी जगह कम पड़ने लगी जिससे वह गुस्सा हो गया। उसने गुस्सा निकालने के लिए तीन जहाज फेंक दिए। एक वार्लीके समुद्र के किनारे, दूसरा बांद्रा मे कार्टर रोड के सामने और तीसरा गेट वे ऑफ इंडिया पर टूट फूट गया।

.मट्टी से मट्टी मिले,

खो के सभी निशान,

किसमें कितना कौन है,

कैसे हो पहचान

इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।

इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने यह बताया है कि सभी प्राणी एक ही मिट्टी से बने हैं और अंत में हमारा शरीर व्यक्तिगत पहचान खोकर उसी मिट्टी में मिल जाता है। यह पता नही रहता कि उस मिट्टी में कौन-कौन से मिट्टी मिली हुई है यानी मनुष्य में कितनी मनुष्यता है और कितनी पशुता यह किसी को पता नहीं होता।

नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था। आशय स्पष्ट कीजिए।

 इस पंक्ति का आशय प्रकृति से जुड़ा हुआ है। प्रकृति के साथ मनुष्य खिलवाड़ करता रहा है परन्तु प्रकृति की भी एक हद तक सहने की शक्ति होती है। इसके गुस्से का नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था। इसने तीन जहाजों को गेंद की तरह उछाल दिया था।

जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। आशय स्पष्ट कीजिए। 

ऐसा कहा गया है कि जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है क्योंकि उम्र के साथ आपकी ज्ञान और सहनशीलता बढ़ती जाती है। महान तथा बड़े लोगों में क्षमा करने की प्रधानता होती है। किसी भी व्यक्ति की महानता क्रोध कर दण्ड देने में नहीं होती है बल्कि किसी की भी गलती को क्षमा करना ही महान लोगों की विशेषता होती है। समुद्र महान है। वह मनुष्य के खिलवाड़ को सहन करता रहा। पर हर चीज़ की हद होती है। एक समय उसका क्रोध भी विकराल रूप में प्रदर्शित हुआ। वैसे तो महान व्यक्तियों की तरह उसमें अथाह गहराई,शांति व सहनशक्ति है।


इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है। आशय स्पष्ट कीजिए। 

जब बिल्डरों ने बस्ती के पर्यावरण के साथ छेड़खानी की और उसे अपने लाभ के लिए थोड़ा पूरा उन लोगों के साथ-साथ परिंदों परिंदों के भी घर छीन लिए गए थे। पेड़ आदि कटने के कारण पक्षियों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था। बस्तियों के फैलाव से पेड़ कटते गए और पक्षियों के घर छिन गए। कुछ की तो जातियाँ ही नष्ट हो गईं। कुछ पक्षियों ने यहाँ इमारतों में डेरा जमा लिया।

शेख अयाज़ के पिता बोले, नहीं, यह बात नहीं हैं। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ। इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए। आशय स्पष्ट कीजिए।

जब शेख अयाज़ के पिता बोले, नहीं, यह बात नहीं हैं। मैने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ। इन पंक्तियों में उनकी यह भावना छिपी हुई थी कि वे पशु-पक्षियों की भावनाओं को समझते थे। वे चीटें को भी घर पहुँचाने जा रहे थे। उनके लिए मनुष्य पशु-पक्षी एक समान थे। वे किसी को भी तकलीफ नहीं देना चाहते थे।

उदारण के अनुसार निम्नलिखित वाक्यों में कारक चिह्नों को पहचानकर रेखांकित कीजिए और उनके नाम रिक्त स्थानों में लिखिए; जैसे −

(क) माँ ने भोजन परोसा। कर्ता

(ख) मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ। ......................

(ग) मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया। ......................

(घ) कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। ......................

(ङ) दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो। ......................

(क) माँ ने भोजन परोसा।      कर्ता

(ख) मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ।      संप्रदान

(ग) मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया।      कर्म

(घ) कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।      अधिकरण

(ङ) दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो।      अधिकरण


नीचे दिए गए शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए −

चींटी, घोड़ा, आवाज़, बिल, फ़ौज, रोटी, बिंदु, दीवार, टुकड़ा।

चींटी      -      चीटियाँ

घोड़ा      -      घोड़ें

आवाज़      -      आवाज़ें

बिल      -      बिल

फ़ौज      -      फ़ौजें

रोटी      -      रोटियाँ

बिंदु      -      बिंदु (बिदुओ को)

दीवार      -      दीवारें

टुकड़ा      -      टुकड़े

निम्नलिखित वाक्यों में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरे किजिए −

(क) आजकल .................. बहुत खराब है। (जमाना/ज़माना)

(ख) पूरे कमरे को .................. दो। (सजा/सज़ा)

(ग) माँ दही ............... भूल गई। (जमाना/ज़माना)

(घ) ............. चीनी तो देना (जरा/ज़रा)

(ङ) दोषी को ............ दी गई। (सजा/सज़ा)

(च) महात्मा के चेहरे पर................ था। (तेज/तेज़) 

(क) आजकल ....ज़माना...... बहुत खराब है।

(ख) पूरे कमरे को ....सजा...... दो।

(ग) माँ दही ....जमाना... भूल गई।

(घ) ...ज़रा.... चीनी तो देना

(ङ) दोषी को ..सज़ा.... दी गई।

(च) महात्मा के चेहरे पर ..तेज.. था।