Welcome to our comprehensive guide on Class 10 Hindi Kshitij's Chapter 12 "yashpal". This guide is designed to assist students by providing a curated list of Question and Answers in line with the NCERT guidelines. These are targeted to help enhance your understanding of the subject matter, equipping you with the knowledge needed to excel in your examinations. Our meticulously crafted answers will ensure your conceptual clarity, paving the way for your successful academic journey. Let's get started!

लेखक को नवाब साहब के किन हाव- भाव से महसूस हुआ कि वे उनसे बात करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं?

लेखक जब भी नवाब साहब से बात कर रहे थे तो नवाब साहब की आँखों में असंतोष नज़र आ रहा था। बात करने की बजाय नवाब साहब इधर - उधर देख रहे थे। बातचीत करते समय नवाब साहब विचलित हो रही थी जिससे पता चलता है कि नवाब साहब लेखक से बात करने में तनिक भी उत्सुक नहीं थे।

नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा कांटा, नमक- मिर्च बुरका , अंततः सूघंकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उनका ऐसा करना उनके किस स्वभाव को इंगित करता हैं?

नवाब साहब का खीरे को काटकर फेंक देना उनके दिखावटीपन को इंगित करता हैं। ऐसा करना उनकी सनत का प्रतीक है। आम लोगों से अलग कार्य कर कर अपने नवाबीपल को दिखाना चाहते हैं। ऐसा स्वभाव दिखाकर वे अपनी शानो शौकत दिखाना चाहते हैं व अपना दिखावटी पन दिखाते हैं।

बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल की इस विचार से आप कहां तक सहमत हैं?

बिना विचार, घटना और पात्रों के कोई भी कहानी नहीं लिखी जा सकती। यह तत्व किसी भी कहानी के लिए अति आवश्यक है। बिना पात्रों, विचारों और घटनाओं के किसी भी कहानी का ढांचा उकेरा नहीं जा सकता। इन तत्वों की बिना कहानी अधूरी होती हैं। इन तत्व से ही कहानी सजीव बनती हैं।

आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे?

प्रस्तुत कहानी में लखनऊ के नवाब के दिखावटीपन को रेखांकित किया गया है। नवाब साहब झूठी शानों- शौकत दिखाने वाले व्यक्ति हैं। इसीलिए 'झूठी नवाबीपन ' प्रस्तुत कहानी को नाम देना चाहेंगे। नवाब साहब का झूठा शान बिखेरना व झूठा दिखावा करने की प्रवृत्ति को देखते हुए यह शीर्षक सार्थक हैं।

(क) आप साहब द्वारा खीरे खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है। पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में कीजिए

रेलगाड़ी सेकंड क्लास में यात्रा करते आप साहब अपने सीट के नीचे से लोटा निकाल कर खीरों को खिड़की से बाहर धोते हैं। तोलिए से उन्हें पूछते हैं, जेब से चाकू निकालकर खीरे के सिरों को काटते हैं उन्हें गोदकर झाग निकालते हैं। फिर उस पर काला नमक- मिर्च बुरकते हैं और केवल सूघंकर ही फैंक देते हैं।

(ख) किन- किन चीजों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं?

रसस्वादन के लिए निम्नलिखित बातों की आवश्यकता होती है:-

१. आम को खाने के लिए आम को को साफ पानी से धोकर, छोटे टुकड़ों में काटकर, कांटे से खाया जाता हैं।

२. सेब को सबसे पहले सेब को साफ पानी से धोकर, टुकड़ों में काटकर चाट मसाला बुरक कर ग्रहण किया जाता है।

 खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को सनक कहा जा सकता है। आपने नवाब की और सनकों और शौक के बारे में पढ़ा- सुना होगा। किसी एक के बारे में लिखिए।

जिस प्रकार से नवाब साहब का स्वभाव खीरे के प्रति था उसे देखकर कहा जा सकता है कि यह नवाब साहब की सनक थी। बचपन में मैंने एक कहानी सुनी थी जिसमें इसी प्रकार के नवाब के दिखावटीपन व सनक प्रदर्शन होता है। साहब के किले पर अंग्रेजों ने आक्रमण कर दिया था। सभी लोग इधर-उधर भाग रहे थे। नवाब साहब अपनी गद्दी पर ही बैठे थे। तब अंग्रेज ने उनसे पूछा कि आप भागे क्यों नही? नवाब साहब ने इस प्रश्न का उत्तर दिया कि मुझे जूते पहन आने वाला कोई नहीं है।

क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता हैं? यदि हां तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए।

हां! सनक का भी सकारात्मक रूप हो सकता है। किसी व्यक्ति की सनक सकारात्मक हो तो वह सकारात्मक सनक मानी जाएगी। कैसे किसी व्यक्ति की सनक देश कल्याण, किसी अन्य व्यक्ति की भलाई व अन्य किसी सकारात्मक कार्य के लिए हो तो वह सही हैं। जैसे किसी नेता को देश कल्याण की सनक हुआ तो वह सकारात्मक सनक कहलाएगी।

निम्नलिखित वाक्य में से क्रियापद छांटकर क्रिया -भेद भी लिखिए -

(क) एक सफ़ेदपोश सज्जन बहुत सुविधा  से पालथी मारे बैठे थें।

सकर्मक क्रिया: ऐसी क्रिया जिसमें कर्ता द्वारा किए गए कार्य से अन्य चीजें प्रभावित होती है।                  क्रिया पद :- बैठे थे 

अकर्मक क्रिया: ऐसी क्रिया का फल करता पर पड़ता है। ऐसी क्रिया में कर्म का अभाव होता है।   भेद:- अकर्मक क्रिया

(ख) नवाब साहब ने संगीत के लिए उत्साह नहीं दिखाया।

 प्रस्तुत पंक्तियों में क्रियापद  'दिखाया' हैं। तथा क्रिया भेद ' सकर्मक क्रिया' हैं।


(ग) खाली बैठे,  कल्पना करना पुरानी आदत हैं।

प्रस्तुत पंक्तियों में क्रियापद ' आदत हैं ' हैं। तथा क्रिया भेद ' सकर्मक क्रिया ' हैं।

(घ) अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे ।

प्रस्तुत पंक्तियों में क्रिया पद 'खरीदे होंगे' हैं। तथा क्रिया भेद ' सकर्मक क्रिया' हैं।

(ड) दोनों खीरों के सिरे काटे और उन्हें गोदकर झाग निकाला।

प्रस्तुत पंक्तियों में क्रियापद '  निकाल ' हैं। तथा क्रिया भेद '  सकर्मक क्रिया' हैं।

(च) नवाब साहब ने सतृष्णा आंखों से नमक - मिर्च संयोग से चमकती खीरे फांकों की ओर देखा।

प्रस्तुत पंक्तियों में क्रिया पद ' देखा' हैं। तथा क्रिया भेद ' सकर्मक क्रिया' हैं।

(छ) नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल  से थककर लेट गए।

प्रस्तुत पंक्तियों में क्रिया पद ' लेट गए ' हैं। तथा क्रिया भेद ' अकर्मक क्रिया ' हैं।

( ज)जेब से चाकू निकाला।

प्रस्तुत पंक्तियों में क्रिया पद 'निकाला' हैं। तथा क्रिया भेद ' सकर्मक क्रिया' हैं।