Welcome to our comprehensive guide on Class 10 Hindi Kshitij's Chapter 5 "suryakant tripathi nirala ". This guide is designed to assist students by providing a curated list of Question and Answers in line with the NCERT guidelines. These are targeted to help enhance your understanding of the subject matter, equipping you with the knowledge needed to excel in your examinations. Our meticulously crafted answers will ensure your conceptual clarity, paving the way for your successful academic journey. Let's get started!

कवि बादल से फुहार या बरसने के स्थान पर ‘गरजने ’के लिए कहता है, क्यों?

कवि बादल से फुहार रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि गरजने के लिए कहता है क्योंकि गरजना विद्रोह का प्रतीक है। कवि बादलों को क्रांति का सूत्रधार मानता है। कवि ने बादल के माध्यम से कविता मे नूतन विद्रोह का आहवान किया है। कवि बादलों से पौरुष दिखाने की कामना करता है। बादल एक तरफ पीड़ित प्यासे जन की आकांक्षा को पूरा करने वाला है तो दूसरी तरफ वही बादल नई कल्पना और नए अंकुर के लिए विध्वंस विप्लव और क्रांति चेतना को संभव करने वाला है। बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह भर देता है इसलिए कवि ने बादलों से गरजने का आह्वान किया है।

कविता का शीर्षक "उत्साह" क्यों रखा गया है?

निराला जी ने कविता का शीर्षक उत्साह इसलिए रखा है क्योंकि वह ऐसा मानते हैं कि बादलों में भीष्म गति होती है और उसी से वह संसार के ताप हरता है । कवि क्रांति लाने के लिए लोगों को उत्साहित करना चाहते हैं। कवि ऐसी ही गति ऐसी ही भावना और शक्ति चाहता है। कवि जीवन को समग्र और व्यापक दृष्टि से देखता है। कविता में ललित कल्पना और क्रांति चेतना दोनों है। सामाजिक क्रांति या बदलाव में साहित्य का महत्वपूर्ण योगदान है। निराला जी इसे नवजीवन और नूतन जीवन के संदर्भ में देखते हैं, इसलिए कवि ने कविता का शीर्षक उत्साह रखा है।

कविता में बादल किन किन अर्थों की ओर संकेत करता है?

कविता में बादल निम्नलिखित अर्थों की ओर संकेत करता है।

1. फूल अपनी सुगंध चारों ओर बिखेर रहे हैं|

2. चारों तरफ हरियाली छाई हुई है|

3. प्रकृति की इस छटा से आँख हटाना दूभर हो रहा है|

4. वातावरण में उत्साह और उमंग का माहौल है।

5. पीड़ित प्यासे जन की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है|

6. नई कल्पना और नए अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति चेतना को संभव करने वाला है।

7. गर्मी से राहत देने वाला।

शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन से शब्द हैं जिनमें नाद सौंदर्य मौजूद है, छांट कर लिखिए।

उत्साह कविता में निम्नलिखित शब्दों में नाद सौंदर्य देखने को मिलता है–

1.  घेर-घेर घोर गगन,धराधरा ओ!

2. ललित ललित, काले घुंघराले ,

     बाल कल्पना के–से पाले।

3. विद्युत– छवि उर में ।

जैसे बादल उमड़-घुमड़ कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन के भी भावों के बादल उमड़ घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।

महाकवि निराला जी की कविता की विशेषता कुछ इस प्रकार है–

–मानवीय अलंकारों का प्रयोग देखने को मिलता है,

–तत्सम शब्दों का प्रयोग बहुत किया गया है,

–अनुप्रास, यमक ,रूपक ,उपमा इत्यादि अलंकारों का प्रयोग किया गया है,

–गीत शैली की वजह से लयबद्धता देखने को मिलती है।

छायावाद की एक खास विशेषता है, अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है। लिखिए।


 छायावाद की एक खास विशेषता है अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। अट नहीं रही है कविता में निम्नलिखित पंक्तियों से उपयुक्त धारणा पुष्ट होती है–

आभा फागुन की तन 

 सट नहीं रही है।

उड़ने को नभ में तुम

पर –पर कर देते हो,

आंख हटाता हूँ तो

हट नहीं रही है।


कवि  की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?

कवि की आँख फागुन की सुंदरता से इसलिए नहीं हट रही है क्योंकि फागुन के महीने में प्रकृति का सौंदर्य अत्यंत मनमोहक होता है। चारों ओर हरियाली फैली हुई है और रंग-बिरंगे फूल अपनी सुगंध से वातावरण को मुग्ध कर देते हैं। हरी और लाल पत्तियां लटक रही है। प्रकृति का यह नया रंग और सुगंध लोगों के जीवन में नई उमंग को पैदा कर देती है।

प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?

प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन निम्नलिखित रूपों में किया है–

•बाग बगीचों में चारों ओर हरियाली छा रही है।

•फूलों की खुशबू वातावरण को सुगंधित कर रही है।

•पेड़ पौधे में पत्ते पाकर खिल खिला रहे हैं।

•कवि को प्रकृति के सौंदर्य से आँख हटाना मुश्किल लग रहा है।

•गलियाँ कहीं हरी तो कहीं लाल पत्तियों से भर जाती हैं।

फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं उसे भिन्न होता है?

कविता फागुन की मादकता को प्रकट करता है । कवि फागुन की सर्वव्यापक सुंदरता को अनेक संदर्भ में देखता है। जब मन प्रसन्न हो तो हर तरफ फागुन का ही सुंदर और उल्लास दिखाई पड़ता है। प्रकृति की शोभा अपने चरम पर होती है। पेड़ पौधे ,नए पत्तों ,फल और फूलों से लग जाते हैं , हवा सुगंधित होती है, आकाश साफ और स्वच्छ हो जाता है ।पक्षियों के समूह आकाश में विहार करते दिखाई देते हैं ।बाग बगीचों और पक्षियों में उल्लास भर जाता है। इस तरह फागुन का सौंदर्य बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है।

कविताओं के आधार पर निराला के काव्य शिल्प की विशेषताएँ बताएं।

महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी छायावाद के प्रमुख कवियों में से एक थे। निराला जी के काव्य शिल्प की विशेषताएँ कुछ इस प्रकार हैं–

– उत्साह और अट नहीं रही है कविताओं में प्रकृति चित्रण द्वारा मन के भावों को प्रकट किया गया है।

–निराला जी ने कविताओं में तत्सम शब्दों का प्रयोग उचित मात्रा में किया है।

–निराला जी ने अलंकारों का भी प्रयोग काफी अच्छे तरीके से किया है ।उन्होंने अनुप्रास ,रूपक ,यमक ,उपमा आदि अलंकारों का प्रयोग किया है

– कविताओं में मानवीय अलंकार का प्रयोग हुआ है। पहली कविता में कवि बादल को गरज गरज कर बरसने को कह रहे हैं , तो दूसरी कविता में कवि फागुन से बात करते हैं।

होली के आसपास प्रकृति में जो परिवर्तन दिखाई देते हैं, उन्हें लिखिए।

होली के आसपास प्रकृति में कई परिवर्तन दिखाई देते हैं, जैसे–

–पेड़ पौधों पर नए नए फूलों और पत्तों का आना|

–वातावरण में ताज़ी हवा का महसूस होना।

–पक्षियों में उल्लास का दिखाई देना।

–लोगों में नई उमंग का नजर आना। 

–आकाश में स्वच्छता का दिखाई देना।